लखनऊ में होगा ऑर्गन बेस्ड कैंसर का ट्रीटमेंट:कैंसर संस्थान के डायरेक्टर बोले- उत्तर भारत का सबसे बड़ा सेंटर होगा, 250 मरीजों की भर्ती इसी माह से

ऑर्गन बेस्ड कैंसर ट्रीटमेंट के लिए लखनऊ के कैंसर संस्थान को उत्तर भारत के सबसे बड़े सेंटर के रुप में विकसित करने की तैयारी है। एक तरह से यह हाई रिसर्च सेंटर होगा। कैंसर रोगियों का बेहतरीन उपचार इस संस्थान में हो सकेगा। संस्थान में 250 बेड का नया ब्लॉक बनकर तैयार हो गया है, जो आगे चलकर 1200 बेड के अस्पताल के रुप में आकार लेगा। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं।

नया IPD भवन बनकर हुआ तैयार, जल्द होगा उद्घाटन

कैंसर संस्थान में आईडीपी भवन बनकर तैयार हो गया है। अभी संस्थान में बेड की संख्या महज 40 है। कुछ महीनों के अंदर ही बेडों की संख्या बढ़कर 500 की जाएगी। कैंसर संस्थान के निदेशक प्रो.आरके धीमन ने बताया कि जल्द ही कैंसर संस्थान राजधानी के बड़े चिकित्सीय संस्थान का रुप हासिल कर लेगा। इस सेंटर की प्रगति रिपोर्ट को खुद मुख्यमंत्री मॉनिटर कर रहे हैं, इसीलिए शासन की तरफ से इसमें पूरा सहयोग मिल रहा है। अब तक जो भी कमी इन्फ्रास्ट्रक्चर में रही है उसे वरीयता में पूरा किया जाएगा, इसके अलावा भी अन्य सभी कमियों को भी दुरुस्त किया जाएगा।

कैंसर संस्थान के निदेशक प्रो.आरके धीमन।
कैंसर संस्थान के निदेशक प्रो.आरके धीमन।

यह है तैयारी
प्रो.धीमन ने बताया कि लखनऊ का यह कैंसर संस्थान 1200 बेड की क्षमता का होगा। इसमें प्रथम चरण में 700 बेड पर भर्ती की सुविधा होनी थी। नवंबर अंत से 250 बेडों पर इलाज शुरू हो जाएगा। शेष बेड आने पर भवन में उनकी संख्या बढ़ा दी जाएगी। मरीजों के लिए 12 बेड का प्री-ऑपरेटिव वार्ड और 16 बेड का पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड भी होगा।

आठ ऑपरेशन थिएटर तैयार

कैंसर संस्थान में मरीजों को ऑपरेशन के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा। संस्थान में आठ नए ऑपरेशन थिएटर शुरू होंगे। अभी एक ऑपरेशन थिएटर चल रहा है। ऐसे में रोजाना दो से तीन मरीजों के ही ऑपरेशन हो पा रहे हैं। ऑपरेशन थिएटर बढ़ने से मरीजों को राहत मिलेगी। संस्थान में कुल 24 ओटी प्रस्तावित हैं। सरकारी क्षेत्र में कैंसर मरीजों के ऑपरेशन की सुविधा सिर्फ KGMU (किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी), SGPGI (संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट) और लोहिया संस्थान में है।

ब्लड बैंक के स्थापना की भी है तैयारी

कैंसर इंस्टीट्यूट में ब्लड एंड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग भी खुलेगा। इसमें ब्लड बैंक का भी संचालन होगा। ऐसा होने पर खून के लिए मरीज-तीमारदारों को भटकना नहीं होगा। इससे प्रदेश भर से आने वाले कैंसर रोगियों को राहत मिलेगी।

जल्द ही मेडिकल फैकल्टी का पूरा होगा रिक्रूटमेंट

संस्थान में फिलहाल करीब 8 कैंसर सर्जन कार्यरत हैं और वहीं 24 रैजिडैंट हैं। इनमें से ज्यादातर एसोशिएट प्रोफेसर स्तर के है। हालांकि कुछ प्रोफेसर स्तर के सीनियर भी फैकल्टी भी है। प्रोफेसर धीमन ने बताया कि अब 219 पदों पर भर्ती होनी है। इसके अलावा पैरामेडिकल स्टॉफ व ऑफिस स्टॉफ का भी रिक्र्यूटमेंट होना है। इस बाबत भी जल्द ही भर्ती संबंधी विज्ञापन निकलेगा। उधर एडमिन ब्लॉक भी तैयार है। प्रशासनिक भवन भी तैयार है। इन भवनों को जल्द ही हैंड ओवर किया जाएगा। उपकरण खरीद का काम चल रहा है।

कल्याण सिंह के नाम पर कैंसर संस्थान

सरकार के लिए कैंसर संस्थान की अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अगस्त माह में दिवंगत हुए पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के नाम पर संस्थान का नामकरण हुआ है। साथ ही SGPGI निदेशक प्रो.आरके धीमन को संस्थान की कमान सौंपकर प्रोजेक्ट को गति देने के निर्देश भी शासन की तरफ से जारी हुए।

क्या बोले जिम्मेदार

कल्याण सिंह कैंसर संस्थान को कैंसर के मरीजों के उपचार के लिए हाई रिसर्च सेंटर के रुप मे विकसित करने की तैयारी है। कैंसर रोगियों का बेहतरीन उपचार इस संस्थान में हो सकेगा। जल्द ही संस्थान के नए ब्लॉक की शुरुआत होने जा रही है। संस्थान की सभी जरुरतें पूरी करने के लिए शासन की तरफ से बजट की कोई कमी नही है।

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