मास्टर प्लान:नदी से 15 की जगह बढ़ाकर 30 मीटर तक निर्माण पर प्रतिबंध, 32 हजार संपत्तियों पर आएगा असर

नए मास्टर प्लान में नदी क्षेत्र से 30 मीटर दूरी तक किसी भी निर्माण पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान रखा गया है। मौजूदा मास्टर प्लान और भूमि सुधार नियम में ये प्रतिबंध 15 मीटर तक का है। यदि ये प्रतिबंध बढ़ता है तो ग्वालियर शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 32 हजार संपत्तियों पर इसका सीधा असर होगा।

शहर में मुरार नदी, स्वर्ण रेखा नदी के किनारे बसे लोगों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में सिंध और पार्वती नदी किनारे बसे क्षेत्रों में इसके गंभीर परिणाम आएंगे। वहीं इस मामले मे लोगों की आपत्तियां आने पर अधिकारियों का कहना है कि अगले महीने होने वाली बैठक में इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। उस बैठक में ही इस पर अंतिम निर्णय होगा।

ये हैं ग्वालियर के नदी क्षेत्र

1. मुरार नदी: हुरावली से मुरार शहीद गेट, नदी पार टाल, काल्पी क्षेत्र, सीपी कॉलोनी होते हुए जड़ेरूआ तक ये नदी निकलती है। इतने क्षेत्र में लगभग 7 हजार मकान ऐसे हैं जो कि नदी के नजदीकी क्षेत्र में बसे हैं।

2. स्वर्ण रेखा: गिरवाई क्षेत्र स्थित हनुमान बांध से शुरू स्वर्ण रेखा नदी कंपू, जीवाजीगंज, फालका बाजार, छप्परवाला पुल, फूलबाग, गदाईपुरा, हजीरा, जहांगीरकटरा से शर्मा फार्म रोड होकर जलालपुर तक जाती है।

3. सिंध: डबरा और उससे सटे पिछोर सर्किल के दर्जनों गांव सिंध नदी किनारे बसे हैं। इन क्षेत्राें में करीब 6 हजार मकान सिंध नदी किनारे के गांव में ही बने हुए हैं। खेती नदी किनारे होने के कारण किसान मकान बना रहे हैं।

4. पार्वती: भितरवार के 4 दर्जन से अधिक गांव पार्वती नदी के किनारे पर ही बसे हुए हैं और लगातार वहां बसाहट बढ़ रही है। अभी इन गांव में लगभग 3 हजार मकान इन गांव में नदी के नजदीकी क्षेत्र में बने हैं।

हजारों लोगाें की संपत्तियां प्रभावित होंगी

नदी क्षेत्र से 30 मीटर दूर तक किसी भी निर्माण को प्रतिबंधित करने का प्रावधान गलत है। इससे हजारों लोगों की संपत्तियां प्रभावित होंगी। साथ ही मास्टर प्लान में सचिन तेंदुलकर रोड को 40 मीटर किए जाने का प्रस्ताव रखा गया है। जो कि गलत है, असर पड़ेगा। – शैलेष जैन

वर्जन

मास्टर प्लान में नदी क्षेत्र से 30 मीटर तक निर्माण प्रतिबंध का प्रस्ताव शामिल किया है। इसे लेकर आपत्तियां आई हैं। अगले महीने कमेटी की बैठक में मामले को सदस्यों के सामने रखेंगे। उस बैठक में इस पर अंतिम निर्णय किया जाएगा। – वीके शर्मा, संयुक्त संचालक/ टीएंडसीपी

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