महाराष्ट्र: ‘जनता मोदी सरकार को भी गिरा सकती है’, वरिष्ठ समाज सेवक अन्ना हजारे बोले, दिल्ली के CM पर भी साधा निशाना

देश के 14 राज्यों से आए हुए 86 कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण शिविर रालेगणसिद्धि में आयोजित किया गया था. वरिष्ठ समाज सेवक अन्ना हजारे ने एक बार फिर जन आंदोलन करने का संकल्प किया. इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर संगठन तैयार करने का निर्णय लिया गया.

वरिष्ठ समाज सेवक अन्ना हजारे (Anna Hazare) के गांव रालेगणसिद्धि में राष्ट्रीय कार्यकर्ता शिविर में अन्ना ने राष्ट्रीय मुद्दे पर जम कर अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि ना तो कांग्रेस (Congress) और ना ही बीजेपी (BJP) से ही देश का कुछ भला होने वाला है. उन्होंने कहा, “सभी लोग पैसे से सत्ता और सत्ते से पैसा बनाने में लगे हैं. कोई भी सरकार अगर स्वतंत्रता का मतलब स्वच्छंदता समझती है, तो जनसंसद को शक्तिशाली बनाना ज़रूरी हो जाता है. इस तरह से जनता अगर जागरुक हो जाए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार भी गिराई जा सकती है. देश को बचाने का और कोई दूसरा रास्ता नहीं है.”

महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित अपने गांव में शिविर का मार्गदर्शन करते हुए अन्ना ने कहा, “कांग्रेस हो या बीजेपी किसी भी पार्टी के हाथ देश का भविष्य उज्ज्वल नहीं है. देश में बदलाव लाना है तो सरकार किसी भी पार्टी की हो, उस पर जन संसद के माध्यम से दबाव लाने की ज़रूरत है. 2011 के लोकपाल आंदोलन के वक्त हमने यही संकल्प लेकर टीम तैयार की थी. लेकिन कुछ लोगों के मन में राजनीतिक महत्वाकांक्षा ने जन्म ले लिया और टीम टूट गई. कोई मुख्यमंत्री बना, कोई राज्यपाल तो कोई मंत्री, लेकिन देश का नुकसान हुआ.” इन शब्दों में अन्ना ने ना सिर्फ कांग्रेस और बीजेपी को आड़े हाथों लिया बल्कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी निशाना साधा.

जन आंदोलन के लिए एक बार फिर राष्ट्रीय संगठन तैयार करेंगे अन्ना

देश के 14 राज्यों से आए हुए 86 कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण शिविर रालेगणसिद्धि में आयोजित किया गया था. यह रविवार को संपन्न हो गया. वरिष्ठ समाज सेवक अन्ना हजारे ने इस राष्ट्रीय कार्यकर्ता प्रशिक्षिण शिविर के माध्यम से एक बार फिर जन आंदोलन करने का संकल्प किया. इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर संगठन तैयार करने का  निर्णय लिया गया. उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को दीर्घकालीन योजना बनाकर काम पर लगने का निर्देश दिया है.

इस मौके पर अन्ना हजारे ने कहा, “कुछ लोग मुझ पर टीका-टिप्पणी करते हैं, लेकिन मैं उन पर ध्यान नहीं देता. यह मेरा काम नहीं. मेरा काम समाज और देश के लिए है. सत्य कभी पराजित नहीं होता. मेरा कोई स्वार्थ नहीं है. मैं 46 सालों से मंदिर में ही रह रहा हूं. किसी भी राजनीतिक पार्टी से मेरा कोई लेना-देना नहीं है. मैं सिर्फ देश और समाज का ख़याल करता हूं.”

किसान आंदोलन को मेरा समर्थन, सरकार इस समस्या को लेकर गंभीर नहीं

दिल्ली सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन के मुद्दे पर बोलते हुए अन्ना ने कहा, ” मैं कई सालों से किसानों की समस्याओं के लिए आंदोलन कर रहा हूं. 23 मार्च 2018 और 30 जनवरी 2019 को मैंने किसानों के साथ मिलकर आंदोलन किया. दिल्ली में पिछले 9 महीने से जो किसान आंदोलन शुरू है, उस आंदोलन को मेरा समर्थन है. मैंने एक दिन अनशन भी किया. सरकार किसानों के मुद्दों पर जरा भी गंभीर नहीं है. कृषि उत्पाद पर C-2 के ऊपर 50 प्रतिशत एमएसपी लागू होना चाहिए. इसके लिए केंद्र सरकार ने उच्चाधिकार समिति गठित करने का लिखित आश्वासन दिया है.”

ठाकरे सरकार को दिया अल्टीमेटम, लोकायुक्त कानून को सक्षम बनाओ वरना जन आंदोलन

पिछले हफ्ते अन्ना हजारे ने राज्य में लोकायुक्त कानून को सक्षम बनाने के लिए महाविकास आघाडी सरकार को तीन महीने की मोहलत दी है. अन्यथा उन्होंने जनवरी से आंदोलन करने की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि या तो पूरी शक्ति से लोकायुक्त कानून अमल में आएगा, या ठाकरे सरकार गिरेगी.

 

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