UP Panchayat Chunav से पहले जारी हुई हिस्ट्रीशीटर्स की लिस्ट, टॉप-10 में डॉ. कफील खान

यूपी में होने वाले पंचायत चुनावों को देखते हुए बदमाशों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई तेज कर दी है. इसी के तहत पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 81 लोगों की हिस्ट्रीशीट खोली है. डॉ कफील का नाम टॉप-10 लिस्ट में शामिल हैं.

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव (Uttar Pradesh) को लेकर सरगर्मियां काफी तेज हो गई हैं. सीएम योगी (CM Yogi) के गृहजनपद गोरखपुर में पुलिस ने जिले के पेशेवर अपराधियों की लिस्ट तैयार की है. पुलिस ने जिले के 81 हिस्ट्रीशीटरों की लिस्ट जारी की है. इस लिस्ट में साल 2017 में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज ऑक्सीजन कांड के बाद सुर्खियों में आए बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कफील खान का नाम टॉप टेन में है. लिस्ट सामने आने के बाद कफील ने सूबे की योगी सरकार पर निशाना साधा है.

डॉ कफील (Dr Kafeel) ने ट्वीट के जरिए निशाना साधते हुए लिखा कि यूपी सरकार निर्दोष लोगों पर दबाव बनाने का काम कर रही है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जोगेंद्र कुमार के निर्देश पर 81 लोगों को सूची में शामिल किया गया है.

पुलिस की कार्रवाई तेज
गोरखपुर पुलिस (Gorakhpur Police) ने यूपी में होने वाले पंचायत चुनावों को देखते हुए बदमाशों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई तेज कर दी है. इसी के तहत पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 81 लोगों की हिस्ट्रीशीट खोली है और सत्तर के करीब बदमाशों को चिन्हित किया गया है. इसके अलावा जमानत पर छूटे बदमाशों पर भी पुलिस की नजर बनी हुई है.

जारी किया था वीडियो संदेश
शनिवार को जारी एक वीडियो संदेश में कफील ने कहा कि ‘यूपी सरकार ने मेरी हिस्ट्रीशीट खोली है. वह कहते हैं कि वह मुझ पर नजर रखेंगे. यह अच्छी बात है. मुझे दो सुरक्षा गार्ड दिए जाऐंगे जो मुझ कर 24 घंटे निगरानी रखेंगे. कम से कम मैं खुद को फर्जी मामलों से बचा पाऊंगा. उत्तर प्रदेश में स्थिति ऐसी है कि अपराधियों पर नजर नहीं रखी जाती है, लेकिन निर्दोष व्यक्तियों की हिस्ट्रीशीट खोली जाती है.’

तीन बार लग चुका है रासुका
अगस्त 2017 में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज (Gorakhpur Medical College) में कथित रूप से ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने से 60 से ज्यादा बच्चों की मौत के मामले में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य समेत कई लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था, उनमें डॉक्टर कफील (Doctor Kafeel) भी शामिल थे. पिछले साल उत्तर प्रदेश पुलिस ने रासुका यानी NSA लगाया गया था जिसके चलते कफील को आठ महीने जेल के अंदर रहना पड़ा. जेल के अंदर से इन्होंने भड़काऊ बयान भी दिए थे. उनके खिलाफ गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी के कारण बड़ी संख्या में हुई बच्चों की मौत से जुड़े मामले समेत कई Fir दर्ज हैं. उन पर तीन बार NSA लगाया जा चुका है. हालांकि, हाई कोर्ट ने उनके खिलाफ लगे NSA को रद्द कर दिया.

भड़काऊ भाषण देने पर किया गया था अरेस्ट
10 जनवरी 2019, को नागरिकता विरोधी (संशोधन) अधिनियम (सीएए) विरोध प्रदर्शन के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भाषण देने के बाद खान को जनवरी 2020 में अरेस्ट किया गया. बाद में उन्हें कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत आरोपित किया गया.

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