ग्वालियर में सम्राट की जाति का विवाद. उपद्रव करने वाले गुर्जर समाज के 150 से ज्यादा लोगों पर पथराव, हमला करने की FIR दर्ज
- जांच कमेटी भी एक्शन में आई 4 अक्टूबर तक मांगे दोनों दलों से साक्ष्य
ग्वालियर में सम्राट मिहित भोज विवाद में हंगामा और उत्पात मचाने वाले लोगों के खिलाफ अब पुलिस सख्ती से पेश आएगी। इसका प्रमाण सोमवार को ग्वालियर पुलिस ने दे दिया है। सोमवार को बिलौआ और कंपू थाना में करीब गुर्जर समुदाय के 150 लोगों के खिलाप पथराव, हमला व शासकीय कार्य में बांधा डालना और धारा 144 का उल्लघंन करने पर FIR दर्ज की गई है। जिन लोगों पर मामला दर्ज किया गया है।
उन्होंने 25 सितंबर की रात को हाईकोर्ट के निर्णय के बाद सम्राट मिहिर भोज की शिला पटि्टका को ढकने पहुंचे पुलिस और प्रशासन के दल पर हंगामा किया था। अब पुलिस घटना के समय कराई गई वीडियोग्राफी से हमलावरों के चेहरे पहचानने की कोशिश कर रही है। जिससे उनको गिरफ्तार किया जा सके।
कहां कितने लोगों पर मामला दर्ज
– 25 सितंबर की रात पुलिस और प्रशासन का दल चिरवाई नाका पर सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा पर शिला पटि्टका ढकने के लिए पहुंचा था। तभी करीब वहां मौजूद 50 से 60 लोगों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया। जिसके बाद पुलिस को आश्रु गैंस का गोला व 5 टियर फायर करने पड़े थे। इन सभी लोगों पर पथराव, शासकीय कार्य में बाधा, बलवा व हमला करने का मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा उसी रात जब पुलिस ने गुर्जर समुदाय के लोगों को चिरवाई नाका से खदेड़ा तो यह लोग सिकरौदा हाइवे पर पहुंच गए। यहां चक्काजाम कर दिया। यहां करीब रात 12 बजे से सुबह 4 बजे हंगामा किया। यहां करीब 90 से 100 लोग मौजूद थे। इन सभी की वीडियोग्राफी कराने के बाद मामला दर्ज किया गया है।
अब पहचान कर उठाए जाएंगे आरोपी
– पुलिस कप्तान अमित सांघी ने पहले ही हिदायत दी थी कि कोर्ट के निर्णय का पालन करें। किसी भी तरह से शांति और माहौल को बिगाड़ने का प्रयास न करे। ऐसा करने पर पुलिस सख्ती से पेश आएगी। पर गुर्जर समुदाय के लोगों ने पुलिस की अपील और हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ जाकर हंगामा किया। अब पुलिस कप्तान का कहना है कि मा मामला दर्ज कर लिया गया है। घटना के समय पूरी वीडियोग्राफी कराई गई थी। इस वीडियो से पहचान कर एक-एक को गिरफ्तार किया जाएगगा।
यह है पूरा विवाद
नगर निगम की कार्य परिषद में 14 दिसंबर 2015 को एक ठहराव प्रस्ताव लाया गया था, जिसमें सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा को स्थापित करने का उल्लेख है, लेकिन कहीं भी गुर्जर सम्राट शब्द का जिक्र नहीं है। 8 सितंबर को नगर निगम द्वारा शीतला माता रोड चिरवाई नाका चौराहा पर सम्राट मिहिर भोज महान की प्रतिमा का अनावरण किया था। यहां प्रतिमा की पटि्टका पर सम्राट मिहिर भोज के आगे गुर्जर शब्द जोड़कर उन्हें गुर्जर सम्राट मिहिर भोज नाम दिया गया।
इस पर राजपूत क्षत्रिय समाज ने विरोध प्रकट किया। दोनों समुदाय एक दूसरे के सामने आए। यहीं से सम्राट मिहिर भोज की जाति को लेकर विवाद शुरू हो गया। क्षत्रिय महासभा का तर्क है कि सम्राट मिहिर भोज राजपूत क्षत्रिय हैं। इसके संबंध में उन्होंने इतिहासकारों के लेख, शिलालेख व नागौद के परिहार वंश के सबूत भी भी रखे हैं तो इसके जवाब में अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा ने भी तर्क रखा है। उन्होंने कुछ पुराने शिखालेख, विदेशी यात्रियों के आत्मकथा व कई ग्रन्थों में सम्राट को गुर्जर होने का जिक्र किया है। इस मामले में शनिवार रात को हाईकोर्ट के आदेश पर जब जिला प्रशासन और पुलिस मूर्ति की शिला पट्टिका को ढंकने पहुंचे तो गुर्जर समुदाय ने उपद्रव कर दिया था।
कमेटी ने शुरू की जांच, 4 अक्टूबर तक बुलाए दस्तावेज
मामले में हाईकोर्ट ने संभाग आयुक्त आशीष सक्सेना की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी बनाई है। कमेटी का उपाध्यक्ष IG ग्वालियर जोन अविनाश शर्मा को बताया गया है। इसके अलावा इसमें संबंधित क्षेत्र के SDM के अलावा इतिहासकारों का पैनल है। जांच कमेटी ने काम शुरू कर दिया है। सोमवार को घोषणा की गई है कि कोई भी व्यक्ति, समाज या समुदाय यदि सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा के संबंध में कोई साक्ष्य, प्रमाण या ऐतिहासिक दस्तावेज प्रस्तुत करना चाहता है तो वह कलेक्ट्रेट के रूम नंबर-209 स्थित SDM लश्कर अनिल बनबारिया के ऑफिस में 4 अक्टूबर 2021 शाम 5 बजे तक आकर दे सकता है। साथ ही वॉट्सऐप नंबर 94251-12874 और ई-मेल आईडी- sdm.lashakar.gwl@gmail.com पर भी यह जानकारी भेजी जा सकती है।
सम्राट की निगरानी में फोर्स तैनात
हाईकोर्ट के निर्देश पर कमेटी ने जांच शुरू कर दी है, लेकिन तनाव अभी भी कम नहीं हुआ है। यही कारण है प्रतिमा स्थल के आसपास सोमवार को भी कड़ी सुरक्षा है। 24 घंटे पुलिस बल चिरवाई नाका पर तैनात है। इससे किसी भी तरह की स्थिति से निपटा जा सके। इसके अलावा आसपास के गांव जो गुर्जर बाहुल्य हैं वहां भी फोर्स गश्त कर रही है, जिससे हर हरकत पर नजर रखी जाए।