निगम की तकनीकी गलती …..फायर एनओसी के लिए ऑनलाइन किया था आवेदन, आईडी-पासवर्ड लॉक होने से अटके

अस्पताल, बड़े व्यावसायिक संस्थान और बड़ी इमारतों में फायर सिस्टम लगाकर फायर ब्रिगेड की तकनीकी टीम की अनापत्ति के लिए जिला प्रशासन ने दो सप्ताह का समय दिया है। वहीं, दूसरी ओर चार-पांच माह पहले किए गए आवेदनों पर अभी तक एनओसी नहीं मिल पाई हैं। कारण- 14 अगस्त को हुए हाइड्रोलिक प्लेटफार्म हादसे के बाद से पुराने फायर ऑफिसर की आईडी और पासबर्ड ब्लॉक हो गए हैं। ऐसे में अब उन लोगों को दोबारा से आवेदन देना पड़ेगा।

निगम की इस तकनीकी गलती का खामियाजा शहर के आधा सैंकड़ा से अधिक लोगों को भुगतना पड़ रहा है। एक अस्पताल संचालक का कहना है कि उन्होंने जुलाई माह के अंत में फायर एनओसी के लिए ऑनलाइन आवेदन दिया था। उसके बाद टीम ने आकर निरीक्षण किया और फायर व्यवस्था को लेकर संतोष व्यक्त किया। लेकिन इसके बाद भी अब तक उन्हें एनओसी नहीं मिल पाई। जानकारी लेने पर पता चला कि पुराने आवेदन से अब एनओसी नहीं मिलेगी। इसके लिए नए सिरे से आवेदन करना पड़ेगा।

दरअसल, 14 अगस्त को बाड़ा स्थित पोस्ट ऑफिस पर झंडा बदलने के दौरान हुए हादसे के बाद से तत्कालीन फायर ऑफिसर उमंग प्रधान गायब हैं। ऐसे में विभाग ने उनकी आईडी भी नहीं खोली। उनकी आईडी पर कितने लोगों ने फायर एनओसी के लिए आवेदन दिया था, यह भी विभाग की जानकारी में नहीं हैं।

जांच कर एनओसी जारी कर दी गई है

हमारे पास पिछले 15 दिन में फायर एनओसी के लिए 18 आवेदन आए थे। सभी आवेदनों की जांच कराकर एनओसी जारी कर दी गई हैं। पुराने आवेदनों की जानकारी हमारे पास नहीं है।
-विवेक दीक्षित, फायर ऑफिसर

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