ग्वालियर,, उदासीनता:नामांतरण के 8,685, बंटवारे के 1037 और सीमांकन के 632 मामले अटके

  • वैक्सीनेशन व व्हीआईपी दौरों में अफसर रहे व्यस्त, राजस्व वसूली सिर्फ 12% हुई…..

राजस्व अफसर पिछले छह महीने से वैक्सीनेशन, कोविड गाइड लाइन और वीआईपी दौरों में व्यस्त हैं। इसका असर उनके न्यायालयों में दर्ज प्रकरणों की संख्या पर हुआ है। सितंबर तक की स्थिति में तैयार आंकड़ों के मुताबिक जिले की स्थिति निजी भूमि पर अतिक्रमण, राजस्व वसूली, बंटवारा, डायवर्सन जैसे मामले में बहुत अच्छी नहीं है। राजस्व वसूली का आंकड़ा तो छह महीने में 12 फीसदी ही पूरा हो सका था।

अब इस मामले में नियमित समीक्षा होगी। उल्लेखनीय है कि एक नवंबर से ग्वालियर के साथ प्रदेश के सभी जिलों में सरकार अभिलेख शुद्धीकरण का अभियान भी चलाने वाली है। एक अप्रैल से 30 सितंबर तक की स्थिति में भू-राजस्व, पंचायत कर, नजूल प्रीमियम, नजूल रेंट और अर्थदंड के रूप में 37.10 करोड़ रुपए पक्षकारों पर बकाया था। इसमें से वसूली सिर्फ 57.59 लाख हो सकी है। यह कुल वसूली का 12 फीसदी होता है। सबसे कम 1 फीसदी वसूली अर्थदंड में हुई है। राजस्व न्यायालय के अन्य मामलों में भी स्थिति ठीक नहीं है।

ऐसे समझें…राजस्व न्यायालय में लंबित प्रकरणों की स्थिति

बंटवारा: 1857 दर्ज प्रकरणों में से सिर्फ 820 का निराकरण हो सका है। 1037 प्रकरण लंबित हैं, इनमें 1 से 2 साल वाले 91 प्रकरण हैं और छह माह से एक साल वाले 279 प्रकरण। डायवर्सन: स्व निर्धारण की व्यवस्था होने के बाद भी 1039 प्रकरण डायवर्सन के जिले में दर्ज हुए हैं। पिछले छह माह में 474 का निराकरण हुआ है, 565 अभी लंबित हैं। इनमें दो से पांच साल वाले 9 प्रकरण भी शामिल हैं। नामांतरण: कुल दर्ज प्रकरणों की संख्या 24,072 थी, इनमें से अभी तक 15,387 का निराकरण हो चुका है। यह कुल का 63 फीसदी है। 8,685 प्रकरण लंबित हैं उनमें 1 से 2 साल वाले 190 प्रकरण शामिल हैं। सीमांकन: इस बार सिर्फ 2317 प्रकरण दर्ज हुए हैं, इनमें से 1685 का निराकरण भी हो गया है। 632 प्रकरण लंबित हैं। कोविड के इन प्रकरणों की संख्या घटी है पर जो दर्ज हुई हैं उनका निराकरण सर्वाधिक 72 फीसदी हो चुका है। सरकारी जमीन पर अतिक्रमण: इन प्रकरणोंं का संख्या भी जिले में 654 रही है, जो बहुत कम है। अभी तक 274 अर्थात 41 फीसदी की निराकरण हो चुका है। 380 मामले लंिबत हैं, इनमें 1 से 2 साल तक के लंबित प्रकरणों की संख्या 79 है। निजी भूमि पर अतिक्रमण: कोरोना के कारण सिर्फ 175 प्रकरण जिले में दर्ज हुए हैं। इनमें से 50 का निराकरण राजस्व अफसर कर चुके हैं। 125 प्रकरण लंबित हैं। इनमें कुल 22 प्रकरण 1-2 साल से लंबित हैं जबकि 5 प्रकरणों में पांच साल तक हो गए हैं।

पेंडेंसी निपटाने के लिए अभियान चलाया जाएगा

यह सही है कि जिले में कुछ पेंडेंसी बढ़ी है, इसे निपटाने के लिए जिले में जल्द ही अभियान चलाया जाएगा। हमारा फोकस सीमांकन, राजस्व वसूली, बंटवारा और भूमि मालिकों से जुड़े अन्य मामलों के निपटारे पर रहेगा ताकि उन्हें परेशानी न हो। -कौशलेंद्र विक्रम सिंह, कलेक्

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