UP Assembly Election 2022: खागा सीट पर लगातार तीन चुनावों से बीजेपी का कब्जा, सेंध लगाने में विफल दूसरे दल
2017 में भाजपा के कृष्ण पासवान ने कांग्रेस के ओमप्रकाश गीहार को हराया. यह सीट 56434 मतों के अंतर से बीजेपी ने जीत ली.
फतेहपुर जनपद की खागा सुरक्षित विधानसभा सीट (Khaga Assembly Seat) है. इस सीट पर पिछले तीन विधानसभा चुनाव से भारतीय जनता पार्टी लगातार जीत दर्ज कर रही है. मई 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के गढ़ में सेंध लगाना विपक्षी पार्टियों के लिए एक बड़ी चुनौती है.
राजनीतिक समीकरण
फतेहपुर जनपद की खागा विधानसभा सीट (Khaga Assembly Seat) सुरक्षित है. यह सीट 1957 से लेकर 1985 तक कांग्रेस प्रत्याशियों का गढ़ रही है. वहीं कांग्रेस के कृष्ण दत्त यहां से दो बार विधायक चुने गए. 1989 में इस सीट पर जनता दल के वीर अभिमन्यु सिंह ने जीत दर्ज की. 1991 में भी यह सीट जनता दल के खाते में ही गई. इस बार जनता दल में विधायक रहे वीर अभिमन्यु सिंह ने 1993 विधानसभा चुनाव से पहले सपा में शामिल हो गए. समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में इस सीट (Khaga Assembly Seat) से विधायक चुने गए. उन्होंने बीजेपी के भूप नारायण सिंह को हराया. वहीं 1996 में यह सीट बीएसपी के मुन्ना लाल मौर्या ने जीत ली. उन्होंने भाजपा के पूर्व विधायक भूप नारायण सिंह को हराया.
2002 में यह सीट (Khaga Assembly Seat) बसपा के ही खाते में रही. मोहम्मद सफीर ने जीत दर्ज की. उन्होंने बीजेपी के मुन्ना लाल मौर्या को हराकर यह सीट जीती. भाजपा नेता मुन्ना लाल मौर्या ने 2007 के चुनाव से पहले कांग्रेस में पहुंच गए. 2007 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रविंद्र प्रताप सिंह ने जीत दर्ज की. कांग्रेस के प्रत्याशी मुन्ना लाल मौर्या उन्होंने हराया.
फिर 2012, 2017 में बीजेपी ही इस सीट (Khaga Assembly Seat) पर जीत दर्ज पर लगातार अपना परचम फहरा रही है. 2012 और 2017 में बीजेपी के कृष्ण पासवान इस सीट से लगातार जीत रहे हैं. 2017 में भाजपा उम्मीदवार के कृष्ण पासवान ने काग्रेस के ओमप्रकाश गीहार को हराया. इस चुनाव में कृष्ण पासवान को 94954 मत मिले, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी को 38520 मत मिले. यह सीट (Khaga Assembly Seat) 56434 मतों के अंतर से बीजेपी ने जीत ली.
कुल मतदाता – 323390
पुरुष मतदाता – 175446
महिला मतदाता – 147940
थर्ड जेंडर – 4