इंदौर-भोपाल में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने की तैयारी पूरी, मुख्यमंत्री की हरी झंडी का इंतजार

भोपाल और इंदौर शहर में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने की अधिसूचना तैयार।मुख्यमंत्री के साथ 28 नवंबर को हो सकती है वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक।

भोपाल और इंदौर शहर में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू किए जाने की गृह विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की हरी झंडी मिलने के बाद इसे लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। इसको लेकर 28 नवंबर को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री की बैठक हो सकती है। 29 नवंबर को कलेक्टर-कमिश्नर, आइजी-पुलिस अधीक्षक कांफ्रेंस भी बुलाई गई है।

मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारियों ने बताया कि भोपाल और इंदौर में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने को लेकर सभी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। गृह विभाग ने अधिसूचना भी तैयार कर ली है। इस पर मुख्यमंत्री के साथ अंतिम दौर की चर्चा के बाद प्रणाली को दोनों शहरों में लागू कर दिया जाएगा।

उधर, गृह विभाग ने विधि विभाग से परामर्श करने के बाद अधिसूचना को अंतिम रूप दे दिया है। वित्त विभाग को भी कोई आपत्ति नहीं है। पुलिस कमिश्नर प्रणाली के लिए पदों का सृजन गृह विभाग कुछ पद समर्पित करके करेगा। इससे शासन के ऊपर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं आएगा। पुलिस कमिश्नर को कानून व्यवस्था से जुड़े सभी अधिकार दिए जाएंगे। इसके लिए विभिन्न् अधिनियमों के तहत अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी करके अधिकार प्रत्यायोजित किए जाएंगे।

गैर पंजीकृत साहूकार वसूल नहीं सकता ऋण राशि

प्रदेशवासियों को साहूकारों के शोषण से बचाने के लिए प्रदेश सरकार ने मध्य प्रदेश साहूकार अधिनियम में संशोधन वर्ष 2020 में करके लागू किया है। इसमें प्रविधान है कि गैर पंजीकृत साहूकार द्वारा दिया गया ऋण वसूल नहीं किया जा सकेगा। यदि कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। इसके लिए प्रभावित पक्ष को पुलिस या एसडीएम कार्यालय में सूचना देनी होगी, जिसके आधार पर कार्रवाई होगी। ऐसे मामलों में साहूकार द्वारा बंधक रखी चल-अचल संपत्ति को भी वापस करना होगा। पंजीकृत साहूकार भी मनमाना ब्याज नहीं वसूल सकते हैं। अधिनियम का उल्लंघन करने पर दो साल का कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने का प्रविधान है।

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