3700 करोड़ के 30 बैंक घोटाले में CBI ने 11 राज्यों में 100 जगहों पर की छापेमारी
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने आज देश के 11 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में करीब 100 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की है। सीबीआई ने बैंक फ्रॉड के करीब 30 केसों में यह राष्ट्रव्यापी छापेमारी की है। आपको बता दें कि ये करीब 3700 करोड़ की हेराफेरी के मामले हैं।
सीबीआई की तरफ से जारी एक बयान के मुताबिक, ये छापेमारी भारत में विभिन्न राष्ट्रीयकृत बैंकों से प्राप्त शिकायतों के आधार पर की गई थी। ये छापे जालसाज़ों को गिरफ्त में लेने के लिए एक स्पेशल ड्राइव के हिस्से हैं। शिकायतकर्ता बैंकों में इंडियन ओवरसीज बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईडीबीआई, केनरा बैंक, इंडियन बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं।
जिन विभिन्न शहरों / कस्बों में छापेमारी की गई उनमें कानपुर, दिल्ली, गाजियाबाद, मथुरा, नोएडा, गुरुग्राम, चेन्नई, तिरुवरूर, वेल्लोर, तिरुप्पुर, बैंगलोर, गंटूर, हैदरबाद, बेल्लारी, वडोदरा, कोलकाता, पश्चिम गोदावरी, सूरत, मुंबई, भोपाल, निमाड़ी, तिरुपति विशाखापत्तनम, अहमदाबाद, राजकोट, करनाल, जयपुर और श्री गंगानगर शामिल हैं।
छापेमारी के दौरान विभिन्न दस्तावेज और अन्य सामग्री/डिजिटल साक्ष्य बरामद किए गए हैं। सीबीआई ने कहा है कि विभिन्न बैंकों से कई शिकायतें मिली हैं, जिसमें धोखाधड़ी, लोन डिफ़ॉल्ट, ऋण/क्रेडिट सुविधा प्राप्त करते समय फर्मों द्वारा फर्जी/जाली दस्तावेज प्रस्तुत करना आदि जैसे आरोप लगाए गए हैं।
इससे पहले सीबीआई ने 19 मार्च को 25 राज्यों में करीब 30 विभागों व संगठनों में भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के तहत छापेमारी की थी। देश भर में 100 से ज्यादा स्थानों पर छापेमारी की गई। इन छापों के केंद्र में रेलवे, आयकर सहित कई विभागों में औचक जांच दल ने निरीक्षण किया। सीबीआई ने ऐसे सरकारी कार्यालयों का पता लगाने की कोशिश की जहां ज्यादा भ्रष्टाचार की आशंका है। जिन राज्यों में छापे मारे गए उनमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली रहे। जांच एजेंसी ने छापे के लिए विभिन्न विभागों के सतर्कता दलों के साथ समन्वय किया था।
सूत्रों के मुताबिक सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) यूनिट की कई टीमों ने एकसाथ देश में 100 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की थी। यही नहीं कई विभागों की सतर्कता टीमें भी इस संयुक्त औचक जांच का हिस्सा रहीं। यह कवायद देश भर में भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए जा रहे एक बड़े अभियान का हिस्सा बताई जाती है।