UP Assembly Elections 2022: मऊ की घोसी सीट पर होती है हिन्दू बनाम मुस्लिम की राजनीति, जानिए क्या हैं सियासी समीकरण

घोसी सीट पर 2017 में भाजपा ने जीत दर्ज की थी. हालांकि विधायक फागू सिंह को बाद में राज्यपाल बना दिया गया.

उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में चार विधानसभा सीटें हैं. इसमें घोसी विधानसभा सीट (Ghosi Assembly Seat) पर 2017 में भाजपा ने जीत दर्ज की थी. बीजेपी ने विधायक फागू सिंह चौहान को राज्यपाल बनाया. 2019 में उपचुनाव हुए हालांकि यह सीट उपचुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी के ही खाते में आई. घोसी विधानसभा के जानकारों की मानें तो इस सीट पर स्थानीय मुद्दों के अलावा हिंदू बनाम मुस्लिम का समीकरण चुनाव में जीत हार दिलाता है. दल कोई भी हो लेकिन परिणाम में ध्रुवीकरण स्पष्ट दिखता है.

सीट का इतिहास

मऊ संसदीय क्षेत्र गाजीपुर संसदीय क्षेत्र से लगा हुआ है, जहां के मुख्तार अंसारी सुर्खियों में रहते हैं. इसके कारण लोकसभा और विधानसभा सीटों पर हिंदू बनाम मुस्लिम का समीकरण दिखता है. 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां बीजेपी को जीत मिली. इस सीट से फागू सिंह चौहान पांच बार विधानसभा पहुंचे. वर्तमान में अब वह राज्यपाल हैं. 1985 में फागू सिंह चौहान पहली बार यहां से जीते थे. 1989 में सुभाष, 1991 में फागुन सिंह चौहान जनता दल से जीते थे. 1993 में अक्षयवर भारती बीएसपी से चुनाव जीते. 1996 में फागू सिंह चौहान ने भाजपा का दामन थामा और विधायक बने.

2002 में फिर भागू सिंह चौहान ने बीजेपी से जीत दर्ज की. 2007 में बीजेपी छोड़कर फागू सिंह चौहान बसपा में आए और उन्होंने जीत दर्ज की. 2012 में सुधाकर सिंह समाजवादी पार्टी से जीते. 2017 के चुनाव में फागू सिंह चौहान ने फिर बीजेपी  के टिकट पर चुनाव जीता. इस चुनाव में अब्बास अंसारी बहुजन समाज पार्टी से दूसरे स्थान पर रहे. 2019 के उपचुनाव में विजय राजभर ने जीत दर्ज की.

विधानसभा क्षेत्र के चुनावी मुद्दे

घोसी विधानसभा (Ghosi Assembly Seat) में समीकरण कुछ भी बनता हो लेकिन विकास के मुद्दे आज भी राह देख रहे हैं. घोसी विधानसभा के अंतर्गत बंद पड़ी चीनी मिल, गन्ना भुगतान, सौर ऊर्जा प्लांट, जर्जर सड़कें, बदहाल बिजली की व्यवस्था, बुनकरों के आय को बढ़ाने की मांग जैसे मुद्दे हर चुनावी मंच पर सुनाई पड़ते हैं.

जातीय समीकरण 

घोसी विधानसभा (Ghosi Assembly Seat) में सभी जातियों के मतदाता रहते हैं. जिसमें मुस्लिम 53 हजार, यादव 31 हजार, 13 हजार मल्लाह, ब्राह्मण 22 हजार, राजपूत 38 हजार, भूमिहार 49 हजार और चौहान मतदाताओं की संख्या 28 हजार है.

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