दिल्ली के लिए सभी राज्यों से केजरीवाल ने मांगी मदद, ऑक्सीजन के लिए मांगा सहयोग
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखकर ऑक्सीजन के लिए सहयोग मांगा है।
ऑक्सीजन आपूर्ति को लेकर दिल्ली के अस्पतालों में हाहाकार मचा हुआ है। अस्पतालों पर हद से ज्यादा दबाव है जहां छोटे-बड़े अस्पताल अगले कुछ घंटों के लिए सीमित आपूर्ति से काम चला रहे हैं। अस्पतालों के बाहर भी निराशाजनक दृश्य देखने को मिल रहे हैं, जहां एंबुलेंसों की कतार लगी हुई, परेशान रिश्तेदार मरीजों को भर्ती करने की गुहार लगा रहे हैं, मरीजों की सांसें उखड़ रही हैं और अस्पताल अपने दरवाजे पर खड़ी आपातकालीन स्थितियों से निपटने की कोशिशें कर रहे हैं।
दिल्ली में अस्पताल ऑक्सीजन का संरक्षित भंडरण इस्तेमाल करने को मजबूर
दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी पर गहराते संकट के बीच कई अस्पतालों के पास संरक्षित (बेक-अप) भंडारण इस्तेमाल करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। सरोज सुपर स्पेशिलिटी जैसे कुछ अस्पताल मरीजों के रिश्तेदारों को सलाह दे रहे हैं कि वे रोगियों को दूसरे अस्पताल ले जाएं। फोर्टि्स अस्पताल (शालीमार बाग) फिलहाल संरक्षित ऑक्सीजन आपूर्ति पर चल रहा है और उसने प्रधानमंत्री, दिल्ली के मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों से ‘तत्काल मदद’ करने का आग्रह किया है।
सरोज सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल को पिछले 44 घंटे से ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हुई है और वह अब मरीजों के रिश्तेदारों को सलाह दे रहा है कि वे उन्हें किसी और अस्पताल में ले जाएं। सरोज सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल के चिकित्सा निदेशक पीके भारद्वाज ने कहा, “ हमारे पास ऑक्सीजन खत्म हो रही है और अपना बेक-अप इस्तेमाल कर रहे हैं। हमने स्थिति के बारे में मरीजों को सूचित कर दिया है और उन्हें अन्य अस्पतालों में भर्ती कराने की सलाह दे रहे हैं। चीजे वास्तव में बहुत अस्थिर हैं।”
भारद्वाज ने कहा कि अस्पताल को प्रति दिन औसतन तीन मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत होती है और उसे पिछले कुछ दिनों से करीब एक मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिल रही है। अस्पताल में फिलहाल 70 मरीज ऑक्सीजन पर हैं। अधिकारियों ने बताया कि ऑक्सीजन के संकट के बीच दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल में 20 अत्यंत बीमार मरीजों की रात भर में मौत हो गई। अस्पताल में करीब 200 मरीज भर्ती हैं और उनके पास सुबह 10 बजकर 45 मिनट पर केवल आधे घंटे की ऑक्सीजन शेष थी।
शालीमार बाग के फोर्टि्स अस्पताल में भी स्थिति ऐसी ही है और यहां भी संरक्षित ऑक्सीजन आपूर्ति से काम चलाया जा रहा है और सुबह से ऑक्सीजन की आपूर्ति का इंतजार किया जा रहा है। अस्पताल ने ट्वीट किया कि शालीमार बाग के फोर्टि्स अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म हो रही है और मरीजों की जिंदगी खतरे में है। अस्पताल ने ट्वीट में कहा है, “ हम संरक्षित ऑक्सीजन का इस्तेमाल कर रहे हैं और सुबह से इसकी आपूर्ति के इंतजार में हैं। हम फिलहाल मरीजों को भर्ती करने पर रोक लगा रहे हैं। फौरन मदद का आग्रह है।” उसने यह ट्वीट प्रधानमंत्री कार्यालय, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रेल मंत्री पीयूष गोयल और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को टैग किया है।
अस्पताल ने कहा कि वह ‘नाजुक स्थिति’ के बारे में मरीजों और तिमारदारों को अवगत रख रहा है और भर्ती मरीजों का अपनी क्षमता के अनुसार अच्छे से प्रबंधन करने की कोशिश कर रहा है। नई आपूर्ति हासिल करने वाले अन्य अस्पतालों का दावा है कि उनके यहां ऑक्सीजन का भंडारण कुछ घंटों में ही खत्म हो जाएगा। तुगलकाबाद इंस्टीट्यूशनल एरिया में स्थित बत्रा अस्पताल को ऑक्सीजन खत्म होने के कुछ ही मिनट के भीतर दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन की आपात आपूर्ति मिली थी। उसने कहा है कि उसका भंडारण अगले डेढ़ घंटे चलेगा।
अस्पताल के कार्यकारी निदेशक सुधांशु वैंकट ने बताया कि अस्पताल में सुबह करीब नौ बजे ऑक्सीजन खत्म हो गई थी। उन्होंने बताया, ‘‘अभी-अभी, दिल्ली सरकार की ओर से हमारे यहां ऑक्सीजन की आपात आपूर्ति की गई है। यह करीब डेढ़ घंटे तक चलेगी। हमारे यहां का आपूर्तिकर्ता फोन का जवाब नहीं दे रहा है।’’ अस्पताल में करीब 350 मरीज भर्ती हैं जिनमें से 265 कोरोना वायरस से पीड़ित हैं तथा 30 मरीज आईसीयू में हैं। अधिकारियों ने बताया कि मध्य दिल्ली में स्थित सर गंगाराम अस्पताल को प्रतिदिन कम से कम 11,000 घन मीटर ऑक्सीजन की आवश्यकता है। जब 1.5 टन ऑक्सीजन अस्पताल पहुंची तो उसके पास 200 घन मीटर ऑक्सीजन रह गई थी। एक अधिकारी ने बताया “ 1.5 टन की यह आपूर्ति दो घंटे खत्म में हो सकती है। स्थिति बहुत गंभीर है।