चंबल में अमंगल: ज़ख्मी सिपाही का बदला लेने पहुंचे SHO रेत माफिया की फायरिंग में फंसे, नाले में कूदकर बचाई जान
रेत माफियाओं के हथियारबंद गुंडों ने सुधीर सिंह (Sudhir Singh) को घेर कर हमला बोल दिया. तमाम जद्दोजहद के बाद थानाध्यक्ष कैंट सुधीर सिंह कुशवाह ने मौके पर मौजूद एक नाले में कूदकर खुद की जान बचाई.
लाख कोशिशों के बाद भी मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में रेत खनन माफिया मनमर्जी करने पर ही आमादा है. करोड़ों के इस काले-कारोबार में लिप्त माफियाओं के निशाने पर रहती भी खाकी ही है. कभी किसी आईपीएस अफसर (IPS officer) को यह माफिया निपटाने में नहीं घबराते. तो अक्सर इनके निशाने पर, थाने-चौकी के हलवदार-सिपाही यहां तक कि एसएचओ (SHO) ही आ रहे हैं. तस्वीर का दूसरा और गंभीर पहलू यह भी है कि जो, खाकी इनकी बंदूकों के निशाने पर रहती है, उसी खाकी वर्दी के माथे अक्सर, इन्हें (रेत खनन माफियाओं को) पाल-पोसकर बड़ा करने के कथित आरोप भी लगते रहे हैं.
ऐसी ही एक दिल दहला देने वाली घटना गुरुवार को, इन माफियाओं ने दतिया इलाके में अंजाम दे डाली. जिसमें बदमाशों ने गुरुवार को मध्य प्रदेश पुलिस के एक सिपाही को गोली मार दी. घटना में शामिल रेत माफिया चंबल घाटी (जलालपुर) से गैर-कानूनी तरीके से रेत भरकर ला रहे थे. रास्ते में जब सिपाही ने पूछताछ की तो, माफियाओं ने उसके ऊपर गोलियां झोंक दीं. सिपाही को गोली मारे जाने की सूचना पर, ग्वालियर जिले के पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने रेत माफियाओं को घेरने की रणनीति बना डाली. जिसके तहत इन रेत माफियाओं को ग्वालियर से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग (नेशनल हाईवे) पर घेरा जाना था.
पुलिस कप्तान के हुकूम की तामील करने पहुंचे थे
शुक्रवार को जिला पुलिस कप्तान के हुकूम की तामीली में जुटी पुलिस ने कई इलाकों में रेत से भरे ट्रकों-ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को घेर लिया. रेत खनन माफियाओं के कई लोडेड ट्रैक्टर-ट्रॉली जब्त कर लिए. छह बदमाश मय हथियार और कारतूस के गिरफ्तार भी किये गये. ग्वालियर पुलिस अधीक्षक के मुताबिक जब, एसएचओ थाना ओल्ड कैंट (टीआई) सुधीर सिंह कुशवाहा इस अभियान के जरिये खनन माफियाओं के रास्ते में बाधा बने तो, दोनों ओर से आमने-सामने की फायिरंग शुरू हो गई. फायरिंग के बीच थाना कैंट प्रभारी फंस गये.
रेत माफियाओं ने SHO पर बरसाईं गोलियां
रेत माफियाओं के हथियारबंद गुंडों ने सुधीर सिंह को घेर कर हमला बोल दिया. तमाम जद्दोजहद के बाद थानाध्यक्ष कैंट सुधीर सिंह कुशवाह ने मौके पर मौजूद एक नाले में कूदकर खुद की जान बचाई. बताया जाता है कि रेत माफियाओं के गुंडे, एसएचओ को नाले में भी तलाशने पहुंचने. तेज-दिमाग थाना प्रभारी सुधीर सिंह मगर उनके हाथ नहीं लगे. शुक्रवार सुबह यह मुठभेड़ जलालपुर रेलवे पुल के पास हुई. अक्सर इसी रास्ते से अवैध खनन करके चोरी-छिपे रेत से भरे ट्रैक्टर-ट्रॉली लाये जाते हैं. अवैध रेत से भरे ट्रैक्टरों के आगे-आगे मोटर साइकिलों से जा रहे उनके गुंडों को जैसे ही पता चला कि, रास्ते को पुलिस ने ट्रक और डंपरों से बंद कर रखा है, तो वे सब बौखला गये. उन्होंने पुलिस वालों पर गोलियां झोंकना शुरू कर दिया.
गोलियां झोंकने के बाद SHO को कुचलने की कोशिश
ग्वालियर जिला पुलिस अफसरों के मुताबिक, पुलिस पार्टियों से खुद को घिरा देख हमलावरों ने गोलियां तो चलाई हीं. साथ ही साथ उन्होंने थाना कैंट प्रभारी सुधीर सिंह कुशवाह को रेता लदे वाहन से कुचलने का भी प्रयास किया. जैसा कि अमूमन यह रेत माफिया पिछली तमाम घटनाओं में भी करते आये हैं. ऐसा नहीं है कि, इन खनन माफियाओं के निशाने पर मध्य प्रदेश पुलिस पहली बार आई हो. इससे पहले भी अक्सर पुलिस इनकी गोलियों के निशाने पर रही है.
2016 में आईपीएस को कुचल कर मार डाला था
साल 2016 में तो इन रेत खनन माफियाओं ने पुराने कैंट थाना इलाके में भीड़भाड़ वाले निरावली तिराहे पर पुलिस को घेर लिया था. उस घटना में ऐसे ही एक रेत माफिया गैंग ने एक वनकर्मी को अपने वाहनों से कुचलकर मार डाला था. वो वनकर्मी मुरैना जिले की सीमा से रेत माफियाओं का पीछा करता हुआ पहुंचा था. उस घटना से पहले इन माफियाओं ने बानमौर थाना इलाके में आईपीएस नरेंद्र कुमार को ट्रैक्टरों से कुचल कर मार डाला था.