UP Assembly Election 2022: रायबरेली विधानसभा सीट पर चलती थी अखिलेश सिंह की लहर, गांधी परिवार भी नहीं दे सका मात

उत्तर प्रदेश में कुछ ऐसी सीटें हैं जहां पार्टी से ज्यादा एक व्यक्ति का प्रभाव रहा है. ऐसी ही एक सीट रायबरेली विधानसभा भी है.

रायबरेली का नाम वैसे तो गांधी परिवार की वजह से सियासी गलियारों में वीवीआईपी जिले के रुप में जाना जाता है. लेकिन रायबरेली की राजनीति में पिछले तीन दशक से बेताज बादशाह रहे अखिलेश सिंह (Akhilesh Singh) ने हर तरह की लहर, दांव और सियासत को अपने सामने बौना साबित कर दिया था. इस सीट पर 1989 से ही अखिलेश सिंह की बादशाहत कायम है. 2017 में अपनी बेटी अदिति सिंह को रायबरेली विधानसभा (Raebareli Assembly) से विधायक बनाकर उन्होंने अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित कर दिया. हालांकि कुछ दिनों पहले अखिलेश सिंह का निधन हो गया. 2017 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर अदिति सिंह (Aditi Singh) ने बसपा के मो. शाबाज खान को 89163 वोट को बड़े अंतर से हराया.

सीट का इतिहास

रायबरेली विधानसभा सीट (Raebareli Assembly) पर 1967 से कांग्रेस का कब्जा रहा है. इस सीट पर आज तक 10 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है. 1967 में पहली बार कांग्रेस के मदन मोहन मिश्रा विधायक बने. 1969 में मदन मोहन मिश्रा दोबारा विधायक बने. वहीं इसके बाद 1974 में सुनीता चौहान, 1977 में मोहन लाल त्रिपाठी, 1980 और 1985 में रमेश चंद्र कांग्रेस से विधायक बने. वहीं 1989 में कांग्रेस का विजय रथ थमा और 1991 तक लगातार दो बार अशोक सिंह विधायक बने.

1993 में अखिलेश सिंह बने विधायक

इसके बाद रायबरेली की राजनीति में अखिलेश सिंह (Akhilesh Singh) की एंट्री हुई, जिसके बाद उनका नाम ही जीत की गारंटी बन गया. 1993 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर अखिलेश सिंह विधायक बने. वहीं 1996 और 2002 में भी विधायक बनकर उन्होंने जीत की हैट्रिक लगाई. इतना ही नहीं 2007 में निर्दलीय विधायक बनकर अखिलेश सिंह ने अपनी ताकत दिखाई. इसके बाद पीस पार्टी के टिकट पर वह लगातार पांचवी बार विधायक बने. वहीं 2017 में उन्होंने अपनी बेटी अदिति सिंह को कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ाया और विधायक बनाया.

अखिलेश को नहीं दे सका कोई चुनौती

रायबरेली (Raebareli Assembly) की सियासत के बेताज बादशाह माने जाने वाले अखिलेश सिंह को कोई पार्टी, कोई नेता चुनौती नहीं दे सका. विपक्षियों के कोई दांव पेंच कभी अखिलेश सिंह के सामने नहीं चल सके, उन्होंने पैसा, ताकत और राजनीति को अपना गुलाम बनाकर रखा. यही वजह रही कि गांधी परिवार भी अखिलेश सिंह की सियासत को रायबरेली में मात नहीं दे सका.

कांग्रेस से अलग हुईं रायबरेली विधायक अदिति सिंह

अखिलेश सिंह रायबरेली सदर (Raebareli Assembly) सीट से पांच बार विधायक रह चुके थे. उनके निधन के बाद बेटी अदिति सिंह ने कांग्रेस छोड़ दी. अब 2022 में अदिति अपने पिता के नक्शे कदम पर चलकर निर्दल चुनाव लड़ेंगी या किसा पार्टी में शामिल होंगी. जो भी हो लेकिन अदिति का फैसला रायबरेली की सियासत पर बड़ा असर डालेगा.

2017 विधानसभा चुनाव का परिणाम

स्थान  प्रत्याशी             पार्टी       वोट        वोट (%)

1    अदिति सिंह           कांग्रेस   128319     61.90

2   शाहबाज खान         बसपा      39156    18.89

3   अनीता श्रीवास्तव   भाजपा     28821   13.91

जीत का अंतर- 89163

2012 विधानसभा चुनाव का परिणाम

स्थान  प्रत्याशी            पार्टी         वोट        वोट (%)

1   अखिलेश सिंह       पीईसीपी   75588      39.73

2  राम प्रताप यादव      सपा       46094       24.23

3   अवधेश सिंह          कांग्रेस     35660       18.75

4   पुष्पेंद्र सिंह             बसपा     18809          9.89

जीत का अंतर- 29494

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