नहर व नालों में दूषित पानी छोड़ने वालों के खिलाफ होगा मुकदमा दर्ज

 नहर व नालों में दूषित पानी छोड़ने वालों के खिलाफ होगा मुकदमा दर्ज

-जिला प्रशासन की कमेटी 15 दिन में देगी मामले में विस्तृत जांच रिपोर्ट

नूंह। गुडगांव कैनाल तथा अन्य नहरों व नालों में बह रहे दूषित पानी को लेकर किसानों को अब राहत मिल सकती है। इस मामले पर जिला प्रशासन ने एक कमेटी गठित कर 15 दिनों में विस्तृत रिपोर्ट देने के निर्देश दिए है। कमेटी इस बात की जांच करेगी कि नहरों व नालों में कहां से गंदा व दूषित पानी छोड़ा जा रहा है। जो भी इसके लिए दोषी होगा, उस पर पर्यावरण क्षतिपूर्ति तथा संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
बता दें कि जिले में नहरी पानी की मुख्य आपूर्ति गुडगांव केनाल से होती है। इन कैनाल में यमुना के ओखला बैराज से पानी छोड़ा जाता है। दिल्ली के प्रदूषित पानी के अलावा फरीदाबाद व बल्लभगढ़ जैसे औद्योगिक क्षेत्रों के केमिकल युक्त पानी को लेकर यह कैनाल जिले में पहुंचती है। क्योंकि जिले में भूमिगत जल की भारी कमी है, जिसके चलते किसान मजबूरन इस दूषित पानी को अपने खेतों में लगाते है। इस पानी से जहां किसानों की जमीन बंजर हो रही है, वहीं इस पानी के कारण जिले में अनेक बीमारियां भी पनप रही है।

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विधानसभा में भी उठी थी मांग
इस मांग को हरियाणा विधानसभा में भी उठाया गया था तथा 15 मार्च 2025 को मुख्यमंत्री नायब सैनी की अध्यक्षता में आयोजित बाढ़ नियंत्रण की बैठक में भी यह विषय रखा गया था। जिसके बाद फरीदाबाद व गुरुग्राम मंडल के मंडलायुक्तों ने भी बैठक कर जरूरी निर्देश दिए थे । इस पर कार्रवाई करते हुए नूंह जिला प्रशासन ने एक कमेटी गठित कर 15 दिन में विस्तृत जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है।

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कुछ सीवरेज ट्रीटमेंट प्लॉटों की मिली शिकायत: उपायुक्त
उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने बताया कि कुछ सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों की भी शिकायत मिल रही है कि वे नहर नालों में छोडे़ जाने वाले पानी को सही ट्रीट नहीं कर रहे है। जो लोग या औद्योगिक संस्थान नहर-नालों में दूषित पानी छोड़ते है, वे अपने यहां ट्रीटमेंट प्लांट लगाएं और पानी को ट्रीट करने के बाद ही नहर-नालों में छोड़ें अन्यथा उनके खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाने के साथ ही भारी भरकम जुर्माना भी लगाया जाएगा।

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टोल फ्री नंबर पर आईं अवैध खनन की दो दर्जन शिकायतें

पलवल। उपायुक्त डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ ने कहा कि जिला में अवैध खनन रोकने के लिए खनन विभाग की टीम राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य मार्गों और अन्य प्रमुख मार्गों पर सक्रिय रूप से तैनात है। उन्होंने कहा कि जिला में जहां-जहां अवैध खनन की अधिक संभावना है वहां पर विशेष चौकसी बरती जा रही है।

जिले में अवैध खनन करने वाले लोगों पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए सख्त और प्रभावी रूप से कार्रवाई की जा रही है। उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने बताया कि खनन विभाग हरियाणा की ओर से अवैध खनन से संबंधित सूचना देने के लिए टोल फ्री नंबर-18001805530 जारी किया गया है। जिला खनन अधिकारी कमलेश बिधलान ने बताया कि अवैध खनन को लेकर खनन विभाग ने टोल फ्री नंबर शुरू किया है। उन्होंने बताया कि टोल फ्री नंबर पर जनवरी-2025 से अब तक अवैध खनन से संबंधित कुल 24 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 6 गलत पाई गई, 5 परमिट जारी की हुई, 1 सरकारी कार्य से संबंधित पाई गई। इनमें से 4 को नोटिस जारी किए गए तथा 8 शिकायतों की जांच की जा रही है। संवाद

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