किसान हिंसा : 215 सीसीटीवी कैमरों से ढूंढ़े जा रहे लाल किला के गुनहगार

दिल्ली पुलिस लाल किला परिसर में लगे 215 सीसीटीवी कैमरों के जरिए मंगलवार की हिंसा के गुनहगारों को ढूंढ़ रही है। पुलिस ने इसके लिए मोबाइल से बनाए गये वीडियो के अलावा न्यूज चैनल द्वारा बनाये गए वीडियो से भी सहायता लेगी।

दरअसल, 26 जनवरी को देखते हुए लाल किला के चारों तरफ उच्च गुणवत्ता के 215 सीसीटीवी कैमरे लगाये गये थे। अब यही कैमरे पुलिस के लिए सबूत के स्रोत बनेंगे। फिलहाल उत्तर जिला पुलिस बुधवार शाम को सीसीटीवी फुटेज हार्ड डिस्क में अपलोड कर रही थी। वहीं दो दर्जन से अधिक मोबाइल वीडियो को भी सबूत के तौर पर जमा किया जा रहा है। पुलिस ने वहीं भीड़ द्वारा लगाए गए झंडे को भी केस प्रापर्टी के तौर पर जब्त कर लिया है।

फेस रिकगनीशन साफ्टवेयर का इस्तेमाल
पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने बताया कि दिल्ली पुलिस फेस रिकगनीशन साफ्टवेयर का भी इस्तेमाल कर रही है। इस तकनीकी का इस्तेमाल बीते साल उत्तर पूर्वी दिल्ली के दंगों में आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए किया गया था। पुलिस ने फुटेज के जरिए दंगाईयों के फोटो निकालकर इनका पता लगाएगी।

10 हजार से अधिक मोबाइल नंबर रडार पर
पुलिस ने मंगलवार को हिंसा में शामिल संदिग्धों के करीब 10 हजार नंबर की भी जांच कर रही है। ये वे नंबर हैं जिनकी लोकेशन कुछ समय पहले सिंघु, टिकरी, गाजीपुर बार्डर और या फिर दिल्ली से काफी दूरी पर थी। पुलिस इन नंबरों के आपसी कनेक्शन के जरिए भी सबूत जमा कर रही है। दरअसल, इंटरनेट बंद होने के बाद से लोगों ने फोन करके एक दूसरे सम्पर्क साधा था।

ट्रैक्टर के नंबर भी बने सबूत
पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे की फुटेज एवं वीडियोग्राफी के दौरान आए ट्रैक्टरों के नंबर के जरिए भी उपद्रवियों को खोज रही है। इसी तरह समयपुर बादली पुलिसने 30 ट्रैक्टरों के नंबर भी जमा किए हैं जिनके मालिकों को नोटिस देकर जांच के लिए बुलाया जाएगा।

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