संपत्ति खरीदने से पहले सरकारी कर्मचारियों ऑफिस में देनी होगी सूचना, कपड़े-बर्तन और किताबों का भी देना होगा हिसाब
बिहार लोक सेवा कर्माचारियों के संपत्ति का ब्योरा देने में अब बदलाव किया गया है. कर्माचारियों को अब अपनी पुश्तैनी संपत्ति को भी ब्योरे में शामिल करना होगा.
बिहार सरकार ने लोक सेवा कर्मचारियों को संपत्ति का ब्योरा देने के लिए कई तथ्यों जरूरी कर दिया है. विभाग ने इसके लिए दिशा-निर्देश जारी किया है. इस आदेश से चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों को अलग रखा गया है. प्रशासन ने ये कदम इस वजह से उठाया है क्योंकि कर्मचारियों द्वारा दिए गए विवरण में पूरी जानकारी नहीं मिलती.
नए आदेश के अनुसार कर्मचारियों को अब खुद ली गई, विरासत में मिली और परिवार के किसी भी सदस्य के नाम पर जारी संपत्ति के बारे में जानकारी देनी होगी. इसी के साथ किसी को पट्टे पर दी गई जमीन के बारे में भी दी गई जानकारी को भी अनिवार्य कर दिया गया है. परिवा के किसी भी सदस्य के नाम पर लिए गए शेयर डिबंचर, निक्षेप पत्र द्वारा किए के निवेश की जानकारी देना भी अब जरूरी होगा. संपति के साथ-साथ कर्मचारियों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर्ज की भी जानकारी देनी होगी.
30 हजार से कम चल संपति का भी देना होगा ब्योरा
कर्मचारियों को अब 30 हजार के कम की चल संपति का ब्योरा भी एक साथ जोड़कर पेश करना होगा. इसके साथ कपड़े, बर्तन और किताबों और दैनिक इस्तेमाल की चीजों को भी शामिल करना होगा. कर्मचारी अब जानकारी दिए बगैर कोई भी अचल संपत्ति नहीं खरीद पाएंगे.
एक अन्य आदेश में सरकार ने कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है. अब सरकारी कर्मचारियों के घर बच्चा होने पर प्रसव का खर्च स्वास्थ्य विभाग उठाएगा. ये सहायता पहले दो बच्चों तक सीमित होगी. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि अब तक ये सुविधा आखिल भारतीय सेवाओं के कर्मियों को मिलती थी. अब बिहार सरकार ये सुविधा अपने कर्मियों को भी उपलब्ध कराएगा. जानकारी के अनुसार नॉर्मल और सिजेरियन दोनों डिलेवरी के समय के सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.