मप्र सरकार की माली हालत खराब:18 महीने में सरकार ने लिया 32 बार कर्ज, 51 हजार करोड़ हुई राशि

  • ढाई लाख करोड़ हुआ कर्ज…

प्रदेश की वित्तीय स्थिति खराब हैं। इसके चलते राज्य सरकार को डेढ़ साल में 32 बार कर्ज लेना पड़ा। भाजपा सरकार ने प्रदेश की योजनाओं और विकास से जुड़े के कामों के लिए 18 महीने में 51 हजार करोड़ का कर्ज लिया है। सरकार ने पिछले महीने सितंबर में दो हजार करोड़ का कर्जा लिया था, जिसको मिलाकर अब प्रदेश पर ढाई लाख करोड़ रुपए का कर्जा है। इसमें कोरोना से निपटने पर कुछ खर्च हुआ है।

वित्त विभाग की अंतरिम रिपोर्ट में राज्य शासन के कर्ज से जुड़ा रिकॉर्ड है। वित्त नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने प्रदेश के लिए वर्ष 2021-22 के अंतिम लेखे तैयार नहीं किए है। बजट के पुनरीक्षित अनुमान में वर्ष 2022 तक ढाई लाख करोड़ तक कर्ज रहेगा। भाजपा की सरकार पिछले साल 23 मार्च 2020 को बनी थी। इसके बाद हर महीने लगभग दो बार कर्ज लिया गया है।

वित्तीय आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2020 में 2250 करोड़ रुपए का लोन लिया गया था। अगले महीने अप्रैल में दो हजार करोड़, मई में दो हजार करोड़, जून में एक हजार करोड़, जुलाई में दो हजार करोड़, अगस्त में दो हजार करोड़, सितंबर में दो हजार करोड़, अक्टूबर में तीन हजार करोड़, नवंबर में चार हजार करोड़, दिसंबर में चार हजार करोड़ रुपए कर्ज लेना पड़ा था। शासन ने वर्ष 2021 में कुल 11 बार लोन लिया था। जनवरी में दो हजार करोड़, फरवरी में 11 हजार करोड़, मार्च में 10,572 करोड़, जुलाई में दो हजार करोड़ और सितंबर में दो हजार करोड़ कर्ज लिया है।

आवश्यकता अनुसार लेते हैं कर्ज

सरकार प्रदेश के विकास की जरूरतों के हिसाब से आवश्यकता पड़ने पर कर्ज लेती है। ये सारी प्रक्रिया नियमों में होती है।
– जगदीश देवड़ा, वित्त मंत्री

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