मथुरा: छह दिसंबर को लेकर अखिल भारतीय तीर्थपुरोहित महासभा ने की शांति बनाए रखने की अपील, कहा- किसी बहकावे में न आएं
महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और श्रीमाथुर चतुर्वेद परिषद के संरक्षक महेश पाठक ने यहां प्रेस-वार्ता में कहा, ‘‘करीब डेढ़-दो साल के कोरोना काल के बाद अब बाजार खुलने लगे हैं. मथुरा-वृन्दावन जैसे तीर्थस्थलों पर जब तीर्थयात्री आने लगे हैं जिससे धार्मिक पर्यटन से जुडे़ जो व्यवसाय अब तक पूरी तरह से ठप पड़े थे, उनमें अब सांस पड़ने लगी है.’’
उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में अयोध्या के बाबरी ढांचे के विध्वंस के दिन छह दिसम्बर को विभिन्न संगठनों द्वारा घोषित किए गए कार्यक्रमों की संवेदनशीलता को देखते हुए अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा ने आम जनता से अपील की है कि वे छह दिसम्बर को लेकर किसी भी प्रकार के बहकावे में न आएं, किसी की भी अतिशय प्रतिक्रिया से खुद को दूर रखें.
महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और श्रीमाथुर चतुर्वेद परिषद के संरक्षक महेश पाठक ने यहां प्रेस-वार्ता में कहा, ‘‘करीब डेढ़-दो साल के कोरोना काल के बाद अब बाजार खुलने लगे हैं. मथुरा-वृन्दावन जैसे तीर्थस्थलों पर जब तीर्थयात्री आने लगे हैं जिससे धार्मिक पर्यटन से जुडे़ जो व्यवसाय अब तक पूरी तरह से ठप पड़े थे, उनमें अब सांस पड़ने लगी है.’’
अर्थव्यवस्था हो सकती है प्रभावित
उन्होंने कहा कि लेकिन किन्हीं निहित निजी स्वार्थों के वशीभूत कुछ लोग एवं संगठन छह दिसम्बर पर अवांछित गतिविधियां कर यहां भंग करना चाह रहे हैं, यानि कुल मिलाकर यहां की अर्थव्यवस्था सुधरने से पूर्व ही और भी ज्यादा लंबे समय तक प्रभावित हो सकती है.
उन्होंने कहा कि इसलिए जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार को भी किसी भी अवांछित गतिविधि को रोकने के लिए अपना पूरा जोर लगा देना चाहिए, इस काम में मथुरा की जनता एवं आम हिन्दू मतावलंबी भी हमारी समझ से उनका पूरा सहयोग करेंगे.
कई बसों और ट्रेनों का संचालन स्थगित
दूसरी ओर, उत्तर मध्य रेलवे ने भी छह दिसम्बर के एहतियातन तीन से सात दिसम्बर तक मथुरा-वृन्दावन के मध्य चलने वाली रेलबस का संचालन स्थगित रखने का निर्णय लिया है. आगरा मण्डल प्रबंधक कार्यालय के अनुसार इन तिथियों के मध्य 1919 एवं 1920 तथा 1923 व 1924 रेलबस का संचालन स्थगित रहेगा. यानि सात दिसम्बर के पश्चात इनका संचालन पूर्ववत जारी हो जाएगा.
आगरा मण्डल के आयुक्त एवं पुलिस महानिरीक्षक ने बीती देर शाम मथुरा पहुंचकर जिले के कानून एवं व्यवस्था से जुड़े सभी अधिकारियों के साथ बैठक कर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की एवं आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए.
(इनपुट-भाषा)