Fire in Bhopal Hospital….. हमीदिया अस्पताल अग्निकांड के बाद आठ बच्चों के शव मर्चुरी पहुंचे, लेकिन प्रशासन हादसे में चार की मौत ही मान रहा
घटना के बाद वार्ड में भर्ती तीन बच्चों के लापता होने की भी खबर, एक परिवार ने पुलिस में की शिकायत
हमीदिया अस्पताल में सोमवार रात नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (एसएनसीयू) में आग लगने की घटना के बाद मंगलवार शाम तक कुछ आठ बच्चों के शव पोस्टमार्टम के लिए मर्चुरी पहुंचाए गए। हमीदिया प्रशासन इनमें से सिर्फ चार बच्चों की घटना में मौत होने की पुष्टि अगले दिन भी करता रहा। इसके चलते शेष अन्य चार बच्चों की मौत को लेकर सवाल खड़े हो गए। इधर नवजात शिशु वार्ड में लगी आग को लेकर दूसरे हमीदिया में सियासत गरमा गई। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने घटना के दोषियों पर हत्या का मामला दर्ज करने की मांग उठाई है। वहीं चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने हमीदिया पहुंचकर अधिकारियों को दो दिन में वार्ड पुन: तैयार करने के निर्देश दिए हैं। घटना को लेकर मुख्यमंत्री के आदेश पर उच्च स्तरीय जांच भी शुरू हो गई है।
आग लगने के बाद सोमवार रात 12 बजे तक हमीदिया प्रशासन और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने हादसे में चार बच्चों की मौत की पुष्टि की थी और अगले दिन भी प्रशासन अपने इसी कथन पर कायम रहा। इससे अन्य चार बच्चों की मौत पर सवाल खड़े हो गए। इनके परिजनों का आरोप है कि बच्चों की मौत हादसे में ही हुई है, तभी श्ाव हादसे के बाद मर्चुरी भेजे गए हैं। अस्पताल प्रशासन मौत की जिम्मेदारी लेने से बच रहा है। परिजन ने अपने आरोपों को लेकर अस्पताल परिसर में प्रदर्शन भी किया।
इन बच्चों में बेबी आफ महक, बेबी आफ तरन्नुम और बेबी आफ प्रभा शामिल है। इन बच्चों को लेकर अस्पताल प्रबंधक डा. लोकेंद्र दवे का कहना है कि इनकी हालत बेहद नाजुक थी और हादसे से पहले ही मौत हो गई थी। मौत के बाद वार्ड में विभिन्न् प्रक्रिया पूरी करने के बाद शव परिजनों को सौंपा जाता है, यह प्रकिया पूरी नहीं होने के कारण शव अगले दिन मर्चुरी में रखवाए गए हैं। बच्चों की सामान्य मौत होने के कारण इनका पोस्टमार्टम भी नहीं करवाया गया है और शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं।
तीन बच्चे लापता होने की खबर, एक के परिजन ने किया हंगामा
घटना के अगले दिन परिजनों द्वारा अपने बच्चों की दिनभर खोजखबर ली जाती रही। इस बीच दोनों वार्डों में भर्ती बच्चों में से तीन बच्चों की कोई जानकारी नहीं मिलने की बात सामने आई, लेकिन इनमें से सिर्फ एक के परिजन द्वारा हमीदिया परिसर में मौजूद पुलिस बल से शिकायत की गई।
शिकायत करने वाली बच्ची की नानी असमा ने बताया कि उनकी सात दिन की नातिन को सुल्तानिया अस्पताल से हमीदिया में भर्ती कराया गया था लेकिन उसके बारे में डाक्टर कोई जानकारी नहीं दे रहे हैं। इधर प्रशासन का कहना है कि घटना के दौरान वार्ड में 40 बच्चे भर्ती थे। इनमें से चार की मौत हुई है, दो को उनके परिजन लेकर चले गए हैं। पांच बच्चों को जेपी जिला अस्पताल में शिफ्ट किया गया है, एक बच्चे की मौत मंगलवार शाम को हो गई है। इस तरह अब यहां सिर्फ 28 बच्चे भर्ती हैं।
दो स्वजन ने शव देखकर अपना बच्चा मानने से किया इनकार
हादसे में जिन चार बच्चों की मौत हुई है उनमें से बेबी आफ शिवानी के स्वजन ने मंगलवार को दोपहर में शव देखने के बाद अपना बच्चा मानने से इनकार कर दिया और धरने पर बैठ गए। जिन्हें बाद में मौजूद पुलिस बल ने शांत कराया। बच्चे के परिजन बाद में डीएनए जांच की शर्त पर पोस्टमार्टम के बाद शव लेने को तैयार हुए। वहीं वार्ड में ही रखे एक बच्चे के शव को देख उसके पिता मुकेश व मां ललिता अहिरवार ने भी अपना बच्चा मानने से इनकार कर दिया