महिला आयोग में पहुंचीं शिकायतों से हुआ खुलासा:भोपाल में महिला कर्मचारी सबसे ज्यादा प्रताड़ित, आयोग में 150 शिकायतें, इनमें 44 राजधानी की; सभी संविदाकर्मी, कार्रवाई जीरो

राजधानी में कामकाजी महिलाएं सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं। इसमें भी सबसे ज्यादा संविदा कर्मचारी अपने आपको सबसे ज्यादा असुरक्षित महसूस करती हैं। इन्हें अनुचित काम करने से मना करने पर नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती है। राज्य महिला आयोग में अकेले भोपाल की 44 कार्यस्थल पर प्रताड़ना की शिकायतें पहुंचीं, ये सारी संविदा कर्मियों ने की हैं, जबकि प्रदेशभर से ऐसी 150 शिकायतें पहुंची हैं।

संविदा कर्मी के रूप में अधिकतर महिलाएं एक अनुबंध के तहत अपनी सेवाएं देती हैं। वरिष्ठ अधिकारी उनसे अनुचित कार्य की मांग करते हैं। ऐसा नहीं करने पर वे वेतन काटने से लेकर नौकरी से निकालने तक की धमकी देते हैं। यह खुलासा महिला आयोग में पहुंची शिकायतों से हुआ है। महिला आयोग की अध्यक्ष शोभा ओझा और सदस्य संगीता शर्मा का कहना है कि अधिकारी केवल आश्वासन देते हैं, लेकिन दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते।

शिकायतों पर शिकायतें- अकेले में बुलाते हैं, कई बार छूने की कोशिश की

ऑफिस में रात में रुकने के लिए दबाव, अश्लील हरकत की

भोपाल के शिक्षा केंद्र में पदस्थ संविदा कर्मचारी महिला कर्मचारी ने जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी) के खिलाफ प्रताड़ना और छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। महिला का आरोप है कि डीपीसी उन्हें रात को ऑफिस में रुकने के लिए दवाब बनाते हैं। कई बार अश्लील हरकत कर चुका है। अफसर के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

अकेले बुलाता था अफसर, पुलिस थाने पहुंची महिला

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (एनआईएफटी) में यौन शोषण का मामला सामने आया है। महिला कर्मचारी ने डायरेक्टर पर आरोप लगाए हैं कि वे अकेले में बुलाते हैं। कई बार उन्होंने छूने की कोशिश भी की। इन्हीं हरकतों से तंग आकर महिला ने डायरेक्टर के खिलाफ पुलिस में केस दर्ज कराया है।

पांच महिलाओं की शिकायत पर भी नहीं हो रही सुनवाई

आरजीपीवी की पांच महिलाओं ने प्रबंधन से प्रताड़ना की शिकायत की। लेकिन, प्रबंधन ने आंतरिक परिवाद समिति तो बना दी, लेकिन इसमें किसी सामाजिक कार्यकर्ता को नहीं रखा, जबकि यह जरूरी है। महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष उपमा राय का कहना है कि समिति में अगर सामाजिक कार्यकर्ता नहीं है, तो उसकी जांच मान्य नहीं होगी।

सहायक संचालक पर कार्यस्थल प्रताड़ना का आरोप

महिला एवं बाल विकास विभाग की दत्तक ग्रहण संसाधन अभिकरण में पदस्थ कार्यक्रम अधिकारी (संविदा) ने विभाग के लिए सहायक संचालक के खिलाफ कार्यस्थल प्रताड़ना और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है। महिला ने इसकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से की, जिसकी जांच चल रही है।

शिकायत की तो छुट्टी पर भेज दिया

विंध्य हर्बल की एक संविदा कर्मचारी ने महिला कर्मचारी के साथ अश्लील हरकत की तो उसकी शिकायत को आंतरिक परिवाद समिति की जगह भेजने के साथ महिला को ही छुट्टी पर भेज दिया गया।

नहीं भेजी जानकारी- कार्यस्थल पर प्रताड़ना के 150 मामले लंबित

कार्यस्थल पर प्रताड़ना के 150 मामले लंबित

जब हमने आयोग का कार्यभार संभाला था, तब कार्यस्थल प्रताड़ना के संबंध में भोपाल सहित प्रदेश के सभी कार्यालयों से कानून के तहत गठित समितियों की जानकारी मांगी थी, लेकिन किसी ने जानकारी नहीं भेजी। आयोग में 13 हजार प्रकरण लंबित है, इसमें से 150 मामले तो कार्यस्थल प्रताड़ना के है।
-संगीता शर्मा, सदस्य, राज्य महिला आयोग

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