बड़ा दिलचस्प है बंगाल का चुनाव: सिर्फ नंदीग्राम ही नहीं, इस सीट पर भी है महासंग्राम, दो पूर्व IPS अधिकारी हैं आमने-सामने
पश्चिम बंगाल का विधानसभा चुनाव इस बार काफी दिलचस्प होने वाला है। ममता बनर्जी और शुभेंदु अधिकारी के बीच नंदीग्राम की लड़ाई के बाद एक और सीट ऐसा है, जहां के महासंग्राम पर सबकी निगाहें हैं। पश्चिम मिदनापुर जिले में आने वाली डेबरा विधानसभा सीट की लड़ाई भी इस बार नंदीग्राम के महासंग्राम से कम नहीं है, क्योंकि यहां पर दो पूर्व आईपीएस अधिकारी एक-दूसरे के सामने सियासी दमखम दिखाने वाले हैं। टीएमसी ने जहां पूर्व आईपीएस अधिकारी हुमायूं कबीर को तो भाजपा ने भारती घोष को डेबरा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। बता दें कि देबरा विधानसभा सीट मेदिनीपुर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र में आता है।
पहले दो फेज में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को भाजपा ने अपने 57 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी। उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होने के बाद पूर्व आईपीएस का नाम सामने आया कि वह भाजपा की ओर से डेबरा विधानसभा सीट से लड़ेंगी। बता दें कि भारती घोष भाजपा की उपाध्यक्ष भी हैं।
डेबरा सीट पर इन दोनों पूर्व आईपीएस अधिकारियों के बीच सीधी टक्कर बताई जा रही है। एक ओर जहां टीएमसी की ओर से हुमायू कबीर पहली बार अपनी किस्तम आजमा रहे हैं, वहीं भारती घोष घटल से लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। अब सबकी नजरें डेबरा सीट पर ही है, क्योंकि यहां मुकाबला दो पूर्व आईपीएस अधिकारियों के बीच में है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा की ओर से इस सीट पर भारती घोष का नाम सामने आने के बाद टीएमसी उम्मीदवार हुमायूं कबीर ने कहा कि पिछले 10 वर्षों से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा किए गए विकास पर ही मैं वोट मांगूंगा। यह चुनाव का समय है, इसलिए मुझे किसी न किसी के खिलाफ लड़ना होगा। इस सीट पर अन्य उम्मीदवार भी होंगे, इसलिए इसे सिर्फ मेरे और भारती घोष के बीच की लड़ाई के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। बता दें कि राजनीति में आने से पहले हुमायूं कबीर चंदननगर पुलिस कमिश्नरेट के कमिश्नर थे। उन्होंने हाल ही में अपनी सेवा छोड़ दी और अपनी रिटायरमेंट से पहले ही TMC में शामिल हो गए। वह अप्रैल में रिटायर होने वाले थे।
वहीं दूसरी ओर पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती घोष ने 2017 ने एक कम अहमियत वाले पद पर ट्रांसफर किए जाने के बाद इस्तीफा दे दिया था और उऩ्हें जबरन वसूली के आरोप में सीआईडी जांच का सामना करना पड़ा था। घोष ने एक वक्त ममता बनर्जी को बंगाल में माओवादी बहुल इलाकों की जननी भी कहा था। उन्होंने एक पदक और एक प्रमाण पत्र भी लौटा दिया था, जो उन्हें 15 अगस्त 2014 को राज्य सरकार से सराहनीय सेवाओं के लिए मिला था।
आखिर दोनों यहीं से क्यों लड़ रहे हैं चुनाव
भाजपा की भारती घोष का कहना है कि वह पश्चिमी मिदनापुर में अपनी सेवा दे चुकी हैं। पश्चिमी मिदनापुर और झारग्राम की वह पुलिस चीफ रह चुकी हैं और डेबरा पश्चिमी मिदनापुर में ही पड़ता है।
वहीं दूसरी ओर डेबरा हुमायूं कबीर का होम टाउन है। उनके माता पिता अब भी इसी विधानसभा क्षेत्र में रहते हैं। इसलिए कबीर इस इलाके को अच्छे से जानते हैं। 2016 में इस सीट पर टीएमकी ही जीत हुई थी। डेबरा में टीएमसी की सलीमा खातुन ने वामदल के करीम को करीब 11 हजार वाटों के मार्जिन से हराया था