13 सरकारी संपत्तियों में हिस्सेदारी इसी साल से निजी हाथों में जाएगी, अगले साल इंदौर और 2024 तक भोपाल एयरपोर्ट का मोनेटाइजेशन, साई सेंटर भी लिस्ट में

  • वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 6 लाख करोड़ रु. जुटाने की योजना लॉन्च की

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (एनएमपी) लॉन्च की। इसके तहत विभिन्न क्षेत्रों की सरकारी संपत्तियों में हिस्सेदारी बेचकर या संपत्ति को लीज पर देकर कुल 6 लाख करोड़ रु. जुटाने का लक्ष्य है।

वित्त मंत्रालय ने सोमवार को इसका पूरा खाका पेश करते हुए बताया कि लीज पर देने की प्रक्रिया चार साल, यानी 2025 तक चरणबद्ध तरीके से चलेगी। निर्मला ने साफ किया कि जिन रोड, रेलवे स्टेशन या एयरपोर्ट्स को लीज पर दिया जाएगा, उनका मालिकाना हक सरकार के पास ही रहेगा।

लीज एक तय समयसीमा के लिए होगी। उसके बाद पूरा इन्फ्रास्ट्रक्चर सरकार के पास आ जाएगा। जिन एयरपोर्ट्स को मॉनेटाइजेशन के लिए चुना गया है, उनमें भोपाल का राजा भोज एयरपोर्ट और इंदौर का देवी अहिल्याबाई होल्कर भी शामिल है। भोपाल एयरपोर्ट को 2024 तक तो इंदौर को 2022 तक निजी हाथों में दे दिया जाएगा। भोपाल का स्पोर्ट्स साई सेंटर और मध्यप्रदेश के 9 हाईवे के कुछ हिस्से भी प्राइवेट संस्थाओं को दिए जाएंगे। इनका संचालन तय समय सीमा तक ही कर सकेंगे।

सड़कों-रेलवे से सबसे ज्यादा 3 लाख करोड़ रु. जुटाने की तैयारी

  • हाईवे: 1.6 लाख करोड़
  • रेलवे: 1.5 लाख करोड़
  • पावर ट्रांसमिशन: 45,200 करोड़ जुटाए जाएंगे
  • पावर जेनरेशन: 39,832 करोड़ का लक्ष्य रखा है।
  • टेलीकॉम: 35,100 करोड़
  • वेयरहाउिसंग: 28,900 करोड़ मिल सकते हैं
  • नेचुरल गैस पाइपलाइन: 24,462 करोड़
  • प्रोडक्ट पाइपलाइन/अन्य: 22,504 करोड़
  • खनन: 28,747 करोड़
  • एविएशन: 20,782 करोड़
  • पोर्ट्स: 12,828 करोड़
  • स्टेडियम: 11,450 करोड़
  • अर्बन रियल एस्टेट: 15,000 करोड़, इनमें ज्यादातर संपत्ति दिल्ली में।

हाईवे: 27600 किमी सड़कें दी जाएंगी, जो देश की कुल सड़कों की 27% हैं

सरकार को हाईवे से ही सबसे ज्यादा पैसा मिलने की उम्मीद है। उत्तर भारत की 29 सड़कें, दक्षिण की 28, पूरब की 22 और पश्चिमी भारत की 25 सड़कें लीज पर दी जाएंगी। निजी क्षेत्र इनका संचालन निर्धारित अवधि तक करेंगे। यह अवधि कितनी होगी, यह बाद में तय किया जाएगा।

  • सड़कें निजी हाथों में जाने से क्या ज्यादा टोल देना पड़ेगा, इस सवाल के जवाब में अफसरों ने कहा कि यह कहना अभी सही नहीं है। क्योंकि, टोल को नियंत्रित रखने का फॉर्मूला बनना अभी बाकी है।

रेलवे: 400 स्टेशन, 90 पैसेंजर ट्रेन, 1400 किमी के ट्रैक लीज पर देंगे

सड़कों के बाद सबसे ज्यादा 1.52 लाख करोड़ रु. रेलवे में हिस्सेदारी बेचकर जुटाए जाएंगे। 400 स्टेशन, 90 पैसेंजर ट्रेन, 1400 किमी के ट्रैक लीज पर देंगे। साथ ही पहाड़ी इलाकों में रेलवे संचालन भी निजी हाथों में जाएगी। इसमें कालका-शिमला, दार्जिलिंग, नीलगिरी, माथेरन ट्रैक शामिल हैं।

265 गुड्स शेड लीज पर दिए जाएंगे। साथ ही 673 किमी डीएफसी भी निजी क्षेत्र को दी जाएगी। इनके अलावा चुनिंदा रेलवे कॉलोनी, रेलपे के 15 स्टेडियम का संचालन भी लीज पर दिया जाएगा।

निजी हाथों में एयरपोर्ट जाने से क्या फायदा…

  • भोपाल में डोमेस्टिक फ्लाइट्स की संख्या भी 50 से ज्यादा हो जाएगी। जो अभी 13 हैं, जबकि कोरोनाकाल के पहले 38 तक थीं। एयरपोर्ट विस्तार से जुड़े फैसले जल्द लिए जा सकेंगे। कतर, सिंगापुर, मलेशिया आदि के लिए फ्लाइट्स शुरू हो सकेंगी। यह अभी प्लानिंग में हैं।
  • इंदौर एयरपोर्ट से अभी 44 उड़ानें चल रही हैं। 1 सितंबर से इंटरनेशनल फ्लाइट इंदौर-दुबई भी शुरू हो जाएगी।

100 एकड़ में फैला है भोपाल साई

  • स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) भोपाल का सेंट्रल सेंटर भी निजी हाथों में जाएगा। ये सेंटर 100 एकड़ में फैला है, जिसमें कई इंडोर-आउटडोर स्टेडियम समेत हॉस्टल आदि हैं।
  • टेलीकाॅम: भारतनेट फाइबर की 2.86 लाख किमी लाइन और बीएसएनएल/एमटीएनएल के टॉवर भी दिए जाएंगे। लेकिन, मालिकाना हक नहीं मिलेगा।
  • हॉस्पिटेलिटी: देशभर में 8 बड़े होटल भी लीज पर दिए जाएंगे या उनकी हिस्सेदारी बेची जाएगी।

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