उत्तर प्रदेश: मथुरा के जवाहर बाग कांड की जांच 4 साल बाद भी अधूरी,आरोपी के वकील का दावा रामवृक्ष है जिंदा
आरोपियों के वकील लक्ष्मीकांत गौतम का कहना है कि चूंकि वैज्ञानिक जांच (डीएनए जांच) की रिपोर्ट अब तक अदालत में नहीं सौंपी गई है इसलिए यह माना जाना चाहिए कि रामवृक्ष अब भी जीवित हैं.
उत्तर प्रदेश (uttar pradesh) के मथुरा में हुए जवाहर बाग कांड (Jawahar Bagh incident in Mathura) को आज भले 5 साल से ज्यादा का समय बीत गया है, लेकिन इस के केस में अभी तक कोई नतीजा नहीं आया है. मामले में आरोपियों के वकील ने गुरुवार को कहा कि मुख्य आरोपी रामवृक्ष जिंदा है. आरोपी पक्ष के वकील का यह भी कहना है कि कई महीने बीत जाने के बाद भी रामवृक्ष के शव से लिए गए डीएनए टेस्ट के सैंपल की रिपोर्ट अभी तक कोर्ट में पुलिस पेश नहीं कर पाई है. ऐसी सुरत में यही समझा जाएगा कि रामवृक्ष जिंदा है.
2 जून 2016 को जिले के जवाहर बाग में हुई हिंसा आज भी लोगों की जहन में जिंदा है. उपद्रवियों द्वारा पुलिस पर हमला किया गया था. जवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने उपद्रवियों को खदेड़ दिया था. वहीं इस हिंसा में 27 उपद्रवियों और दो पुलिस अधिकारियों सहित 29 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी.
4 साल से बाद भी आरोपपत्र दाखिल नहीं कर पा रही है सीबीआई
आरोपियों के वकील लक्ष्मीकांत गौतम का कहना है कि चूंकि वैज्ञानिक जांच (डीएनए जांच) की रिपोर्ट अब तक अदालत में नहीं सौंपी गई है इसलिए यह माना जाना चाहिए कि रामवृक्ष अब भी जीवित हैं. उन्होंन कहा कि वो अदालत से इस मामले की जांच कर रही सीबीआई को डीएनए जांच रिपोर्ट शीघ्र सौंपने का निर्देश देने का अनुरोध करेंगे. इसी के ही साथ वकील ने कहा कि चार साल बाद भी आरोपपत्र दाखिल करने में सीबीआई की विफलता संदेह पैदा करती है.
ऐसे भड़की थी जवाहर बाग की हिंसा
2 जून 2016 को जवाहर बाग में अपने समर्थकों के साथ कब्जा कर बैठे रामवृक्ष यादव को निकालने के लिए पुलिस की टीम पहुंची थी. उसी दौरान रामवृक्ष के गुंडों ने एसपी मुकुल द्विवेदी समेत पूरी पुलिस टीम पर हमला कर दिया. जिसमें एसपी मुकुल द्विवेदी और एसएचओ फरह संतोष याद की मौत हो गई. इस हिंसा में 30 लोग मारे गए थे. स्वाधीन भारत सत्याग्रह के नाम से संगठन चला कर उलजुलूल मांगे रखने वाले रामवृक्ष ने 2 साल से पार्क को आम लोगों के लिए बंद कर रखा था.
हाई कोर्ट के आदेश पर पहुंची थी पुलिस की टीम
हाई कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस जवाहर बाग कार्रवाई करने के लिए पहुंची थी. बाद में यह बात भी सामने निकल कर आई कि करीब 3000 लोगों के समूह ने वहां हथियारों का भारी जखीरा भी जमा कर रखा था. बताया जाता है कि यूपी की तत्कालीन सत्ताधारी समाजवादी पार्टी के कुछ बड़े नेताओं की शह रामवृक्ष को हासिल थी.
पार्क में लगी आग में जल कर मर गया था रामवृक्ष
एसपी की हत्या के बाद वहां बड़ी संख्या में पुलिस बल इकठ्ठा हो गया था. यह कहा गया था कि पार्क में मौजूद झोपड़ी में आग लग जाने से रामवृक्ष समेत 11 लोग जल कर मर गए थे, लेकिन अभी तक सीबीआई कोर्ट में रिपोर्ट नहीं दे पाई है.