ई-नगर पालिका पाेर्टल के माध्यम से जमा कर सकेंगे पैसा:हर घर के बाहर लगेंगी रेडियाे फ्रिक्वेंसी चिप, निगमकर्मी बता सकेंगे संपत्ति और जल कर का कितना बकाया

अब नगर निगम सीमा में रहने वाले संपत्ति मालिक भवन का क्षेत्र कम बताकर संपत्ति कर नहीं बचा सकेंगे। नगर निगग सैटेलाइट और ड्रोन इमेज की मदद से हर घर के क्षेत्र की पहचान करने जा रहा है। निगम हर घर का सर्वे करने के बाद मुख्य द्वार पर रेडियो फिक्वेंसी आईडीफिकेशन (आरएफआईडी) लगा देगा। इसमें संपत्ति कर ही नहीं जल कर और सफाई शुल्क की पूरी डिटेल होगी।

निगम का कर्मचारी बाहर से आरएफआईडी को स्कैन कर मकान मालिक पर बकाया राशि का पता कर सकेगा। निगम इसके लिए पांच करोड़ रुपए खर्च करने जा रहा है। जिस कंपनी को काम मिलेगा, वो दो साल में सर्वे करने के बाद तीन साल और काम को संभालेगी। इसके लिए टेंडर आमंत्रित किए गए थे, जाे 17 नवंबर को खोले जाएंगे।

निगम अफसराें का प्लान है कि एक मकान की एक ही आईडी होगी। सर्वे के बाद नई आईडी बनाकर इसमें संपत्तिकर के साथ जलकर की आईडी को मर्ज किया जाएगा। ऐसा होने पर सिर्फ एक ही कर्मचारी अपने वार्ड में जाकर संपत्ति और जलकर की वसूली कर सकेगा।

संपत्तियों का सर्वे होगा

66 वार्डों में संपत्तियों का सर्वे कराने के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही हैं। जो कंपनी आएगी, वह तीन साल तक काम देखेगी। इसमें घर के बाहर आरएफआईडी लगाएंगे।
-किशोर कन्याल, आयुक्त ननि

ई-नगर पालिका पाेर्टल के माध्यम से जमा कर सकेंगे पैसा

शहरवासियों को जलकर और संपत्तिकर जमा करने के लिए दो बार नगर निगम के ऑफिस में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। एक ही आईडी बन जाने के बाद संपत्ति मालिक ई-नगर पालिका पाेर्टल के माध्यम से घर बैठकर कर चुका सकेंगे।

ये होगा निगम को फायदा

  • सैटेलाइज और ड्रोन इमेज के माध्यम से हर घर का एरिया निगम के रिकाॅर्ड में दर्ज होगा। इससे संपत्तिकर की चोरी नहीं हो सकेगी। इससे नगर निगम की आय में बढ़ोत्तरी होगी।
  • शहर में ऐसे 20 प्रतिशत संपत्ति मालिक हैं, जो घरेलू कनेक्शन लिए हुए हैं। जबकि मकान का उपयोग कमर्शियल हो रहा है। मैपिंग के बाद सभी कमर्शियल कनेक्शन में बदलेंगे और निगम को राशि मिलेगी।
  • ई-नगर पालिका पर हर संपत्ति मालिक का पूरा डाटा उपलब्ध रहेगा। उसमें कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *