अपहरण केस में सरेंडर करने कोर्ट जाना था, पहुंचे राजभवन …?

कार्तिक सरेंडर के वक्त शपथ ले रहे थे, नीतीश ने सौंपा कानून मंत्रालय ….

बिहार में कैबिनेट विस्तार के बाद बने नए कानून मंत्री कार्तिक कुमार विवादों में घिर गए हैं। दरअसल, जिस दिन उन्हें एक अपहरण केस में कोर्ट में सरेंडर करना था, उसी दिन राजभवन पहुंच कर मंत्री पद की शपथ ले ली। इतना ही नहीं, कार्तिक कोर्ट की नजर में 8 साल से फरार हैं।

अनंत सिंह के करीबी और RJD कोटे से मंत्री बने कार्तिक ने विवाद पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि मैंने हलफनामे में सब कुछ दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कार्तिक पर आरोपों की जानकारी होने से इनकार कर दिया है।

MLC चुनाव के वक्त दाखिल किया था केसों से जुड़ा हलफनामा

कार्तिक सिंह ने ये हलफनामा 2022 में हुए MLC चुनाव के वक्त दाखिल किया था। जब केसों पर विवाद बढ़ा तो उन्होंने फिर इसे जारी किया। इसमें अपहरण केस का जिक्र लाल घेरे में है।
कार्तिक सिंह ने ये हलफनामा 2022 में हुए MLC चुनाव के वक्त दाखिल किया था। जब केसों पर विवाद बढ़ा तो उन्होंने फिर इसे जारी किया। इसमें अपहरण केस का जिक्र लाल घेरे में है।

कोर्ट ने 1 सितंबर तक दी थी गिरफ्तारी से राहत, आदेश सामने आया
राजद प्रदेश प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की तरफ से सख्त निर्देश हैं, जो दोषी होंगे, बख्शे नहीं जाएंगे। अपनों को बचाने वाले नहीं। वहीं, इस मामले को लेकर कानून मंत्री कार्तिक कुमार शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय दानापुर की तरफ से एक आदेश भी सामने आया है, जिसमें कार्तिक कुमार की गिरफ्तारी पर एक सितंबर तक रोक लगा दिया गया है। यह आदेश मोकामा के थाना प्रभारी को दिया गया है। यह आदेश 12 अगस्त 2022 का है। इसकी पुष्टि अनंत सिंह के वकील सुनील कुमार ने की भी है।

मोकामा टीआई को ये आदेश 12 अगस्त को दिया गया। इसमें कार्तिक को गिरफ्तारी से राहत दी गई है।
मोकामा टीआई को ये आदेश 12 अगस्त को दिया गया। इसमें कार्तिक को गिरफ्तारी से राहत दी गई है।

2014 में हुआ था अपहरण, आरोपियों में अनंत सिंह का नाम भी
मामला साल 2014 का है। पटना के बिहटा थाने में राजीव रंजन का 2014 में अपहरण हुआ था। इस मामले में कार्तिक कुमार पर अपहरण का केस दर्ज हुआ था। बिहटा थाने में उनके साथ 17 अन्य लोग भी आरोपित हैं, जिनमें पूर्व विधायक अनंत सिंह और बंटू सिंह भी शामिल हैं।

इस मामले में कार्तिक कुमार की अग्रिम जमानत याचिका फरवरी 2022 में ही हाई कोर्ट से खारिज की जा चुकी है। उन्हें कोर्ट के सामने सरेंडर करने और फिर कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए बेल के लिए अप्लाई करने का निर्देश दिया था।

हालांकि, कार्तिक कुमार ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया, ना ही जमानत के लिए अर्जी दी। इसके बाद 14 जुलाई को कार्तिक के खिलाफ वारंट जारी हुआ था। 16 अगस्त को उन्हें कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वो पेश नहीं हुए।

16 अगस्त को राजभवन में कार्तिक ने शपथ ली। इसी दिन उन्हें कोर्ट में सरेंडर करना था।
16 अगस्त को राजभवन में कार्तिक ने शपथ ली। इसी दिन उन्हें कोर्ट में सरेंडर करना था।

भाजपा ने लिया सरकार को निशाने पर
पूर्व डिप्टी CM और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने महागठबंधन सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार में बाहुबलियों का बोलबाला है। कानून मंत्री कार्तिक को तुरंत बर्खास्त करें।

शपथ ग्रहण के बाद हस्ताक्षर करते कार्तिक कुमार।
शपथ ग्रहण के बाद हस्ताक्षर करते कार्तिक कुमार।

अनंत सिंह के चुनावी रणनीतिकार रहे हैं कार्तिक
कार्तिक सिंह मोकामा के बाहुबली नेता अनंत सिंह के करीबी माने जाते हैं। उन्हें सभी ‘कार्तिक मास्टर’ के नाम से जानते हैं। वर्ष 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद कार्तिक मास्टर और अनंत सिंह की दोस्ती परवान चढ़ी थी। आगे अनंत सिंह के चुनावी रणनीतिकार के रूप में कार्तिक ने खुद को साबित किया। अनंत सिंह जेल में रहते हुए कार्तिक को MLC बनाने में मदद की थी। फिलहाल अनंत सिंह को सजा होने की वजह से विधायकी गंवानी पड़ी है।

पत्नी दो बार मुखिया बनीं
राजनीति में सक्रिय होने से पहले कार्तिक स्कूल में शिक्षक थे। वे मोकामा के रहनेवाले हैं और उनके गांव का नाम शिवनार है। कार्तिक की पत्नी रंजना कुमारी लगातार दो बार मुखिया रही हैं।

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