सीएम के 10 विभागों को बजट का 8.5% हिस्सा !

सिंधिया समर्थक 2 मंत्रियों का बजट 751 करोड़ घटाया
सीएम के 10 विभागों को बजट का 8.5% हिस्सा; महिला मंत्रियों को 10 हजार करोड़ ज्यादा

मध्यप्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार के दूसरे बजट में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक तीन मंत्रियों में से दो के विभागों का बजट घट गया है। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के विभाग को 741 करोड़ और खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के विभाग को भी 10 करोड़ रुपए कम बजट मिला है।

मुख्यमंत्री के पास 10 विभाग हैं। इन्हें पिछली बार के मुकाबले 5 हजार करोड़ रुपए ज्यादा मिले हैं। महिला मंत्रियों के विभागों को भी 10 हजार करोड़ ज्यादा दिए गए हैं।

पढ़िए किस मंत्री के विभाग को कितना बजट मिला है?

तीनों मंत्रियों के विभागों को कुल 29228 करोड़ का बजट

मंत्री- प्रद्युम्न सिंह तोमर विभाग- ऊर्जा अटल गृह ज्योति योजना में 7132 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। साथ ही टैरिफ अनुदान के लिए 1296 करोड़ रुपए रखे गए हैं। बिजली सप्लाई के मेंटेनेंस के लिए 324 करोड़ का प्रावधान किया गया है। सारणी ताप विद्युत गृह में 660 मेगावाट की नई यूनिट के लिए 323 और अमरकंटक ताप विद्युत गृह की 250 मेगावाट की यूनिट के लिए 220 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

मंत्री- तुलसी सिलावट विभाग- जल संसाधन बांधों के मेंटेनेंस के लिए 3930 करोड़, नहरों के लिए 1061 करोड़ और केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए राज्य के अंश के रूप में 700 करोड़ का प्रावधान किया गया है। साथ ही लघु सिंचाई परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए 200 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

मंत्री- गोविंद सिंह राजपूत विभाग- खाद्य खाद्य विभाग को इस बजट में पीडीएस ट्रांसपोर्टेशन के लिए 625 करोड़, उज्ज्वला योजना के लिए 262 करोड़, लाड़ली बहनों को मिलने वाली रसोई गैस सब्सिडी के लिए 180 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

सीएम के 10 विभागों में सबसे ज्यादा बजट गृह-जेल विभाग को

सीएम डॉ. मोहन यादव के पास 10 विभाग हैं। सबसे ज्यादा बजट 12019 करोड़ रुपए गृह एवं जेल विभाग का है। सामान्य पुलिसिंग के लिए 6908 करोड़ और स्पेशल पुलिसिंग के लिए 2243 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। साथ ही अपराध अनुसंधान के लिए 405 करोड़, पुलिस आवास योजना के लिए 400 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल वाहिनी के गठन के लिए 122 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। सीएम के पास नर्मदा घाटी विकास विभाग की भी जिम्मेदारी है। नर्मदा-पार्वती लिंक नदी जोड़ो योजना के फेज-3 और 4 के लिए 700 करोड़ रूपए, सिंचाई और पेयजल योजनाओं के सौर उर्जा में तब्दील करने के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

दो विभागों का बजट 15 हजार करोड़ ज्यादा

मंत्री- राव उदयप्रताप सिंह विभाग- स्कूल शिक्षा इस बार बजट में 3 हजार करोड़ रु. ज्यादा मिले हैं। 11 हजार 837 करोड़ रु. नए प्रायमरी स्कूलों की बिल्डिंगों के निर्माण के लिए आवंटित किए हैं। साथ ही मिडिल स्कूलों के लिए 7206 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। सीएम राइज स्कूलों पर सरकार 3068 करोड़ रु. खर्च करेगी। अतिथि शिक्षकों के मानदेय के लिए 1230 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

