आगरा में महंगा हुआ पीने का पानी:निगम ने छापेमारी की तो 2 हजार RO प्लांट संचालकों ने दोगुने कर दिए पानी के दाम, 5 लाख लोग खरीदते हैं पानी
आगरा में आरओ प्लांट से पीने का पानी लेने वाले लोगों को अब दोगुनी कीमत चुकानी होगी। शहर के 5 लाख लोगों पर इसका सीधा असर होगा। पानी की कीमत में इजाफा करने के पीछे आरओ प्लांट संचालक लाइसेंस प्रक्रिया को कारण बता रहे हैं।
आगरा में पेयजल की बहुत बड़ी समस्या है। शहर का बड़ा हिस्सा ऐसा है, जहां पर पानी की पाइलाइन नहीं है। इसके साथ वहां पर भूगर्भ जल पीने लायक नहीं है। ऐसे में शहर की आधी आबादी आरओ प्लांट से पानी लेकर पीते हैं। एक सप्ताह पहले तक आरओ प्लांट से 5 से 8 रुपए प्रति बोतल पानी मिल रहा था, जबकि घर पर 15 से 20 रुपए में सप्लाई हो रही थी। मगर, अब आरओ प्लांट संचालकों ने प्रति बोतल पानी की कीमत दोगुनी कर दी हैं। ऐसे में महंगाई के बीच पानी के दाम बढ़ने से लोगों की जेब पर वजन और बढ़ गया है। जिन घरों में पहले माह में 500 रुपए का पानी आता था, अब उनको इसके दोगुना बिल चुकाना होगा। कालिंदी विहार निवासी शुभम कुलश्रेष्ठ का कहना है कि उनके यहां पर खारा पानी है। पीने के लिए आरओ का पानी लेने पड़ता है, अब दाम दोगुने हो गए हैं, इससे खर्चा बढे़गा। प्रशासन को दाम निर्धारित करने चाहिए।
विभाग ने छापे मारे तो बढ़ा दिए दाम
शहर में करीब दो हजार आरओ प्लांट हैं। सभी प्लांट बिना रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस के चल रहे हैं। किसी के पास एनओसी नहीं है। अधिकांश आरओ प्लांटों पर मानकों को भी पूरा नहीं किया जा रहा है। भूगर्भ जल विभाग के पास भी इन प्लांट का कोई डाटा नहीं है। पिछले दिनों भूगर्भ जल विभाग और प्रशासन की टीम ने आरओ प्लांट पर छापे मारे थे। 6 आरओ प्लांट को सील किया गया था। इन पर जुर्माना भी लगाया गया। इसके बाद ही आरओ प्लांट संचालकों ने बैठक कर रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस के नाम पर पानी की कीमतों में बढ़ोतरी कर दी। आरओ प्लांट संचालक राजेश यादव का कहना है कि एसोसिएशन की बैठक में जो रेट निर्धारित किए गए हैं। उसका ही पालन किया जा रहा है। इसके अलावा लाइसेंस और एनओसी लेने की प्रक्रिया काफी जटिल है। ऐसे में इस प्रक्रिया के पूरा करने में लगे हैं।
एक माह का दिया है समय
भूगर्भ जल विभाग की अधिकारी नम्रता जायसवाल ने बताया कि बिना एनओसी चल रहे आरओ प्लांट को प्रक्रिया पूरी करने के लिए एक माह का समय दिया गया है। इस अवधि में सभी को मानक और प्रक्रिया पूरी करनी होगी। उन्होंने बताया कि अभी तक किसी भी प्लांट ने लाइसेंस के लिए आवेदन नहीं किया है।