तालिबान ने दानिश की हत्या के बाद शव को बेरहमी से घसीटा, सिर और छाती को SUV से कुचला, रिपोर्ट में खुलासा

Danish Siddiqui: तालिबान ने दानिश सिद्दीकी (Danish Siddiqui) की हत्या के बाद उनके शव के साथ बेरहमी की थी. उनके सिर और छाती को एक एसयूवी के जरिए कुचला गया था.

भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी (Danish Siddiqui) की हत्या को दो हफ्ते बीत चुके हैं. अफगानिस्तान (Afghanistan) में युद्ध को कवर करने के दौरान तालिबान (Taliban) ने रॉयटर्स के लिए काम करने वाले दानिश की हत्या कर दी थी. वहीं, अब सिद्दीकी के शव की तस्वीरों और एक्स-रे के साथ उनकी मेडिकल रिपोर्ट से सनसनीखेज जानकारी मिली है. इससे इस बात की पुष्टि हुई है कि उन्हें बेरहमी से मारा गया था. दानिश की हत्या के बाद उनके शरीर को न केवल बेरहमी से घसीटा गया, बल्कि एक भारी वाहन के जरिए उसे कुचला गया, ताकि शवों के टुकड़े हो जाएं.

CNN-News18 को अफगान और भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र के भीतर कई सूत्रों ने दानिश सिद्दीकी की हत्या से जुड़ी जानकारी दी है. अफगान खुफिया सूत्रों ने बताया कि दानिश के शरीर में 12 गोलियां लगीं. गोलियों के छोटे प्रवेश बिंदु और कई घाव देखे गए. शरीर के अंदर भी कई गोलियां देखी गईं. सभी गोलियां धड़ और शरीर के पिछले हिस्से में लगीं. उन्होंने आगे बताया कि शरीर पर घसीटने के निशान मिले. तालिबान ने हत्या के बाद शवों को घसीटा. हत्या के बाद कई बार दानिश का सिर और छाती किसी भारी वाहन से कुचला गया. चेहरे और छाती पर टायर के निशान देखे गए. किसी भारी एसयूवी के जरिए शरीर को कुचला गया.

क्रॉस-फायर के दौरान लगे थे दानिश को छर्रे

अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद और भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र के सूत्रों ने भी दानिश सिद्दीकी की हत्या और उन्हें टॉर्चर किए जाने की पुष्टि की है. कंधार में तालिबान द्वारा शुरुआती क्रॉस-फायर के दौरान दानिश को छर्रे लगे, लेकिन अफगान सेना की यूनिट ने अपना मिशन जारी रखा और दो हिस्सों में विभाजित हो गई. एक यूनिट दूसरे स्थान पर चली गई, जबकि दूसरी यूनिट ने दानिश के साथ स्पिन बोल्डक में एक स्थानीय मस्जिद में शरण ली. तालिबान की रेड यूनिट ने सेना की यूनिट का पीछा किया और फिर लड़ाके मस्जिद के भीतर घुसे. इसके बाद उन्होंने अफगानी जवानों को मारना शुरू किया.

सोशल मीडिया पर तालिबान विरोधी पोस्ट से भड़का संगठन

वहीं, दानिश सिद्दीकी ने तालिबान के लड़ाकों को चिल्ला-चिल्ला कर कहा कि वह एक अंतरराष्ट्रीय पत्रकार हैं. फिर उन्होंने अपनी आईडी दिखाई और दावा किया कि वह अफगानिस्तान में एक भारतीय पत्रकार हैं. तालिबान ने उनके आईडी कार्ड की तस्वीरें क्वेटा में अपने मुख्यालय को भेजकर आगे के निर्देश मांगे. तालिबान ने उसके बाद दानिश के सोशल मीडिया पोस्ट को चेक किया और उनके ट्विटर फीड को स्कैन किया. वे दानिश के अफगान बलों के साथ होने और उनके अनुसार तालिबान के खिलाफ रिपोर्टिंग से नाराज थे. तालिबान मुख्यालय ने फिर दानिश की हत्या का आदेश दिया.

इसलिए शरीर को एसयूवी से कुचला

दानिश सिद्दीकी की हत्या का आदेश मिलने पर उन्हें 12 गोलियां मारी गईं और उन्हें मस्जिद से बाहर घसीट कर निकाला गया. इस दौरान उनका बुलेट-प्रुफ जैकेट हटा दिया गया. इस दौरान घटना की तस्वीरों को कैमरे में कैद किया गया और फिर उन्हें सर्कुलेट किया गया. दानिश की हत्या के बाद भारतीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया की तरफ से काफी गुस्सा देखने को मिला. तालिबान को एहसास हुआ कि उन्होंने रॉयटर्स के एक वरिष्ठ पत्रकार की हत्या कर दी है. यही वजह थी कि हताशा में, उन्होंने एक Humvee (एक SUV) ली और उनके सिर और छाती को कुचल दिया.

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