‘भ्रष्ट’ के घर में पेड़ पर चढ़कर घुसे अफसर:प्रॉपर्टी ब्रोकर बन तो कभी पता पूछने के बहाने गई EOW की टीम, सोसायटी मैनेजर ने नहीं खोला गेट

शिवपुरी फतेहपुर रोड की विजयपुरम काॅलोनी में रहने वाले पचावली सहकारी साख समिति के सहायक प्रबंधक माधुरी शरण भार्गव के यहां आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने छापा मारा है। EOW की टीम को भार्गव के घर जाने में मशक्कत करनी पड़ी। 3 बार जाने के बाद भी भार्गव ने दरवाजा नहीं खोला। आखिरकार अफसर पेड़ पर चढ़कर भार्गव के घर में घुसे। कार्रवाई में अभी तक 3 मकान, प्लॉट, दुकान, नकदी रुपए और सोना-चांदी समेत बेहिसाब संपत्ति सामने आई है।

भार्गव का बेटा प्रॉपर्टी का कारोबार करता है। इस कारण टीम उसके घर पहले प्रॉपर्टी खरीदने के बहाने पहुंची, लेकिन भार्गव को शक हो गया। उन्होंने दरवाजा नहीं खोला। कुछ देर बाद टीम के अन्य सदस्य पता पूछने के बहाने उनके यहां पहुंचे, लेकिन फिर भी दरवाजा नहीं खोला। ऊपर से ही बात करते रहे। तीसरी बार टीम रेड डालने की बात कहते हुए पहुंची, तब भी गेट नहीं खोला। टीम के कुछ सदस्य माधुरी शरण भार्गव के मकान के सामने लगे अशोक के पेड़ पर चढ़कर पड़ोसी की छत पर पहुंचे। इसके बाद भार्गव के मकान में घुसे।

भार्गव के घर से करोड़ों की संपत्ति का खुलासा हुआ है।
भार्गव के घर से करोड़ों की संपत्ति का खुलासा हुआ है।

500 रुपए से नौकरी की शुरुआत

माधुरी भार्गव ने साल 1995 में 500 रुपए के वेतन पर सहायक सेल्समैन के रूप में नौकरी शुरू की थी। अभी वे सहायक प्रबंधक के पद पर हैं। वर्तमान में उन्हें 12 हजार 500 रुपए महीना सैलरी मिलती है। अनुमान के अनुसार 26 साल की नौकरी में वेतन के रूप में करीब 30 लाख रुपए मिले हैं। जांच में उनकी संपत्ति इससे कई गुना ज्यादा की मिली है। टीम ने भार्गव से संपत्ति का हिसाब मांगा है, लेकिन वे मौके पर कुछ बता नहीं पाए।

बना रहे हैं मार्केट, टाइल्स की दुकान भी

भार्गव जिस कॉलोनी में रहते हैं, वहां उनके दो मकान आमने-सामने हैं। इसके अलावा भी दो तीन अन्य मकान बताए जा रहे हैं। ग्वालियर बायपास पर करीब एक करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की टाइल्स की दुकान है। फतेहपुर रोड पर भी बेशकीमती प्लॉट पर दुकान और मकान निर्माणाधीन है। परिवार और रिश्तेदारों के नाम पर भी करोड़ों की जमीन होने की बात सामने आई है।

माधुरी शरण भार्गव ने घर का दरवाजा ही नहीं खोला। टीम को छत के रास्ते जाना पड़ा।
माधुरी शरण भार्गव ने घर का दरवाजा ही नहीं खोला। टीम को छत के रास्ते जाना पड़ा।

ऐसे बनाया साम्राज्य
आरोप है कि भार्गव समिति के माध्यम से किसानों की फसल खरीदने का काम करता है। यहां किसानों के हक पर डाका डालने के अलावा फर्जी सिकमी बटाईदार बनकर बाजार का गेहूं सरकार को बेचने, कंट्रोल संचालन कर गरीबों के हक का राशन डकार कर पैसा बनाया। किसानों को ऋण वितरण, ऋण माफी के माध्यम से भी पैसा बनाए जाने का खेल खेला गया।

भाई के घर भी मारा छापा
कॉलोनी में कुछ दूर रहने वाले माधुरी शरण भार्गव के भाई बबलू के घर पर भी टीम ने छापा मारा। यहां भी टीम सुबह 5 बजकर 10 मिनट पर पहुंच गई थी। 6 घंटे तक बबलू के घर की तलाशी ली। सूत्र बताते हैं कि यहां से भी टीम को दस्तावेज मिले हैं। डीएसपी ईओडब्ल्यू सतीश चतुर्वेदी ने सिर्फ एक ही जगह छापा मारने की बात स्वीकार की है। बबलू सहकारी समिति में ही उचित मूल्य की दुकान चलाता है।

खाते-लॉकर फ्रीज, होगी तलाशी
सूत्रों का कहना है कि परिवार वालों के नाम कई बैंकों में खाते होने की बात सामने आई है। संबंधित बैंकों को सूचना देकर सभी परिजनों के खाते व लॉकर फ्रीज करा दिए हैं। इन बैंक खातों में कितनी राशि जमा है और कितना ट्रांजेक्शन हुआ है? लॉकर्स में क्या-क्या रखा है ? यह पता करने के लिए टीम शुक्रवार को बैंक जाएगी।

डीएसपी सतीश चतुर्वेदी ने बताया कि माधुरी शरण के कॉलोनी में तीन से चार मकान हैं। ऐसे में यह स्पष्ट नहीं था कि वह कौन से मकान में रहता है। इस कारण एक टीम वहां भी गई थी। सर्च वारंट माधुरी शरण के मकान का था। कुछ खाते सामने आए हैं, उन्हें फ्रीज करा दिया गया है।

बेशकीमती प्रॉपर्टी का मालिक
जांच के दौरान माधुरी शरण भार्गव व उसके परिजनों के नाम पर इन्द्रपुरम कॉलोनी में दो मंजिला मकान, पत्नी रजनी के नाम पचावली में दो मंजिला मकान, एक निर्माणाधीन मकान, दो दुकान, 1525 वर्गफीट प्लॉट, कोलारस में 3000 वर्ग फीट प्लॉट, पचावली में बेटे गिर्राज के नाम कृषि भूमि समेत 24 बीघा जमीन, गणेश कॉलोनी में दो प्लॉट के दस्तावेज मिले हैं। 7 लाख रुपए के गहने, 54 हजार नकद, 3 बैंक खातों की जानकारी, 1 कार और 3 दुपहिया वाहन मिले हैँ। माधुरी शरण भार्गव के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम 2018 की धारा 13(1)ख, 13(2) के तहत केस दर्ज किया गया है।

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