UP Assembly Election 2022: फर्रुखाबाद सीट पर था ब्रह्मदत्त द्विवेदी का दबदबा, 1997 में हत्या के बाद बदल गया समीकरण
फर्रुखाबाद सीट पर 90 के दशक में ब्रह्मदत्त द्विवेदी का नाम चलता था. वर्तमान में उनके बेटे सुनील दत्त यहां से विधायक हैं.
प्रदेश की राजनीति में फर्रुखाबाद का महत्वपूर्ण स्थान रहा है. यह समाजवाद के नायक डॉ. राममनोहर लोहिया की कर्मस्थली रही है. फर्रुखाबाद विधानसभा सीट (Farrukhabad Assembly Seat) पर 1951 से लेकर अब तक अधिकांश बार इस सीट पर कांग्रेस ने ही जीत दर्ज की है. यहां कांग्रेस का सीधा मुकाबला भाजपा से रहा है. लेकिन धीरे-धीरे कांग्रेस कमजोर पड़ी और सपा मुख्य विपक्षी पार्टी के रूप में उभर कर सामने आई. 2017 के चुनाव में इस सीट पर भाजपा के मेजर सुनील दत्त द्विवेदी ने बसपा के मो. उमर खान को 45427 वोट से हरा दिया. वहीं 2012 के चुनाव में निर्दल प्रत्याशी विजय सिंह ने भाजपा के मेजर सुनील दत्त को मात्र 147 वोट से हराया था.
सीट का इतिहास
फर्रुखाबाद जनपद का राजनीतिक इतिहास काफी पुराना है. यह क्षेत्र कांग्रेस से लेकर समाजवादियों तक का गढ़ रहा है. समाजवादी नायक राममनोहर लोहिया फर्रुखाबाद से सांसद भी रहे थे. वहीं पूर्व राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन और राष्ट्रीय कवियत्री महादेवी वर्मा की जन्मस्थली भी है. जिले की सदर विधानसभा (Farrukhabad Assembly Seat) पर पहला चुनाव 1957 में हुआ था और कांग्रेस के रामकृष्ण सारस्वत ने जीत दर्ज की थी. वहीं 1962 में जनसंघ के दयाराम शाक्य ने यहां से जीते. 1967 और 1969 में कांग्रेस के महरम सिंह ने जीत दर्ज की. 1974 में विमल प्रसाद तिवारी ने कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज की.
ब्रह्म दत्त द्विवेदी और विमल तिवारी की सियासी जंग
वहीं 1977 में ब्रह्म दत्त द्विवेदी ने जनता पार्टी प्रत्याशी के रूप मे जीत दर्ज कर कांग्रेस प्रत्याशी विमल प्रसाद तिवारी को शिकस्त दी थी. वहीं 1980 में कांग्रेस प्रत्याशी विमल प्रसाद तिवारी ने ब्रह्म दत्त द्विवेदी को चुनाव हराया. फिर 1985 में भाजपा के ब्रह्म दत्त द्विवेदी ने कांग्रेस प्रत्याशी विमल प्रसाद तिवारी को चुनाव हराया. वहीं 1989 में फिर से कांग्रेस प्रत्याशी विमल प्रसाद तिवारी ने जीत दर्ज कर भाजपा प्रत्याशी ब्रह्म दत्त द्विवेदी को चुनाव में शिकस्त दी.
90 के दशक में बढ़ा ब्रह्म दत्त द्विवेदी का दबदबा
वहीं 1991, 1993 और 1996 में भाजपा प्रत्याशी ब्रह्म दत्त द्विवेदी ने जीत की हैट्रिक लगाई. इस जीत ने ब्रह्म दत्त द्विवेदी को एक कद्दावर नेता के रूप मे प्रतिष्ठित कर दिया. वह भाजपा सरकार में मंत्री भी बने.
1997 में हुई ब्रह्म दत्त द्विवेदी की हत्या
फरवरी 1997 में तत्कालीन विधायक ब्रह्म दत्त द्विवेदी की हत्या कर दी गयी. उनकी हत्या ने पूरे प्रदेश में हलचल मचा दी. वहीं फर्रुखाबाद की सियासी समीकरण भी बदल गए. यहां द्विवेदी की हत्या में आरोपित विजय सिंह भी एक नेता के रूप में उभर कर सामने आए. इसके बाद 1997 के उपचुनाव में ब्रह्म दत्त द्विवेदी उनकी पत्नी प्रभा द्विवेदी ने भाजपा प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज की. वह भी प्देश सरकार में मंत्री बनीं. लेकिन 2002 में प्रभा द्विवेदी को उनके पति की हत्या के आरोपी विजय सिंह ने निर्दल प्रत्याशी के रूप में हरा कर जीत दर्ज की.
सपा में शामिल हुए विजय सिंह
2007 के चुनाव के पहले विजय सिंह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए. इसके बाद 2007 और 2012 के चुनाव में विजय सिंह ने स्व. ब्रह्म दत्त द्विवेदी के बेटे और वर्तमान विधायक सुनील दत्त द्विवेदी (भाजपा प्रत्याशी) को शिकस्त दी. वहीं 2017 की भाजपा लहर में सुनील दत्त द्विवेदी ने भाजपा प्रत्याशी के रूप में ऐतिहासिक जीत दर्ज कर विजय सिंह को तीसरे स्थान पर पहुंचा दिया.
कुल मतदाता – 3,54,286
पुरुष – 1,92,578
महिला – 1,61,686
अन्य मतदाता – 22
2017 विधानसभा चुनाव का परिणाम
स्थान प्रत्याशी पार्टी वोट वोट (%)
1 सुनील दत्त भाजपा 93626 45.02
2 मो. उमर खान बसपा 48199 23.18
3 विजय सिंह सपा 36012 17.32
जीत का अंतर– 45427
2012 विधानसभा चुनाव का परिणाम
स्थान प्रत्याशी पार्टी वोट वोट (%)
1 विजय सिंह निर्दल 33005 18.95
2 सुनील दत्त भाजपा 32858 18.87
3 मो. उमर खान बसपा 29356 16.86
4 उर्मिला राजपूत सपा 25969 14.91
जीत का अंतर– 147