इटावा आकर बोले मुलायम- मुझे तो भाषण देना है, तैयारियों का क्या पता
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने कहा है कि शिवपाल भाई हैं और वे जो कर रहे हैं उसका पता लगा रहे हैं. शुक्रवार को मुलायम सिंह की मैनपुरी में विशाल रैली है. महागठबंधन की इस रैली में बसपा सुप्रीमो मायावती भी शामिल होंगी.
मुलायम सिंह यादव मैनपुरी में होने वाली गठबंधन की महारैली में शामिल होने इटावा स्थित अपने आवास पहुंचे हैं. शुक्रवार को मैनपुरी में मुलायम सिंह रैली करेंगे. इस महारैली में सभी सहयोगी दलों के नेता आ रहे हैं. समाजवादी पार्टी इस रैली को ऐतिहासिक बनाने की तैयारी में है. जनसभा में शामिल होने से पहले सिविल लाइन आवास पहुंचे सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने कार्यकर्ताओं के साथ तस्वीरें भी खिंचवाई.
जब आज तक ने उनके भाई और समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता शिवपाल सिंह पर सवाल पूछा तो मुलायम बिफर पड़े.
मुलायम सिंह ने कहा, ‘शिवपाल के बारे क्या पूछते हो. भाई के बारे में क्या पूछते हो? तुम्हारा क्या मतलब है? शिवपाल भैया हैं, जो कर रहे हैं वो हम पता लगा रहे हैं. आपको क्या मतलब है?’
विशाल गठबंधन की जनसभा के सवाल पर मुलायम सिंह ने कहा कि जो तैयारी कर रहे हैं उनसे पूछो. हमें तो भाषण देना है. सभी दलों के नेता आ रहे हैं. हर दल के नेता इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. यह एतिहासिक कार्यक्रम तो है. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह ने जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र में मुलायम सिंह यादव को जिताने के लिए मीटिंग की थी.
जब उनसे पूछा गया कि क्या आप मैनपुरी में बड़ी जीत फिर से दोहरा पाएंगे तो उन्होंने कहा कि अभी चुनाव शुरू नहीं हुआ है. कल हम जाएंगे तो चुनाव शुरू हो जाएगा. मैनपुरी में बड़ी जीत पर कहा कि अभी चुनाव शुरू नही हुआ है कल हम जाएंगे चुनाव शुरू हो जाएगा.
मुलायम सिंह यादव की मैनपुरी रैली कई मायने में ऐतिहासिक है. 25 साल बाद एक बार फिर मायावती और मुलायम सिंह यादव किसी मंच पर साथ आएंगे.
मायावाती भूल चुकी हैं गेस्ट हाउस कांड
2 जून, 1995 को हुए गेस्ट कांड को भूलकर बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती, समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर चुकी हैं. दरअसल 2 जून को तत्कालीन बसपा सुप्रीमो कांशीराम ने सपा के सात गठबंधन तोड़ने पर बातचीत के लिए बैठक बुलाई थी. इसके बाद सपा के कई कार्यकर्ताओं और विधायकों ने गेस्टहाउस पर हमला बोल दिया. सपा कार्यकर्ताओं ने बसपा के नेताओं के साथ मारपीट शुरू कर दी. जिस तरह से सपा के नेताओं ने हमला बोला उससे साफ था कि उनके निशाने पर मायावती ही थीं. सपा कार्यकर्ताओं ने मायावती के लिए अपशब्द इस्तेमाल किए और बदसलूकी के भी प्रयास किए.
बवाल बढ़ता देख एसपी और डीएम पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे. किसी तरह इन लोगों ने मायावती की जान बचाई. इस पूरे कांड के बाद बसपा ने सपा से समर्थन वापस लेने का ऐलान किया और मुलायम सरकार बर्खास्त हो गई. इसके बाद बीजेपी ने मायावती को समर्थन देने का ऐलान किया और गेस्टहाउस कांड यानी 2 जून 1995 के अगले दिन बीजेपी के समर्थन से मायावती उत्तर प्रदेश के सीएम पद की शपथ लीं.
कई दिग्गज नेता होंगे शामिल
सपा-बसपा और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक दल(रालोद) के कई दिग्गज नेताओं के पहुंचने की संभावना है. इस जनसभा में अखिलेश यादव और अजित सिंह भी रैली को संबोधित कर सकते हैं. स्थानीय कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस रैली में लाखों लोग शामिल हो सकते हैं. इस चुनाव में महागठबंधन के सभी नेता साथ मिलकर हुंकार भरेंगे.