….आगरा में मृतक सफाईकर्मी की पत्नी बोली- घर से रुपए मिलना गलत, पुलिस बताए चोरी के 10 लाख कहां हैं?

सिस्टम से परिवार के सवाल …

आगरा में सफाईकर्मी अरुण वाल्मीकि की पुलिस कस्टडी में मौत मामले ने तूल पकड़ लिया है। अब तक इस प्रकरण में 11 पुलिसकर्मी सस्पेंड किए जा चुके हैं। अज्ञात पर हत्या का केस भी दर्ज किया जा चुका है। पीड़ित परिवार के कई ऐसे सवाल हैं जिनके पुलिस के पास जवाब नहीं है। मृतक की पत्नी सोनम का कहना है कि पुलिस 15 लाख रुपए बरामदगी की जो कहानी बता रही है वो गलत है। उनके घर से रुपए बरामद नहीं हुए हैं।

वहीं, मां कमला देवी का कहना है कि पुलिस वालों ने चोरी का आरोप लगाते हुए पूरे परिवार को उठा लिया और पिटाई की- ‘अरुण कुछ पुलिस वालों के नाम बता रहा था। नाम उजागर न हो जाए, इसलिए उसे मार दिया गया। मुझे इंसाफ चाहिए जिसने उसे मारा है उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए’।

घरवाले झुठला रहे पुलिस की कहानी
मृतक की पत्नी सोनम का कहना है कि पुलिस हार्ट अटैक से उनकी (अरुण) मौत की जो बात कह रही है, वो गलत है। उन्हें कोई बीमारी नहीं थी। मां कमला ने कहा कि पुलिस ने अरुण की हत्या का मुकदमा भी अज्ञात में दर्ज किया है। क्या अधिकारियों को नहीं पता कि अरुण से पूछताछ कौन कर रहा था? पुलिस ने उनके बेटे की हत्या की है। उनके बेटे को चोरी में झूठा फंसाया गया। बेटा जिंदा होता तो असली अपराधी सामने आ जाते।

मृतक की मां कमलावती को पुलिस की कहानी पर विश्वास नहीं हो रहा है।
मृतक की मां कमलावती को पुलिस की कहानी पर विश्वास नहीं हो रहा है।

घरवालों को अवैध हिरासत में रखा
मृतक के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें 60 घंटे तक अवैध हिरासत में रखा। उनके साथ मारपीट की गई। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी पुलिस मृतक के परिजनों के साथ बर्बरता का आरोप लगाया है। मृतक की पत्नी सोनम ने उनके साथ मारपीट करने की बात कही है।

सफाई कर्मी अरुण, जिसकी पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी।- फाइल फोटो
सफाई कर्मी अरुण, जिसकी पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी।- फाइल फोटो

परिवार के 7 बड़े सवाल

  • पुलिस ने किस नियम के तहत 60 घंटे अवैध हिरासत में रखा?
  • क्या परिजनों का नाम चोरी के मुकदमे में था?
  • क्या पुलिस ने जिन घरवालों को पूछताछ के लिए उठाया था, उनका नाम GD में दाखिल क्या था?
  • क्या अधिकारियों को नहीं पता कि अरुण से पूछताछ कौन कर रहा था? अज्ञात में FIR क्यों?
  • क्या चोरी में अकेले अरुण ही शामिल था ?
  • अगर अरुण ने ही चोरी की थी तो उसके पास से पूरे 25 लाख रुपए बरामद क्यों नहीं हुए?
  • पुलिस 15 लाख रुपए बरामदगी बता रही है तो बाकी के 10 लाख रुपए कहां हैं?

SSP ने दिया ये बयान
SSP मुनिराज का कहना है कि अरुण ने चोरी की बात कबूल की थी। मंगलवार रात को पुलिस ने अरुण के घर से 15 लाख रुपए बरामद भी किए थे। इसी दौरान अरुण की तबीयत बिगड़ गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण हार्ट अटैक है।

25 लाख की चोरी के शक में पकड़ा गया था सफाईकर्मी
17 अक्टूबर को जगदीशपुरा थाने में मालखाने से 25 लाख चोरी का मामला सामने आया था। यह रकम एक रेलवे ठेकेदार के घर हुई चोरी के खुलासे में बरामद हुई थी। इस मामले में CO लोहामंडी सौरभ सिंह की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया था और ADG ने लापरवाही के आरोप में थाना प्रभारी अनूप कुमार तिवारी, दीवान प्रताप भान सिंह और एक दरोगा समेत छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था।
पुलिस ने 20 से अधिक लोगों से पूछताछ के बाद सफाईकर्मी अरुण पर पुलिस का शक गहराया। पुलिस ने उसके घर दबिश दी तो घर पर 15 लाख रुपए मिले थे। परिजन पैसे के बारे में जानकारी नहीं दे पा रहे थे। पुलिस ने उसके दोनों भाइयों को थाने पर बिठा लिया था। आरोपी सफाईकर्मी की मंगलवार रात पुलिस कस्टडी में मौत हो गई। सफाई कर्मचारी को मंगलवार शाम पुलिस ने ताजगंज से हिरासत में लिया था।

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