भोपाल में नशे के कारोबार पर भास्कर स्टिंग:गांजे की एक पुड़िया 50 रुपए की, वो भी मंत्रालय के ठीक सामने; शहर में इसके 25 बड़े सप्लायर, हर महीने कम से कम 1 क्विंटल की खपत
सड़क पर खुलेआम बिकता गांजा। संकरी गलियों में इसकी पुड़िया बेचते बेखौफ बच्चे, महिलाएं और लड़कियां। एक पुड़िया मांगो, चार मिल जाएंगी। दिन हो या रात, किसी भी वक्त। वो भी सीएम हाउस से आधा किमी दूरी पर और मंत्रालय के ठीक सामने। राजधानी भोपाल में अवैध बिकने वाले सभी नशीले सामान में सबसे ज्यादा गांजा बिक रहा हैं। ये धंधा जहां से चल रहा है, भास्कर के दो रिपोर्टर ग्राहक बनकर उन ठिकानों तक पहुंचे। सस्ते नशे के ये ठिकाने वल्लभ नगर, दीक्षा नगर, स्मार्ट रोड पर हैं। दीक्षानगर की गलियों में तो इनका पता हमें यहां के बच्चों ने बताया। यहां रिपोर्टरों ने जो कुछ देखा, पढ़ें उन्हीं की जुबानी…
शहर के चार बड़े ठिकाने… तीन वीआईपी जोन
आंखों से इशारा किया और सीधे पुड़िया दे दी
एनआईटीटीटीआर के सामने स्मार्ट रोड के फुटपाथ पर दो युवक खड़े हैं। बाइक रुकते ही एक ने आंखों में आंखें डालकर देखा और इशारा किया। बिना कुछ कहे उसने सिर हिलाया। उतरकर गए तो उसने जेब से प्लास्टिक का छोटा पाउच निकालकर दिया और 50 का नोट लिया। ये युवक यहीं से गांजा बेचते हैं।
कोड लंगड़े की दुकान, बेटी के हाथों सप्लाई
बाहर चिप्स के पैकेट टंगे हैं। अंदर झांक कर देखा तो एक अधेड़ व्यक्ति जमीन पर लेटा दिखा। उसका एक पैर कटा था। हमने जैसे ही कहा- पुड़िया चाहिए तो उसने पानदान निकाला। हमने कहा- देसी है तो आवाज दी- बड़ी पुड़िया लाओ। तभी एक बच्ची सामने के घर से दो पुड़िया ले आई। उसने 100 रु. लिए।
नाम सब्जी वाली आंटी, काम- नशे का कारोबार
दरवाजे के दो में से एक पल्ला खुला है। तीन-चार बार आवाज लगाई दीदी-दीदी। एक युवती जिसकी उम्र करीब 20 साल होगी, हाथ में दो पुड़ियां लेकर आई। तभी एक ग्राहक और आ गया, उसे देखकर युवती अंदर गई और चार पुड़िया ले आई। बिना कुछ कहे दोनों को दो-दो पुड़ियां दीं और 50-50 रुपए लेकर चली गई।
देखते ही पत्नी चिल्लाने लगी- हम नहीं बेचते…
नाले किनारे बस्ती के पीछे कच्ची पगदंडी से रास्ता जाता है। यहां एक ही घर है। आवाज देने पर 40 वर्षीय व्यक्ति बाहर आया। पूछा कि सामान मिल जाएगा। तभी उसकी पत्नी आई और शोर मचाने लगी। मेरा पति गांजा नहीं बेचता। उसी दौरान उसका पति बाहर आया और बोला- पहले गांजा बेचता था, अब नहीं बेचता हूं।
15 साल से बेखौफ कारोबार
वल्लभ नगर की सब्जी वाली आंटी और दुकान वाला लंगड़ा सालों से अपने घर से ही गांजा बेच रहे हैं। इनसे जुड़े एक शख्स ने बताया- लंगड़ा सात-आठ साल तो सब्जी वाली आंटी 14-15 साल से गांजा बेचने का कारोबार कर रही है।
गांजे का गणित… आंध्र और ओडिशा के नक्सली क्षेत्रों से सप्लाई
- 25 बड़े सप्लायर्स पुलिस पड़ताल में मिले हैं, जो आंध्र, ओडिशा के नक्सली क्षेत्र से सप्लाई लेते हैं। हर महीने एक क्विंटल की खपत है।
- बीते 22 दिन में कोलार पुलिस ने दो कार्रवाई में तीन क्विंटल गांजा जब्त किया। शहर में थोक में गांजा आता है, फुटकर में बिकता है।
- मोडिफाइड पुरानी कार की पिछली सीट में दो-दो किलो गांजे के बंडल की तस्करी होती है। इनमें बदबू न आए तो केले के ढेर में भी ले जाते हैं।