एंटीलिया केस: मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को 25 मार्च तक के लिए NIA की हिरासत में भेजा गया
एनआईए ने सचिन वाजे को 25 फरवरी को विस्फोटकों से भरा वाहन खड़ा करने में भूमिका निभाने और इसमें संलिप्त रहने के आरोप में गिरफ्तार किया है.
मुंबई: मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास से विस्फोटक से लदी स्कॉर्पियो कार बरामदगी मामले में गिरफ्तार मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को कोर्ट ने 25 मार्च तक के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया है. सचिन वाजे को शनिवार देर रात एनआईए ने लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था.
कोर्ट से एनआई ने 14 दिनों की कस्टडी मांगी थी. जिसके बाद अदालत ने सचिन वाजे को 25 मार्च तक के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया. एनआईए ने कोर्ट में कहा कि यह एक बड़ी साज़िश है, जिसमें कई लोगों के शामिल होने की आशंका है. एनआईए को सचिन वाजे को हर उस व्यक्ति के साथ आमना सामना कराना है, जिस जिस व्यक्ति का नाम सामने आ रहा है. एनआईए ने कोर्ट में बहुत ही अहम सबूत पेश किए जिसके आधार पर वाजे को गिरफ्तार किया गया है.
एनआईए ने कहा कि सचिन वाजे को 25 फरवरी को विस्फोटकों से भरा वाहन खड़ा करने में भूमिका निभाने और इसमें संलिप्त रहने को लेकर गिरफ्तार किया गया. एनआईए के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘सचिन वाजे को रात 11 बजकर 50 मिनट पर एनआईए मामला आरसी/1/2021/एनआईए/एमयूएम में गिरफ्तार कर लिया गया.’’
आपको बता दें कि कार्माइकल रोड स्थित मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास खड़ी एक स्कॉर्पियो कार में 25 फरवरी को जिलेटिन की कुछ छड़ें और एक धमकी भरा पत्र मिला था. एनआईए ने कहा कि वाजे को 25 फरवरी को विस्फोटकों से भरा वाहन खड़ा करने में भूमिका निभाने और इसमें संलिप्त रहने को लेकर गिरफ्तार किया गया.
‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ वाजे, ठाणे निवासी व्यवसायी मनसुख हिरेन की मौत मामले में भी सवालों के घेरे में हैं. स्कॉर्पियो हिरानी के पास ही थी. हिरेन पांच मार्च को ठाणे जिले में क्रीक में मृत पाए गए थे. आतंकवाद रोधी दस्ता (एटीएस) हिरेन मामले की जांच कर रहा है. हिरेन का शव मिलने के कुछ दिनों बाद एटीएस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ केस दर्ज किया था.
शनिवार को वाजे का बयान दर्ज करते हुए एनआईए ने एसयूवी मिलने और हिरेन की कथित हत्या के मामलों में अब तक की गई जांच के बारे में जानकारी साझा करने के लिए अपराध शाखा के एसीपी नितिन अलकनुरे और एटीएस एसीपी श्रीपद काले को बुलाया था. अलकनुरे और काले करीब चार घंटे बाद एनआईए कार्यालय से चले गए.