Gwalior Municipal Corporation News …… जीपीएस से निगरानी, तो प्रतिदिन होने लगी 1 लाख 60 हजार के डीजल की बचत
करीब 1500 से 1000 लीटर डीजल की प्रतिदिन विभिन्न कर्मचारियों द्वारा चोरी की जाती थी। इस चोरी को जीपीएस से मॉनीटरिंग कर रोका गया।
7500 से घटकर 6000 लीटर में होने लगी शहर की सफाई
ग्वालियर. । नगर निगम में सफाई वाहनों सहित विभिन्न वाहनों के लिए प्रतिदिन 7500 लीटर डीजल दिया जाता था। इसमें से करीब 1500 से 1000 लीटर डीजल की प्रतिदिन विभिन्न कर्मचारियों द्वारा चोरी की जाती थी। नगर निगम ने इस चोरी को रोकने लिए अलग से डीजल सेल बनाई जिसका नेतृत्व उपायुक्त डीजल अतिबल सिंह यादव को सौंपा गया। इसके बाद कर्मचारियों की मॉनीटरिंग शुरू हुई और सभी वाहनों में जीपीएस लगाने का कार्य प्रारंभ किया गया। निगम के 250 वाहनों में अभी तक जीपीएस लगाया जा चुका है। इसका परिणाम रहा कि डीजल चोरी में कमी और प्रतिदिन की खपत 7500 से घटकर 6000 से 6300 के बीच रह गई। इससे निगम को प्रतिदिन 1,60000 हजार रुपये प्रतिदिन की बचत होने लगी।
टिपर 190 9 4
केदारपुर प्लांट 1 500 300
टेंकर 10 35 25
किराए के वाहन 60 20 10
प्रथम श्रेणी अधिकारी 7 150 प्रतिमाह 150 प्रतिमाह
द्धितीय श्रेणी अधिकारी 29 95 प्रतिमाह 95 प्रतिमाह
तृतीय श्रेणी कर्मचारी 72 90 60
कोरोना खत्म लेकिन ले रहे थे 500 लीटर डीजल
कोरोनाकाल के दौरान अस्प्तालों से निकलने वाले बायोबेस्ट मटेरियल को भस्म करने के लिए नगर निगम ने केदारपुर प्लांट पर इंसीनेटर लगाया था। इस इंसीनेटर को चलाने के लिए प्रतिदिन 500 लीटर डीजल दिया जाता था। लेकिन जून के बाद से कोरोना खत्म हो गया, लेकिन इसके बाद भी अक्टूबर मध्य तक इंसीनेटर को चलाने के नाम पर प्रतिदिन 500 लीटर डीजल लिया जाता था। लेकिन अब इसे घटाकर 300 लीटर कर दिया गया है। इस डीजल से एक पोकलेन, एक डंपर, एक जेसीबी और एक ट्रेक्टर लगातार केदारपुर प्लांट पर काम करता है।
डीजल चोरी को रोकने के लिए लगातार निगरानी की जा रही है, इसके कारण निगम को प्रतिदिन लाखों रुपये का फायदा हो रहा है। जीपीएस सिस्टम भी लगाए जा रहे हैं। इसकी निगरानी वर्कशॉप एवं अपर आयुक्त कार्यालय से होगी।
किशोर कान्याल, नगर निगम आयुक्त