दिल्ली में प्राइवेट लैब्स पर बढ़ा सैंपल टेस्टिंग का बोझ, कहा- अब इससे ज्यादा नहीं कर सकते
दिल्ली में कोविड-19 (Covid-19) के 7,437 नए मामले सामने आए हैं, जो इस साल का सबसे बड़ा दैनिक आंकड़ा है, जबकि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण 24 और लोगों की मौत हो गई.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. रोजाना रिकॉर्ड मामले सामने आ रहे हैं. राजधानी में आरटी-पीसीआर (RT-PCR) टेस्ट क्षमता अपने चरम पर पहुंच गई है. पिछले आठ दिनों में रोजाना लगभग 85,000 टेस्ट किए गए हैं. इनमें से करीब 51000 (60%) आरटी-पीसीआर और बाकी रैपिड एंटीजन टेस्ट हुए हैं. ये आंकड़े दिल्ली सरकार (Delhi government) की ओर से उपलब्ध करवाए गए हैं.
आरटी-पीसीआर टेस्ट सरकारी अस्पतालों में मुफ्त किए जा रहे हैं. वहीं, प्राइवेट लैब इसके लिए 800 रुपए चार्ज कर रहे हैं. इसके अलावा अगर घर से सैंपल लिया जा रहा है तो 400 रुपए अतिरिक्त चार्ज किए जा रहे हैं. पिछले दो हफ्तों में जब से कोविड-19 मामलों में वृद्धि देखी गई है तब से प्राइवेट लैब की कई शिकायतें आई हैं कि वे घर से सैंपल लेने के लिए इनकार कर रही हैं.
‘अधिक टेस्टिंग के लिए खरीदनी पड़ेंगी मशीनें’
इस मामले को लेकर लैब का कहना है कि उनके ऊपर इस समय बहुत ज्यादा भार है. एक लैब के मालिक का कहना है, ‘हम रोजाना 4,000 के करीब टेस्ट कर रहे हैं. अधिक टेस्टिंग करने के लिए हमें मशीनें खरीदनी पड़ सकती हैं. साथ ही साथ कर्मचारी और किराए पर स्पेस लेना पड़ेगा. इसके लिए पैसों और समय की आवश्यकता होगी. इन दोनों चीजों के लिए हम कुछ नहीं कर सकते हैं.’
डॉ. डांग लैब के संस्थापक डॉ. नवीन डांग ने कहा, ‘उन्होंने पिछले छह महीनों में तीन बार टेस्टिंग क्षमता बढ़ाई है. इसे और बढ़ाने के लिए, हमें उपकरण खरीदने और अधिक प्रशिक्षित स्टाफ को हायर करना होगा. इसके लिए समय चाहिए.’ डॉ. लाल पैथ लैब्स के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. अरविंद लाल ने कहा कि सरकार को उभरते हुए संकट का हल खोजने के लिए सभी स्टेकहॉल्डर्स की बैठक आयोजित करनी चाहिए.
टेस्टिंग की अधिकतम क्षमता कर रहे हैं पार
जेनेस्ट्रिंग्स डायग्नोस्टिक सेंटर के संस्थापक-निदेशक डॉ गौरी अग्रवाल ने कहा कि वे प्रतिदिन लगभग 2,000 टेस्ट कर रही हैं, जिसमें सरकारी एजेंसियों द्वारा प्रबंधित केंद्रों से भेजे गए सैंपल भी शामिल होते हैं. उन्होंने कहा, ‘हम अधिकतम क्षमता पर काम कर रहे हैं. हालांकि, अगर मामलों की वृद्धि के साथ परीक्षण की मांग बढ़ती है, तो मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर पर्याप्त नहीं हो सकता है.’
एक भारतीय मेडिकल एसोसिएशन के सदस्य ने कहा कि कुछ प्राइवेट लैब्स का कहना है कि कोरोना टेस्ट के लिए वर्तमान शुल्क पर्याप्त नहीं नहीं है. मामला केंद्र के साथ-साथ राज्यों के साथ भी उठाया गया है, लेकिन बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाने के लिए हमारी शिकायतों का कोई निवारण नहीं किया गया है. कोरोना की पहली लहर के बाद, सरकार को टेस्टिंग के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए रोडमैप तैयार करना चाहिए था. साथ ही साथ सभी स्टेकहोल्डर्स की बैठक बुलानी चाहिए थी.
दिल्ली में कोरोना के आंकड़े
दिल्ली में गुरुवार को 83 हजार से अधिक लाभार्थियों ने कोविड-19 का टीका लगवाया. दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शाम छह बजे तक कम से कम 83,437 लोगों को टीके की खुराक दी जा चुकी है. इनमें से 72,267 लाभार्थियों को पहली खुराक दी गई और 11,170 को दूसरी खुराक लगाई गई.
दिल्ली में गुरुवार को कोविड-19 के 7,437 नए मामले सामने आए हैं, जो इस साल का सबसे बड़ा दैनिक आंकड़ा है, जबकि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण 24 और लोगों की मौत हो गई, जिससे राष्ट्रीय राजधानी में मृतकों की संख्या बढ़कर 11,157 हो गई. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, संक्रमण दर भी पिछले दिन की 6.1 प्रतिशत से बढ़कर 8.1 प्रतिशत हो गई, क्योंकि पिछले कुछ हफ्तों में मामलों में काफी वृद्धि हुई है. इस वर्ष पहली बार एक दिन में 7,000 से अधिक नए मामले सामने आए हैं. पिछले दो दिन 5,000 से अधिक नए मामले आए थे. दिल्ली में अब तक के सबसे अधिक दैनिक मामले 11 नवंबर को आए थे, जब 8,593 मामले आए थे, जबकि शहर में कोविड-19 से सबसे अधिक मौतें 19 नवंबर को हुई थीं, जिस दिन 131 मरीजों की मौत हो गई थी. दिल्ली में उपचाराधीन मरीजों की संख्या एक दिन पहले के 19,455 से बढ़कर 23,181 हो गई.