पानी की लाइन बिछाने 192 किमी खोदी सड़क, सिर्फ 25% मरम्मत की, अब हर सप्ताह समीक्षा
- कलेक्टर की नाराजगी के बाद नपा सीएमओ ने टाटा कंपनी के मैनेजर को जारी किया नोटिस
- आधे से ज्यादा शहर को कंपनी ने खोदा
शहर में पानी की पाइप लाइन बिछा रही टाटा कंपनी पूरी तरह से मनमानी पर अमादा है। कंपनी लाइन बिछाने के लिए शहर की 192 किलोमीटर सड़कें तो खोद डाली। लेकिन मरम्मत का कार्य 25 फीसदी कराया है। शेष 75 फीसदी सड़कें महीनों से खुदी पड़ी हैं, जिससे लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रविवार को नगरपालिका सीएमओ सुरेंद्र शर्मा ने टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड के मैनेजर राकेश मिश्रा को नोटिस जारी कर दिया है। साथ ही अब उनके द्वारा प्रति सप्ताह कितनी सड़क खोदी और कितनी मरम्मत की गई इसकी भी प्रति सप्ताह समीक्षा की जाएगी।
दरअसल बारिश के मौसम में शहर के अधिकांश सड़कों पर जलभराव के साथ कीचड़ की समस्या उत्पन्न हो गई है। वहीं शहर में सीवर लाइन और पानी की पाइप लाइन बिछाए जाने के चल रहे कार्य से सड़कों की हालत ओर अधिक खस्ता हो गई है। सबसे ज्यादा शहर में पानी की पाइप लाइन बिछा रही टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड कंपनी के लोग मनमानी कर रहे हैं। वे मनचाही रोड पर जेसीबी लगाकर उसकी खुदाई शुरू कर देते हैं।
निर्देश…नाली के नीचे से दिए जाएं हाउस कनेक्शन
कलेक्टर के निर्देश पर सीएमओ शर्मा ने सीवर लाइन बिछाने वाली आरबीआईपीपीएल एंड एसआरसीसी ग्वालियर के ठेकेदार अरविंद शर्मा को भी नोटिस जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि उनके द्वारा हाउस कनेक्शन के पाइप नाली के ऊपर से निकाले जा रहे हैं, जिससे नालियों में अवरोध उत्पन्न हो रहा है। वहीं चेतावनी दी है कि यदि रेस्टोरेशन कार्य गुणवत्ता के साथ जल्द पूर्ण नहीं हुआ तो उनका भुगतान रोका जाएगा। बता दें कि सीएमओ ने ठेकेदार शर्मा से भी पाइप लाइन बिछाने व रेस्टोरेशन कार्य में गति लाने का प्लान 24 घंटे में मांगा है।
चेतावनी… मरम्मत के बाद ही आगे करें खुदाई
सीएमओ सुरेंद्र शर्मा ने टाटा कंपनी के मैनेजर को दिए गए नोटिस में चेतावनी दी गई है कि पाइप लाइन बिछाने के लिए जितनी सड़क खोदी गई, उसमें लाइन डालने के बाद उस पर सीमेंट कंक्रीट से मरम्मत करना है। साथ ही मरम्मत कार्य में गति लाने का प्लान 24 घंटे में निकाय के इंजीनियर दीपक अग्रवाल को दें। इस प्लान के अनुसार कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस प्रति सप्ताह उनके कार्य की समीक्षा करेंगे। नोटिस में यह भी कहा गया है कि पाइप लाइन बिछाए जाने के दौरान आमजन को होने वाली दुघर्टनाओं की संपूर्ण जवाबदेही भी कंपनी की होगी।
लापरवाही… तीन साल में 50 फीसदी काम भी नहीं
नगरपालिका अधिकारियों की मानें तो शहर में पानी की पाइप लाइन बिछाने का कार्य टाटा कंपनी ने वर्ष 2018 में शुरू किया था। कंपनी को यह कार्य मार्च 2020 तक पूरा करना है। लेकिन कार्य की गति इतनी धीमी चल रही है कि तीन साल में कंपनी 50 फीसदी का कार्य भी पूर्ण नहीं कर पाई है। बता दें कि कंपनी को शहर में 404 किलोमीटर पानी की पाइप लाइन बिछाना है। लेकिन अब तक सिर्फ 192 किलोमीटर यानि 47 फीसदी लाइन बिछ पाई है। इसी प्रकार से भी टंकियां भी निर्माणाधीन चल रही है। निर्माण कार्य में देरी से लोग परेशान हो रहे हैं।
इधर… गुणवत्ताहीन निर्माण पर चार को नोटिस
रविवार को नगरपालिका सीएमओ सुरेंद्र शर्मा एक्शन मोड में नजर आए। सीवर और पानी की पाइप लाइन बिछाने वाली कंपनियों के साथ साथ उन्होंने नगरपालिका के सिटी मैनेजर, सहायक यंत्री, उपयंत्री व एक बाबू को नोटिस थमा दिया है। साथ ही सभी 48 घंटे के भीतर में स्पष्टीकरण मांगा है। जवाब संतोषजनक न होने पर उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की धमकी भी दी गई है।
बताया जा रहा है कि एनयूएलएम के सिटी मैनेजर दीपक बिठले को सीएम हेल्पलाइन पर पीएम स्वनिधि योजना संबंधी शिकायतों को संतुष्टिपूर्वक निराकरण नहीं किए जाने पर नोटिस दिया गया है। जबकि सहायक यंत्री दीपक अग्रवाल को सदर बाजार में चल रहे सौंदर्यीकरण कार्य को रुकवाने और गुणवत्ताहीन नाला बनाए जाने पर कलेक्टर की नाराजगी के बाद नोटिस दिया गया है। इसी प्रकार से उपयंत्री विकास महतो को निर्माण कार्य संबंधी शिकायतों को निराकृत न किए जाने पर और सहायक ग्रेड- 3 (अतिक्रमण शाखा प्रभारी) राजेंद्र सिंह चौहान को नोटिस थमाया गया है।