नए नियम:अब मकान के 30% अवैध निर्माण पर कलेक्टर गाइडलाइन के 10% तक देना होगी कंपाउंडिंग
- कंपाउंडिंग की सीमा को 10 से 30% कर नए सिरे से तय की गई है फीस
शहर में अवैध निर्माण को वैध करने के लिए कंपाउंडिंग की सीमा को 10 फीसदी से 30 फीसदी बढ़ाने के बाद राज्य सरकार ने इसकी फीस भी नए सिरे से तय कर दी है। मकान के 30 फीसदी अवैध निर्माण को वैध करने के लिए कलेक्टर गाइडलाइन के 10 प्रतिशत के बराबर तक फीस देना होगी।
कमर्शियल बिल्डिंग के लिए यह 12 प्रतिशत तक है। कलेक्टर गाइडलाइन के आधार पर फीस के निर्धारण का मतलब है कि जिन इलाकों में प्रॉपर्टी के दाम ज्यादा हैं, वहां अधिक फीस देना होगी और जहां प्रॉपर्टी के दाम कम हैं, वहां फीस कम लगेगी। कंपाउंडिंग की फीस पहले की तरह कलेक्टर गाइडलाइन के आधार पर तय होगी, लेकिन यदि आपने पूरे एफएआर का उपयोग नहीं किया है तो केवल बिल्डिंग परमिशन फीस का 6 गुना ही जमा करना होगा। समझिए, कंपाउंडिंग के पूरे नियम और फीस के बारे में।
कमर्शियल बिल्डिंग के लिए फीस 12 प्रतिशत
कंपाउंडिंग 30 प्रतिशत करने का क्या मतलब है?
यदि आपने बिल्डिंग परमिशन से 30 प्रतिशत तक अवैध निर्माण किया है तो अब आप उसे वैध करा सकते हैं। पहले यह सीमा केवल 10 प्रतिशत थी।
क्या सभी अवैध निर्माण
वैध हो जाएंगे?
सभी अवैध निर्माण वैध नहीं होंगे। फ्रंट एमओएस यानी बिल्डिंग के सामने की ओर किया गया अवैध निर्माण वैध नहीं होगा।
तो फिर कितना अवैध निर्माण वैध हो सकेगा?
मोटे तौर पर पहले आवासीय भवन में 1000 वर्ग फीट पर 1375 वर्ग फीट तक का निर्माण वैध हो सकता था, अब यह 1625 वर्गफीट तक हो सकेगा।
फीस का निर्धारण कैसे होगा?
- (ए) यदि आपने बिल्डिंग परमिशन के लिए जमा किए गए नक्शे से अधिक निर्माण किया है, लेकिन नियमानुसार इसकी अनुमति ली जा सकती थी तो बिल्डिंग परमिशन के लिए जमा की जाने वाली फीस का 5 गुना शुल्क लगेगा। कमर्शियल बिल्डिंग में यह 6 गुना होगा।
- (बी) यदि अनुमति की सीमा से अधिक निर्माण किया है तो पहले 10 प्रतिशत तक कलेक्टर गाइडलाइन का 5 प्रतिशत, अगले 10 प्रतिशत तक 7.5 प्रतिशत और अंतिम 10 प्रतिशत पर 10 प्रतिशत तक शुल्क लगेगा। कमर्शियल भवनों के मामले में यह 6, 9 और 12 प्रतिशत होगा।
कितने लोगों को फायदा होगा {शहर में 90% से अधिक मकानों में अवैध निर्माण है। इनमें से फ्रंट एमओएस का उल्लंघन, सड़क व सार्वजनिक उपयोग की जमीन पर कब्जा नहीं करने वालों की संख्या 75% तक मानी जाती है। यह सभी लाभ ले सकते हैं।
सरकार को क्या मिलेगा {5 साल पहले 2016 में कंपाउंडिंग फीस घटाई गई थी, तब उम्मीद थी कि अकेले भोपाल निगम को 100 करोड़ मिलेंगे, पर कंपाउंडिंग की सीमा नहीं बढ़ने से 20 करोड़ ही मिले। कुछ सालों में निगम को 100 करोड़ की आय हो सकती है।
नए नियमों से क्या खतरा
नए नियमों से अवैध निर्माण की प्रवृत्ति बढ़ने का भी खतरा है। इससे पर्यावरण व इंफ्रास्ट्रक्चर का संतुलन बिगड़ेगा। मौजूदा अवैध निर्माण को वैध करने के साथ शासन को ऐसा मैकेनिज्म बनाना चाहिए, जिससे अवैध निर्माण पर रोक लगे।
एक्सपर्ट रिपोर्ट : अब्दुल मजीदे, प्रेसीडेंट, एसो. ऑफ स्ट्रक्चरल इंजीनियर्स मप्र