ब्लूटूथ हेडफोन से लगता है डर! …. अमेरिकी उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस वायर्ड हेडफोन यूज कर रहीं, इसकी वजह जानना आपके लिए भी जरूरी

अमेरिकन कंपनी एपल के एयरपॉड्स दुनियाभर में पसंद किए जाते हैं। वायरलेस ऑडियो डिवाइस में इसकी डिमांड सबसे ज्यादा है। एपल के दूसरे प्रोडक्ट की तरह ये भी सुरक्षित माने जाते हैं। हालांकि, अमेरिका की उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस ब्लूटूथ ऑडियो डिवाइस का यूज नहीं करतीं। बात थोड़ी अजीब है, लेकिन सौ फीसदी सही। उन्हें ऐसा लगता है कि वायरलेस ऑडियो डिवाइस से पूरी तरह सुरक्षित नहीं होते।

अमेरिकी की मीडिया कंपनी पोलिटिको की एक रिपोर्ट के अनुसार, हैरिस ब्लूटूथ हेडफोन्स की बजाय वायर्ड हेडफोन्स को इस्तेमाल करना पसंद करती हैं। वे अपनी सुरक्षा और टेक्नोलॉजी को लेकर बेहद सावधानी दिखाती हैं। उनकी ये सोच कितनी सही है? क्या वाकई ब्लूटूथ हेडफोन्स, एयरपॉड्स को हैक किया जा सकता है? इस खबर में जानते हैं…

कमला हैरिस को क्यों लगता है कि ब्लूटूथ हेडफोन्स हैक हो सकते हैं?
इस मामले पर कई एक्सपर्ट का कहना है कि हैरिस एकदम सही करती हैं, क्योंकि ब्लूटूथ कनेक्शन को हैक किया जा सकता है। सीनेट ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि साइबर क्रिमिनल्स ब्लूटूथ कनेक्शन को हैक करके आपके डिवाइस को कंट्रोल कर सकते हैं। मैलेशियस कोड्स की मदद से हैकर्स आपकी बातचीत भी सुन सकते हैं। इसे 3 बातों से समझ सकते हैं…

  • सॉफ्वेयर डेवलप करने वाली कंपनी सिटीजन लैब्स के सीनियर रिसर्चर जॉन स्कॉट रेलटन ने कहना है कि हैरिस स्मार्ट हैं। वे खतरे को समझती हैं। इसमें क्लोज-एक्सेस अटैक का खतरा भी है। ब्लूटूथ ट्रैंकिंग और सिग्नल कलेक्शन का भी खतरा है।
  • जुलाई 2021 में यूएस की नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी (NSA) ने अपनी एक रिपोर्ट में ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी से जुड़े खतरे के बारे में बताया था। रिपोर्ट के मुताबिक, ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी की मदद से डेटा को शॉर्ट डिस्टेंस तक ट्रांसफर किया जा सकता है
  • NSA ने रिपोर्ट में ये भी बताया कि ब्लूटूथ का इस्तेमाल करके पासवर्ड और सेंसिटिव डेटा ट्रांसफर नहीं करना चाहिए। जो लोग ब्लूटूथ हेडफोन या एयरपॉड्स का यूज कर रहे हैं तो उसे जरूरत के वक्त ही ऑन करें, बाकि टाइम बंद रखें।

ब्लूटूथ हेडसेट की मदद से क्या डिवाइस हैक कर सकते हैं?
2109 में कंप्यूटर एंड कम्यूनिकेशंस सिक्योरिटी को लेकर इस बात का खुलासा किया गया था कि ब्लूटूथ गैजेट्स से आपका पर्सनल डेटा चोरी किया जा सकता है। रिसर्च के अनुसार, इन स्मार्ट गैजेट्स में फिटनेस ट्रैकर, स्मार्टवॉच, वायरलेस ईयरफोन, स्मार्ट स्पीकर और स्मार्टहोम डिवाइसेज शामिल हैं। कैम्ब्रिज में रहने वाले सिक्योरिटी एनालिस्ट मैथ्यू टाउनसेंड का मानना है कि ब्लूटूथ हेडसेट की मदद से किसी डिवाइस के डेटा के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है। उन्होंने इसके दो तरीके भी बताए हैं…

1. ब्लूस्नारफिंग (BlueSnarfing): एक वायरलेस डिवाइस से ब्लूटूथ कनेक्शन के जरिए फोन, डेस्कटॉप, लैपटॉप के बीच के डेटा शेयर किया जाता है। यह कैलेंडर, कॉन्टैक्ट लिस्ट, ईमेल और टेक्स्ट मैसेज तक पहुंचने की परमिशन देता है। वहीं, कुछ फोन्स पर यूजर्स फोटो और वीडियो को कॉपी कर सकता है।

2. ब्लूजैकिंग (BlueJacking): इस प्रोसेस से ब्लूटूथ को ब्लूटूथ से कनेक्ट करके किसी फोन या अन्य डिवाइस पर अवांछित (अन्सलिसिटिड) मैसेज को फोन, लैपटॉप, PDA (पर्सनल डिजिटल असिस्टेंट) पर भेजा जाता है। OBEX फाइल के जरिए किसी अन्य ब्लूटूथ अनेबल डिवाइस पर मैसेज भेजकर डेटा चोरी कर सकते हैं।

ब्लूटूथ ईयरफोन का बिजनेस और डिमांड

 

ट्रू वायरलेस स्टीरियो (TWS) की डिमांड दुनियाभर में तेजी से बढ़ रही है। रिसर्च फर्म काउंटरपॉइंट ने कुछ महीने पहले अनुमान लगाया था कि 2021 में इसकी सालाना ग्रोथ 33% रहेगी। इसकी 310 मिलियन (31 करोड़) यूनिट बिकेंगी। 2020 में TWS की सालाना ग्रोथ 78% रही। कोविड महामारी में वर्क फ्रॉम होम की वजह से इनकी डिमांड बढ़ी है। बीते साल दुनियाभर में इनकी 233 मिलियन (23.3 करोड़) यूनिट की बिक्री हुई थी।

दुनियाभर में वायरलेस ब्लूटूथ हेडफोन का मार्केट 2027 तक 18,680 मिलियन डॉलर (करीब 1.42 लाख करोड़ रुपए) का हो जाएगा। इसमें 2021-2027 के दौरान 10.6% CAGR से ग्रोथ होगी। इसमें सबसे बड़ा प्लेयर अमेरिकन कंपनी एपल होगी। उसके साथ LG, सोनी, GN, सैमसंग जैसी कंपनियां भी शामिल होंगी।

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