पूर्व CM उमा भारती ने एमपी में शराबबंदी को लेकर लिखी भाजपा को चिट्ठी, जानिए क्या दिए सुझाव
पिछले कुछ समय से मध्य प्रदेश की पूर्व सी.एम. उमा भारती राज्य में शराबबंदी और नशाबंदी के लिए लामबंद है। अब इस बाबत उन्होंने प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा को एक चिट्ठी लिखी है। जिसमें उन्होंने बताया है कि, परदेश में नशाखोरी व शराब को बंद करनी के जिम्मेदारी सरकार की है। साथ ही इस पत्र में लिखा है कि पूरे राज्य में शराब की दुकानों पर प्रतिबन्ध लगाया जाए, जिसके लिए क्षेत्रीय विधायक व जिला अध्यक्षों की भी मदद ली जाए।
प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष को पत्र लिखते हुए उमा भारती ने कहा कि, आप ने जबसे मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का कार्यभार संभाला है, तब से भाजपा ने यशस्वी ऊंचाइयों को छुआ है। हर तरफ सफलताओं का जश्न है। मैं आपको बहुत लंबे समय से जानती हूं, आप एक धर्मशील संस्कारवान राजनेता हैं। मैं यह पत्र आपको और शिवराज जी को ध्यान में रखकर ही लिख रही हूं। इस पत्र को इसलिए सार्वजनिक करूंगी, क्योंकि इसका सार्वजनिक होना जनहित में जरूरी है। मध्य प्रदेश एक बहुत ही शांतिप्रिय राज्य रहा है। लॉकडाउन के हटने के बाद जब सभी कारोबार खुले तो शराब का कारोबार भी खुला। शराब पीने से बहुत सारे लोग मरे, जबकि कोरोना काल में शराबबंदी के दौरान एक भी मौत शराब पीने से नहीं हुई। इसका मतलब है कि शराब मानवता की दुश्मन है।

इसी पत्र में पूर्व सी.एम. ने आगे लिखा कि, मैं इस बात से सहमत हूं कि शराब और नशा को स्वेच्छा से छोड़ा जाना चाहिए। किन्तु समाज को समग्र रूप से स्वस्थ रखने की जिम्मेदारी भी सरकार की होती है। हम शराब और नशे की कहीं से भी स्वस्थ की दृष्टि से उचित नहीं कह सकते। इसलिए हमें इसे रोकने के बारे में सोचना होगा।
क्या दिए सुझाव
1. मैं यह मानती हूं कि जो राजस्व शराब से सरकार को प्राप्त होता है उसका इस्तेमाल भी कई सरकारी योजनाओं में गरीबों के लिए होता है। इसलिए शराबबंदी और नशाबंदी के लिए क्रमिक उपाय अपनाना जरूरी है।
2. शराब की दुकानों के लिए वर्जित स्थानों को चिन्हित कर लेना चाहिए। यदि यहां पर वर्जित शराब की दुकान है तो उन्हें तुरंत बंद कर देना चाहिए। इसके लिए बीजेपी के जिला अध्यक्ष और विधायकों का भी सहयोग लेना चाहिए।
3. शराब के अहाते, जहाँ लोग सामूहिक रूप से शराब पीते हैं, उन्हें बंद करा देने चाहिए क्योंकि वह शर्मनाक है। साथ ही राजस्व के लिए एनी विकल्पों पर तुरंत प्रभाव से विचार करना शुरू कर देना चाहिए।
4. शराब पीकर समाज के बीच में विचरण करने पर दंड का प्रावधान किया जाना चाहिए।
5. दूसरे राज्यों से शराब की आवाजाही पर रोक लगाना चाहिए। मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित थाने और चौकियों पर चौकसी होना चाहिए। लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई हो। उन्होंने आगे लिखा कि मुझे आशा है कि आप के कार्यकाल में मध्य प्रदेश को शराबबंदी नशाबंदी की सफलता का लक्ष्य प्राप्त हो सकता है।