मंत्री- एंदल सिंह कंसाना विभाग- कृषि कृषि विभाग को सबसे ज्यादा राशि 13 हजार 909 करोड़ रु. अटल कृषि ज्योति योजना में मिली है। 5 हॉर्सपावर के कृषि पंपों और फ्री एक बत्ती कनेक्शन के लिए 5299 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री कृषक उन्नति योजना के लिए 850 करोड़ का प्रावधान किया गया है। ट्रैक्टर और कृषि उपकरणों के अनुदान के लिए 230 करोड़ रु. का प्रावधान किया गया है।

1 लाख किलोमीटर सड़कें और नई योजनाओं की शुरुआत

मंत्री- राजेंद्र शुक्ला, डिप्टी सीएम विभाग- स्वास्थ्य इस बार स्वास्थ्य विभाग का बजट 1794 करोड़ रु. बढ़ाया गया है। इस बजट में मेडिकल कॉलेजों के लिए 2457 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। जबकि जिला, सिविल अस्पताल और औषधालयों पर सरकार एक साल 2140 करोड़ रुपए खर्च करेगी। नए मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए 400 करोड़ रु. का प्रावधान किया गया है।

मंत्री- कैलाश विजयवर्गीय विभाग- नगरीय प्रशासन सिंहस्थ 2028 के आयोजन के 2005 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। पीएम 2.0 योजना के लिए 1250 करोड़ और हर जिले में गीता भवन स्थापित करने के लिए 100 करोड़ का प्रावधान किया गया है। साथ ही ई बस सेवा के लिए 110 करोड़ रु. दिए गए हैं। उज्जैन और जबलपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए 108 करोड़ का प्रावधान किया है।

मंत्री- प्रहलाद पटेल विभाग- पंचायत एवं ग्रामीण विकास पीएम आवास (ग्रामीण) के लिए 4400 करोड़ रु. और इतनी ही राशि मनरेगा के लिए रखी गई है। ग्रामीण सड़क योजना में 1550 करोड़ रु. का प्रावधान किया गया है। तीन नई योजनाएं, मुख्यमंत्री मजरा टोला सड़क, मुख्यमंत्री वृंदावन ग्राम योजना और मुख्यमंत्री समृद्ध परिवार योजना के लिए कुल 300 करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया है।

मंत्री- राकेश सिंह विभाग- पीडब्ल्यूडी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए इस बार 3400 करोड़ ज्यादा बजट मिला है। जिला मुख्यालय को जोड़ने वाली ग्रामीण इलाकों की सड़कों के लिए 2500 करोड़ रु. दिए गए हैं।अगले 5 सालों में 1 लाख किमी सड़क बनाए जाने का टारगेट तय किया गया है। इस साल 3 हजार 500 किमी नई सड़कें और 70 पुल बनाए जाने का टारगेट है। सड़क और पुल के निर्माण और संधारण के लिए 16 हजार 436 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

पीएचई विभाग को पिछली बार से 9 हजार करोड़ रु. ज्यादा

मंत्री- निर्मला भूरिया विभाग- महिला एवं बाल विकास लाड़ली बहना योजना के लिए 18 हजार करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया है। आंगनवाड़ी के भवनों के निर्माण के लिए 350 करोड़ और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए 352 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

मंत्री- संपतिया उइके विभाग- पीएचई जल जीवन मिशन के लिए 17136 करोड़ रु. दिए गए हैं। सिंचाई और जल परियोजनाओं को सोलर परियोजनाओं में बदलने के लिए 356 करोड़ का प्रावधान किया गया है। साथ ग्रामीण जल समूह प्रदाय योजना के लिए 200 करोड़ रुपए दिए गए हैं।

मंत्री- कृष्णा गौर विभाग- पिछड़ा वर्ग कल्याण कृष्णा गौर के पास विभाग का स्वतंत्र प्रभार हैं। उनके पास घुमंतू और अर्ध घुमंतू विभाग की भी जिम्मेदारी है। इस बार दोनों विभागों का बजट 80 करोड़ रुपए बढ़ाया गया है। इस बार अल्पसंख्यक बाहुल्य जिलों के विकास के लिए 140 करोड़ रु. का प्रावधान किया गया है। साथ ही 9 से लेकर कॉलेज के ओबीसी छात्रों की स्कॉलरशिप के लिए 1388 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

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