नई दिल्ली : 24 कैरेट के मुकाबले 25% सस्ता होता है 18 कैरेट सोना

24 कैरेट के मुकाबले 25% सस्ता होता है 18 कैरेट सोना, खरीदने से पहले इन 5 बातों का रखें ध्यान

लेकिन यदि सोना खरा न हो तो यह इत्मिनान चिंता में बदल सकता है। सोना नकली या कम शुद्धता वाला हो तो इसकी बिक्री बेहद कम भाव पर होगी। ऐसा सोना गिरवी रखकर लोन भी नहीं लिया जा सकता। 24 कैरेट और 18 कैरेट सोने की कीमत में अमूमन 25% का अंतर होता है।

इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन पर 15 अक्टूबर को 24 कैरेट सोना 50,440 रुपए प्रति 10 ग्राम था, जबकि 18 कैरेट सोने की कीमत 37,829 रु. ही थी। इस लिहाज से सोना खरीदने से पहले शुद्धता पक्की करने जैसी बुनियादी बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

धनतेरस पर सोना खरीदने से पहले इन पांच बातों का रखें ध्यान

1. सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें
हमेशा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का हॉलमार्क लगा हुआ सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें। साथ में प्यूरिटी कोड, टेस्टिंग सेंटर मार्क, ज्वैलर का मार्क और मार्किंग की डेट भी जरूर देख लें।

2. कीमत क्रॉस चैक करें
सोने का सही वजन और खरीदने के दिन उसकी कीमत कई स्रोतों (जैसे इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट) से क्रॉस चेक करें। सोने का भाव 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट के हिसाब से अलग-अलग होता है।

3. कैश पेमेंट न करें, बिल लें
सोना खरीदते वक्त कैश पेमेंट बड़ी गलती साबित हो सकती है। UPI (जैसे भीम ऐप) और डिजिटल बैंकिंग के जरिये पेमेंट करना अच्छा रहता है। आप चाहें तो डेबिट या क्रेडिट कार्ड के माध्यम से भी पेमेंट कर सकते हैं। इसके बाद बिल लेना न भूलें। यदि ऑनलाइन ऑर्डर किया है तो पैकेजिंग जरूर चेक करें।

4. भरोसेमंद ज्वेलर से खरीदें
ठगी से बचने का सबसे अच्छा तरीका ये है कि सोना हमेशा भरोसेमंद ज्वेलर से ही खरीदें। ऐसे ज्वेलर्स टैक्स जैसे वैधानिक अनिवार्यता का सही तरीके से पालन करते हैं। चूक होने पर उन्हें ब्रांड वैल्यू गिरने की चिंता रहती है।

5. रिसेलिंग पॉलिसी जान लें
कई लोग सोने को निवेश की तरह देखते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आपको सोने की रिसेल वैल्यू के बारे में पूरी जानकारी हो। साथ ही संबंधित ज्वेलर की बायबैक पॉलिसी पर भी स्टोर कर्मचारियों से बातचीत कर लें।

3 से 30% तक हो सकती है बनवाई
सोने के गहने खरीदते समय बनवाई या मेकिंग चार्ज का जरूर ध्यान रखें। मशीन से तैयार गहनों का मेकिंग चार्ज 3-25% होता है। शुद्ध सोने के सिक्कों का मेकिंग चार्ज सबसे कम होता है। कुछ कारीगर बारीक डिजाइन वाले गहने भी तैयार करते हैं। इनकी बनवाई 30% तक हो सकती है। इस मामले में मोल-भाव की गुंजाइश भी होती है।

डिजिटल गोल्ड में भी कर सकते हैं निवेश
धनतेरस पर गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETF), सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, गोल्ड म्यूचुअल फंड और पेमेंट ऐप के जरिए डिजिटल गोल्ड में निवेश किया जा सकता है। हालांकि किसी भी तरीके से डिजिटल गोल्ड में निवेश करने से पहले इसके बारे में पूरी जानकारी हासिल करना जरूरी है।

ट्रांसपेरेंसी और रियल टाइम अपडेट जरूरी
जब आप डिजिटल गोल्ड में निवेश करने का प्लान बनाते हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि जहां या जिस फर्म में आप पैस लगा रहे हैं वो आपको ट्रांसपेरेंसी और रियल टाइम अपडेट उपलब्ध करा रही है या नहीं। क्योंकि कीमतों में बदलाव होने पर अगर आपको तुरंत पता नहीं चलेगा तो हो सकता है आप ज्यादा और सही फायदा न कमा पाएं।

कितना टैक्स देना होगा
डिजिटल गोल्ड खरीदने पर फिजिकल गोल्ड की ही तरह 3% GST देना होता है। वहीं इसे बेचने पर लगने वाला टैक्स भी फिजिकल गोल्ड की तरह ही होता है। अगर आपने सोना खरीदने के 3 साल के अंदर बेचा है तो इसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाता है। इस बिक्री से होने वाले फायदे पर आपके इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगता है। वहीं अगर सोने को 3 साल के बाद बेचा है तो इसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन माना जाता है। इस पर 20.8% टैक्स देना होता है।

कितना निवेश करना है ये समझें
IIFL सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी एंड करेंसी) अनुज गुप्ता कहते हैं कि भले ही आपको सोने में निवेश करना पसंद हो तब भी आपको इसमें सीमित निवेश ही करना चाहिए। कुल पोर्टफोलियो का सिर्फ 10 से 15% ही सोने में निवेश करना चाहिए। किसी संकट के दौर में सोने में निवेश आपके पोर्टफोलियो को स्थिरता दे सकता है, लेकिन लंबी अवधि में यह आपके पोर्टफोलियो के रिटर्न को कम कर सकता है।

सोने ने बीते 10 साल में दिया 65% का रिटर्न
अभी 24 कैरेट सोने का दाम 51 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम के करीब है। वहीं 10 साल पहले यानी नबंवर 2012 की बात करें तो सोना तक 31 हजार रुपए के करीब था। यानी सोने ने बीते 10 सालों में 65% का रिटर्न दिया है।

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