चंबल किनारे के गांवों में अवैध स्टाक किया परिवहन को लेकर मुरैना पुलिस की कार्यवाही 2500 ट्रॉली डंप रेत को किया गया नष्ट जिसकी कुल कीमत करीब डेढ करोड़ रूपये है।

अवैध रेत को लेकर भिंड कलेक्टर पर कार्रवाई की गाज गिरते ही मुरैना में भी प्रशासन हरकत में आ गया। शनिवार को राजस्व, पुलिस व वन विभाग की संयुक्त टीम चंबल नदी किनारे के उन गांवों में कूच कर गई, जहां अवैध उत्खनन करके रेत को स्टाक किया गया है। प्रशासन की संयुक्त टीम ने करीब सात घंटे की कार्रवाई मेंअवैध रेत के परिवहन को लेकर मुरैना पुलिस की कार्यवाही 2500 ट्रॉली डंप रेत को किया गया नष्ट जिसकी कुल कीमत करीब डेढ करोड़ रूपये है।

शनिवार की सुबह 10 बजे से अपर कलेक्टर उमेशप्रकाश शुक्ला, एएसपी हंसराज सिंह, एसडीएम आरएस बाकना, एसडीओपी हेडक्वार्टर अनिल सिंह, सीएसपी आरएस रघुवंशी, एसडीओपी मानवेद्र सिंह, वन विभाग के दो एसडीओ के अलावा सिविल लाइन, सरायछौला, अंबाह, सुमावली, बागचीनी, माता बसैया, सिहोनियां, देवगढ़ आदि थानों के थाना प्रभारी 350 से ज्यादा हथियारबंद पुलिसकर्मी व एसएएफ जवान, तहसीलदार, आरआइ से लेकर पटवारियों व वनकर्मियों की टीम ने सबसे पहले जैतपुर गांव में कार्रवाई शुरू की। प्रशासन की टीमें जैतपुर गांव में पहुंची तो वहां सन्नााटा पसर गया। गांव का एक भी व्यक्ति कार्रवाई के आसपास तो क्या घरों के बाहर भी नहीं दिखा। यहां पांच जेसीबी ने साढ़े चार घंटे में लगभग 800 ट्रॉली से ज्यादा रेत को नष्ट किया। इसके बाद भानपुर गांव में प्रशासन की टीम पहुंची, वहां अवैध रेत इतनी अधिक मात्रा में स्टाक था कि कार्रवाई के लिए दो और जेसीबी बुलाई गईं। दोपहर से शाम तक जैतपुर में सातों जेसीबी रेत के स्टाक को मिट्टी में मिलाकर नष्ट करती रहीं। शाम तक यहां 2500 ट्रॉली से ज्यादा रेत के स्टॉक को नष्ट कर दिया गया। यहां रेत का स्टॉक इतना था, कि प्रशासन को कार्रवाई में एक दिन और लग सकता है। रविवार को प्रशासन की टीम भानपुर व चंबल नदी के राजघाट पुल पर भी कार्रवाई करेगा, जहां से अवैध उत्खनन कर रेत निकाला जाता है।

रेत माफियाओं को एफआइआर कौन कराए, होती रही माथापच्ची

जिन-जिन लोगों ने अपनी जमीन पर चंबल के रेत का अवैध स्टाक किया गया था, उन सभी जमीन मालिकों पर एफआइआर करवाने का फैसला लिया गया। इसीलिए जैतपुर-भानपुर हल्का पटवारी उदयभान सिंह को मौके पर बुलाकर उन जमीनों के मालिकों की पहचान करवाई, जहां-जहां रेत के स्टाक थे। पटवारी की पहचान के आधार पर ऐसे रेत माफियाओं पर एफआइआर के लिए, पंचनामा भी बनाए गए, लेकिन एफआइआर के लिए शाम तक माथापच्ची होती थी। रेत का मामला वन विभाग का है, लेकिन वन विभाग के अफसर यह कहते हुए एफआइआर से बचते रहे कि यह कार्रवाई राजस्व की है, इसलिए राजस्व अफसर एफआइआर करवाएं। राजस्व अफसर कभी वन विभाग तो कभी पुलिस के ऊपर एफआइआर की जिम्मेदारी टालते रहे। इस नूराकुश्ती में देर शाम तक एक भी रेत माफिया पर एफआइआर नहीं हो सकी

प्रशासन से पहुंचने से पहले माफिया भूमिगत

शुक्रवार की सुबह कार्रवाई के लिए प्रशासन की संयुक्त टीम पूरी तैयारी के साथ निकली, लेकिन अवैध रेत उत्खनन करते या परिवहन करते हुए एक भी माफिया या ट्रैक्टर-ट्रॉली को नहीं पकड़ पाई। औचक हुई इस कार्रवाई पर इसलिए भी अंगुली उठ रही हैं, क्योंकि चंबल किनारे सुबह से दोपहर तक रेत का उत्खनन व परविहन होता है, पर शुक्रवार की सुबह से ही रेत माफिया अद्श्य से हो गए। नतीजा प्रशासन की पूरी कार्रवाई रेत के अवैध स्टाक को नष्ट करने तक सीमित रह गई।

मुरैना के रेत माफिया धौलपुर में मचा रहे उत्पात-

चंबल नदी किनारे राजघाट से अवैध उत्खनन कर निकाला जा रहा रेत राजस्थान के धौलपुर तक जा रहा है। मुरैना के रेत माफियाओं से धौलपुर पुलिस तक परेशान हैं, इसीलिए धौलपुर एसपी केसर सिंह ने बीते सप्ताह एक प्रेसनोट जारी कर अपनी पीड़ा भी व्यक्त की थी। धौलपुर एसपी के अनुसार मुरैना से अवैध रेत लेकर आने वाले माफिया हाईवे पर रांग साइड से आते हैं, जिस कारण हादसों का डर रहता है। रेत माफियाओं पर सख्ती करते हैं तो यह प्रशासन पर हमला करने उतारू रहते हैं। धौलपुर एसपी का दावा है कि मुरैना से अवैध रेत को रुकवाने के लिए उन्होंने मुरैना एसपी व चंबल आईजी से भी बात की है

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