चुनाव आयोग ने तय की प्रचार पर होने वाले खर्च की लिमिट, पढ़ें- किन चीजों का रखना होगा खास ध्यान

बिहार पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) में किसी की धार्मिक स्थल को चुनावी मंच के रूप में इस्तेमाल करने की भी परमिशन नहीं है.

बिहार पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) में होने वाले खर्चे की लिमिट तय कर दी गई है. राज्य चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि पंचायत चुनाव के लिए सभी प्रत्याशी प्रचार के दौरान कितना खर्च कर सकेंगे. सबसे ज्यादा खर्च करने की छूट (Expense Limit) जिला परिषद चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को दी गई है. ये उम्मीदवार 1 चुनाव प्रचार के लिए एक लाख रुपये तक खर्च कर सकेंगे.

वहीं मुखिया और प्रधान पद के उम्मीदवारों (Pradhan Candidate) को 40 हजार  रुपए, पंचायत समिति सदस्य को 30 हजार रुपए, ग्राम पंचायत सदस्य  को 20 हजार  रुपए तक का खर्च चुनाव प्रचार पर करने की छूट दी गई है. राज्य चुनाव आयोग ने आचार संहिता (Code of conduct) से जुड़ी गाइडलाइन भी जारी कर दी हैं. गाइडलाइन के मुताबिक किसी भी उम्मीदवार को आचार संहिता के दौरान अगर पार्टी का बैनर या झंडा इस्तेमाल करते पाया जाता है तो चुनाव आयोग कार्रवाई करते हुए उस उम्मीदवार को अयोग्य घोषित कर सकता है.

आचार संहिता के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई

अगर कोई भी उम्मीदवार पंचायत चुनाव में किसी भी पार्टी या चुनाव चिन्ह पर वोट मांगता है तो इसे भी आचार संहिता का उल्लंघन ही माना जाएगा.ऐसा करने वाले उम्मीदवारों पर आईपीसी की धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही किसी की धार्मिक स्थल को चुनावी मंच के रूप में इस्तेमाल करने की भी परमिशन नहीं है. इन गाइड लाइनों को जारी करते हुए चुनाव आयोग ने पहले से चल रहे विकास के कामों पर किसी भी तरह की रोक नहीं लगाई है.

चुनाव आयोग ने साफ किया है कि पंचायत चुनाव प्रचार के लिए जुलूस निकालने से पहले उम्मीदवारों को स्थानीय कलेक्टर और पुलिस की परमिशन लेनी होगी. जिन जगहों से होकर जुलूस गुजरेगा वहां पर पहले से धारा 144 लागू नहीं होनी चाहिए. इसके साथ ही जुलूस के दौरान ट्रैफिर नियमों का भी पालन करना होगा. वोटिंग के लिए बूथ पर पहुंचने वाले लोगों के पहचान पत्र सफेद कागज पर साफ होने चाहिए.

जिला परिषद उम्मीदवारों को समर्थन देगी BJP

पंचायत चुनाव पार्टी के आधार पर न होने के बाद भी बीजेपी ने उम्मीदवारों को अपना समर्थन देने का ऐलान किया है. बीजेपी जिला परिषद के 1161 उम्मीदवारों को अपना समर्थन देगी. बीजेपी के इस ऐलान के बाद आरजेडी, जेडीयू समेत बिहार की दूसरी बड़ी पार्टियों ने भी अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है.

बिहार में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर राज्य चुनाव आयोग पूरी तरह से सख्त है. वह चुनाव को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही बरतना नहीं चाहता है. इसीलिए चुनाव आयोग ने 101 पेज की गाइडलाइन जारी की है. जिसमें बताया गया है कि उम्मीदवारों को क्या करना है और क्या नहीं करना.

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