प्रदेश के अंदर E – WAY BILL अनिवार्य:किराना, ड्रायफ्रूट, कपड़े, सीमेंट, मिनरल वाटर सहित 30 और आइटम ईवे बिल में
अब 30 और वस्तुओं के लिए प्रदेश के अंदर ईवे बिल अनिवार्य कर दिया गया है। इनमें किराना, ड्रायफ्रूट्स, कपड़े, सीमेंट, पटाखे, मिनरल वाटर, कोल्ड ड्रिंक्स के साथ बॉयोडीजल, सभी तरह का स्क्रैप, रबर आदि शामिल हैंं। इसके पहले 11 वस्तुएं ही ईवे बिल के दायरे में थीं। वरिष्ठ कर सलाहकार आरएस गोयल के मुताबिक अब कुल 41 वस्तुओं को प्रदेश के अंदर एक जिले से दूसरे जिले में भेजने पर ईवे बिल लगेगा।
इसमें माल की कीमत 50 हजार और इससे ज्यादा होने पर माल भेजने वाले कारोबारी को इसे जीएसटी विभाग के पोर्टल अपलोड करना होगा। दो दिन पहले गुपचुप तरीके से जारी किए गए इस नोटिफिकेशन पर व्यापारिक संगठनों ने विरोध जताया है। उनका कहना है कि कोविड के बाद बाजार में स्थिति सुधरी थी, फिर से कोविड का डर सता रहा है। सरकार जीएसटी तो सरल नहीं बना रही, नए-नए बोझ और व्यापारियों पर डाल रही है।
इन आइटम के परिवहन पर होगा लागू
सभी प्रकार के कपड़े, रेडीमेड गारमेंट, क्लॉथिंग एसेसरीज जैसे बटन कॉलर इत्यादि, सभी प्रकार के वाहन। उनके पार्ट्स व एसेसरीज, रबर व इससे बनी वस्तुएं, सभी धातुओं का स्क्रैप, बर्तन, सीमेंट व इससे बनी वस्तुएं, मार्बल व ग्रेनाइट, कॉपर ब्रॉस एवं उनके प्रोडक्ट्स, एलुमिनियम एवं उनके प्रोडक्ट, निकल व उसके प्रोडक्ट, नॉन एल्कोहलिक ब्रेवरीज जैसे कोल्ड ड्रिंक्स आदि, पटाखे एवं विस्फोटक, क्रॉकरी, कॉस्मेटिक एवं टॉयलेट ऑर्टिकल, हार्डवेयर गुड्स, प्लास्टिक व इसके आर्टिकल, पैकिंग मटेरियल व रस्सियां, सैनेेटरी गुड्स, पेस्टिसाइड्स, कोयला, पेट्रोलियम प्रोडक्ट, डामर, इमल्शन और बॉयोडीजल, ड्राय फ्रूट्स, किराना सामान, ऑयल सीड्स, पेंट व पुट्टी, शकर की रिफाइनरी से प्राप्त मोलासिस, सुपारी व इससे बनी वस्तुएं, माउथ फ्रेशनर्स एवं इसी प्रकार की अन्य वस्तुएं, मिनरल वाटर, चॉकलेट व कोको युक्त सभी फूड प्रिपरेशन आदि हैं।
अभी इन 11 आइटम पर लागू था
पान मसाला, कन्फेक्शनरी, प्लायवुड लेमिनेटेड शीट, लोहा एवं इस्पात, खाद्य तेल, ऑटो पार्ट्स, सिगरेट तंबाकू व तंबाकू के उत्पाद, इलेक्ट्रिक गुड्स, इलेक्ट्रॉनिक गुड्स, फर्नीचर, लुब्रिकेंट, टाइल्स, सिरामिक गुड्स, सिरामिक ब्लॉक, और सिरामिक पाइप हैं।
बिल न होने पर लगेगी पेनल्टी
नोटिफिकेशन जारी होने के बाद अब एंटी एवेजन विंग इन आयटम के परिवहन पर ईवे बिल देखेगी। जीएसटी विशेषज्ञ सीए सुनील पी जैन ने कहा कि बिना ईवे बिल कारोबारी को जीएसटी एक्ट की धारा 129 के तहत टैक्स के दोगुना राशि के बराबर पेनल्टी लग सकती है।