SC में पहली बार बिना कागजों के इस्तेमाल के होगी सुनवाई, वकीलों को दिया ये आदेश

केजरीवाल vs केंद्र सरकार …?
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि इस मामले की सुनवाई ग्रीन बेंच की तरह होगी। कोई भी फाइलों या पेपर की हार्ड कॉपी न लाएं। इस संबंध में वकीलों को रजिस्ट्री दो दिन की ट्रेनिंग भी देगी।

केंद्र और दिल्ली सरकार की शक्तियों के दायरे के विवादास्पद मुद्दे पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ 27 सितंबर को समय सीमा तय करेगी। संविधान पीठ हार्ड कॉपी के बजाय याचिकाओं और दस्तावेजों की सॉफ्ट कॉपी का उपयोग करके मामले को सूचीबद्ध करेगी।

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने वकीलों को दिया ये आदेश
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि इस मामले की सुनवाई ग्रीन बेंच की तरह होगी। कोई भी फाइलों या पेपर की हार्ड कॉपी न लाएं। इस संबंध में वकीलों को रजिस्ट्री दो दिन की ट्रेनिंग भी देगी। बता दें कि अदालतों की कार्यप्रणाली को पेपरलेस बनाने की दिशा में इस कदम को पर्यावरण सुरक्षा के लिहाज से अहम माना जा रहा है। इतना ही नहीं इस प्रक्रिया से पूर्ण पारदर्शिता भी बनी रहेगी। इसके अलावा प्राकृतिक संसाधनों की भारी बचत भी होगी।

अक्टूबर के मध्य तक दिल्ली मामले पर हो सकती है सुनवाई: पीठ
पीठ में जस्टिस चंद्रचूड़ के अलावा एमआर शाह, कृष्ण मुरारी, हेमा कोहली और पीएस नरसिम्हा भी शामिल हैं। पीठ ने कहा कि वह अक्टूबर के मध्य तक केंद्र और दिल्ली सरकार की विधायी और कार्यकारी शक्तियों के दायरे से संबंधित मामले की सुनवाई अस्थायी रूप से शुरू करेगी।

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