नया नियम ….30 फीसदी अवैध निर्माण वैध के लिए देना होगा गाइड लाइन का 10% तक कम्पाउंडिंग शुल्क
- 28 फरवरी से 2022 से पहले आवेदन करने पर मिलेगी 20 प्रतिशत की छूट…..
30 फीसद तक अवैध निर्माण को वैध कराने के लिए अब कलेक्टर गाइड लाइन के हिसाब से 10 फीसद तक कम्पाउंडिंग शुल्क चुकाना होगा। खास बात यह है कि अगर 28 फरवरी तक आप 30 फीसद तक के अवैध निर्माण को वैध कराने के लिए आवेदन करते हैं तो निर्माण के हिसाब से जो शुल्क निर्धारित होगा, उसमें 20 प्रतिशत की छूट भी राज्य सरकार देगी। संबंधित नागरिक अपने भवनों का प्रशमन 30 प्रतिशत की सीमा तक एबीपीएएस पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर उनको वैध करने की प्रक्रिया कर सकते हैं। नगर निगम कार्यालय के डीसीआर सेल में भी संपर्क किया जा सकता है।
शहर में मुख्य बाजार सहित कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां 30 फीसदी से ज्यादा अवैध निर्माण मकानों, दुकानों और अन्य बिल्डिंग स्ट्रक्चर में हो गया है। अगर 30 प्रतिशत से ज्यादा अवैध निर्माण है तो प्रशासन पहले इस अधिक अवैध निर्माण को तोड़ेगी। इसके बाद कम्पाउंडिंग शुल्क लेकर इसे वैध करेगी। कार्यपालन यंत्री भवन अनुज्ञा विभाग पीयूष भार्गव ने बताया 28 फरवरी तक 30 प्रतिशत अवैध निर्माण को वैध करने पर शुल्क में 20 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। नागरिकों को इसका लाभ लेना चाहिए। वे ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं।
ऐसे करा सकते है 30 प्रतिशत से ज्यादा अवैध निर्माण को वैध
- निर्धारित एफएआर या एमओएस से अधिक निर्माण कर लिया है तो निर्धारित गाइड लाइन की 5% राशि चुकाकर 10% निर्माण वैध होगा। वहीं 10 से 20 प्रतिशत तक 7.5 प्रतिशत और 20 से 30 प्रतिशत निर्माण वैध कराने के लिए 10 प्रतिशत राशि कलेक्टर गाइड लाइन के हिसाब से चुकानी होगी।
- निर्धारित एफएआर या एमओएस से अधिक निर्माण कर लिया है तो निर्धारित गाइडलाइन की 6% राशि चुकाकर 10% निर्माण वैध होगा। वहीं 10 से 20 प्रतिशत तक 9 और 20 से 30 प्रतिशत निर्माण वैध कराने के लिए 12 प्रतिशत राशि कलेक्टर गाइडलाइन के हिसाब से चुकानी होगी।
- पर्यटन महत्व की दृष्टि से संवेदनशील बिल्डिंग में नहीं लागू होगा कम्पाउंडिंग शुल्क
- तीन प्रतिशत से ज्यादा अवैध निर्माण करने पर प्रशासन द्वारा अवैध निर्माण हटाकर सिर्फ 30 प्रतिशत छोड़ा जाएगा इसके बाद ही इसे वैध किया जा सकता है।
- आग लगने के बाद बुझाने के लिए पर्याप्त जगह नहीं तो भी उस हिस्से की कम्पाउंडिंग नहीं होगी।
- बिल्डिंग पर्यटन महत्व की दृष्टि से संवेदनशील श्रेणी में है तो कम्पाउंडिंग नहीं हाेगी।
- नाले या जलधारा के बीच वह अवैध हिस्सा न आता हो। नदी किनारे से 30 मीटर या ऐसी और अतिरिक्त दूरी के अंदर बिल्डिंग नहीं आती है तो ही अवैध हिस्सा वैध हो सकेगा।