MP में फिर BJP सरकार, CM कौन?

रुझानों में बहुमत के बाद मीटिंग्स का दौर; तोमर-सिंधिया कुछ देर में जाएंगे दिल्ली
सीएम हाउस में सीएम शिवराज सिंह परिवार के साथ विक्ट्री साइन दिखाते हुए…

मध्यप्रदेश में स्पष्ट बहुमत मिलता देख बीजेपी में जश्न का माहौल है। भोपाल स्थित पार्टी मुख्यालय समेत जिला कार्यालयों में भी ढोल-ढमाकों और आतिशबाजी की जा रही है। उधर, पार्टी में आगामी रणनीति को लेकर मेल-मिलाप और बैठकों का दौर भी शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, अश्विनी वैष्णव, प्रभात झा और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा समेत कई वरिष्ठ नेता प्रदेश कार्यालय पहुंचे हैं।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, तोमर और सिंधिया अब से कुछ देर में दिल्ली रवाना होंगे। वहीं, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल भी रात करीब 9:15 बजे दिल्ली जाएंगे। ये तीनों नेता दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं।

बीजेपी प्रदेश कार्यालय में मिठाई बांटकर खुशियां मनाते नेता।
बीजेपी प्रदेश कार्यालय में मिठाई बांटकर खुशियां मनाते नेता।

कौन बनेगा मुख्यमंत्री?

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री कौन बनेगा? यह सवाल जटिल इसलिए हो गया है, क्योंकि शिवराज सिंह चौहान ने इन चुनावों में जिस तरह मेहनत की है और जिस तरह उनकी महिला कल्याण वाली नीतियों की पॉपुलरिटी देखने को मिली है, वो बीजेपी की जीत का एक बड़ा कारण माना जा रहा है। भाजपा ने उनको भले ही सीएम चेहरा घोषित न किया हो, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों की नजर सीएम शिवराज सिंह चौहान पर टिकी हुई हैं।

भाजपा कार्यालय में प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गले मिलकर एक-दूसरे को बधाई दी।
भाजपा कार्यालय में प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गले मिलकर एक-दूसरे को बधाई दी।

मोदी के बाद सबसे ज्यादा सक्रिय रहे शिवराज

जानकार कहते हैं कि चुनाव प्रचार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद यदि कोई नेता सबसे ज्यादा सक्रिय था तो वे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हैं। उन्होंने प्रदेश में 160 से अधिक रैलियां कीं। इस दौरान वे अपने भाषणों में मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर दबाव बनाते दिखे। उन्होंने कई बार पब्लिक से पूछा- मुझे फिर से सीएम या मुख्यमंत्री बनना चाहिए या नहीं? ऐसे में एक बार फिर एमपी के नए सीएम को लेकर चर्चा शुरू हो गई है।

लोकसभा चुनाव को ध्यान में रख फैसला लेगी भाजपा

छह महीने के भीतर लोकसभा चुनाव हैं। ऐसे में भाजपा शिवराज पर विश्वास जताते हुए मध्यप्रदेश में एक बार फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी उन्हें सौंप सकती है। यदि ऐसा होता है तो वे एक नया रिकॉर्ड कायम करेंगे। शिवराज मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा 16 साल से ज्यादा समय से मुख्यमंत्री रहे हैं।

ग्वालियर-चंबल में बढ़त से सिंधिया का भी कद बढ़ा

भाजपा को नतीजों के रुझानों से बहुमत से अधिक सीटें मिलने से साफ है कि मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मैजिक चला है। केंद्रीय नेतृत्व ने रणनीतिक तरीके से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को मध्यप्रदेश चुनाव की कमान सौंपी। जो कारगर साबित हुई, लेकिन जिस तरह से ग्वालियर-चंबल संभाग में भाजपा की सीटों में इजाफा हुआ है, उससे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का कद बढ़ता दिख रहा है, लेकिन सब जानते हैं कि मुख्यमंत्री कौन होगा, यह केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा।

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