जस्टिस एनवी रमणा बने सुप्रीम कोर्ट के नए चीफ जस्टिस, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिलाई शपथ
फरवरी 2014 में सुप्रीम कोर्ट में जज बनने से पहले वे दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं. वे अगले 16 महीने के लिए देश के सीजेआई रहेंगे.
सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस एन वेंकट रमणा ने देश के 48वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के तौर पर शनिवार को शपथ ली. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में उन्हें सीजेआई पद की शपथ दिलाई. जस्टिस रमणा 16 महीने से अधिक समय तक यानी 26 अगस्त 2022 तक भारत के सीजेआई रहेंगे. पिछले महीने ही पूर्व सीजेआई एसए बोबडे ने उनकी नियुक्ति के लिए सिफारिश भेजी थी, जिसे राष्ट्रपति ने मंजूरी दी थी. सीजेआई एस ए बोबडे शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए.
जस्टिस रमणा के शपथ ग्रहण समारोह में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद उपस्थित थे. फिलहाल उनके कार्यकाल के दो ही साल बचे हैं, वे 26 अगस्त, 2022 को सेवानिवृत्त होने वाले हैं. फरवरी 2014 में सुप्रीम कोर्ट में जज बनने से पहले वे दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं.
कौन हैं जस्टिस एन वी रमणा?
जस्टिस नाथुलापति वेंकट रमणा का जन्म अविभाजित आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में अगस्त 27, 1957 को हुआ था. उन्होंने वकालत का काम 10 फरवरी, 1983 में शुरू किया था. चंद्रबाबू नायडू के आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहने के दौरान, जस्टिस रमणा आंध्र प्रदेश सरकार के एडिशनल एडवोकेट जनरल भी रहे थे. किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले रमणा ने विज्ञान और कानून में स्नातक की डिग्रियां हासिल की थी.
इसके बाद उन्होंने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट, केंद्रीय प्रशासनिक ट्राइब्यूनल और सुप्रीम कोर्ट में कानून की प्रैक्टिस शुरू की. राज्य सरकारों की एजेंसियों के लिए वो पैनल काउंसिल के तौर पर भी काम करते थे. 27 जून, 2000 को वे आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में स्थायी जज के तौर पर नियुक्त किए गए. इसके बाद साल 2013 में 13 मार्च से लेकर 20 मई तक वो आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस रहे.
2 सितंबर 2013 को उनकी पदोन्नति हुई और वो दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस नियुक्त किए गए. इसके बाद 17 फरवरी 2014 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जजों की पंक्ति में रिटायर हुए चीफ जस्टिस एसए बोबडे के बाद वो दूसरे नंबर पर थे.