bhind … अनदेखी ….. स्वास्थ्य केंद्र में अल्ट्रासाउंड मशीन फिर भी नियमित नहीं होती जांच, मरीजों को बाजार में कराना पड़ रही है जांच
- सप्ताह में दाे दिन जांच के लिए निर्धारित फिर भी मरीज परेशान
18 लाख की आबादी के जिले में पीड़ितों को किसी भी सरकारी स्वास्थ्य संस्थान में अल्ट्रा सोनोग्राफी की सुविधा ठीक प्रकार से नहीं मिल पा रही है। जिला प्रकार जिला अस्पताल में केवल प्रसूताओं के अल्ट्रासाउंड हो रहे हैं उसी प्रकार स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सप्ताह में दो दिन सोमवार और शुक्रवार इस सुविधा के लिए निर्धारित किए गए हैं। लेकिन निर्धारित दिनों में भी मरीजों को इस सुविधा का ठीक प्रकार से लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसका कारण अगर इन निर्धारित दिनों में शासकीय अवकाश है या डाॅक्टर की कोर्टपेशी या वह खुद छुट्टी पर हैं तो मरीजों को निजी सेंटर पर अल्ट्रासाउंड कराना पड़ रहा है।
इसके एवज में 700- 800 रुपए तक खर्च करना पड़ रहे हैं। यहां बता दें गोहद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अल्ट्रा सोनाग्राफी की सुविधा वर्ष 2020 में शुरू की ई थी। लेकिन यहां इस के लिए कोई डॉक्टर पदस्थ नहीं है। ऐसे में मौ स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉ. अमृत राजे की दो दिन सोमवार और शुक्रवार गोहद में इस कार्य के लिए ड्यूटी लगाई गई है। इन दिनों में कभी सरकारी अवकाश पड़ जाता है और डाॅक्टर को निजी तौर पर अवकाश पर रहते हैं या उनकी कोर्ट पेशी होती है तो मरीजों का इन निर्धारित दिनों में भी अल्ट्रासाउंड नहीं हो पाता है।
इसके बाद मरीज और उनके परिजन के सामने स्थानीय निजी नर्सिंग होम या ग्वालियर जाकर अल्ट्रासाउंड कराने काे मजबूर होना पड़ रहा है। ऐसे गरीब मरीजों को आर्थिक बोझ भी झेलना पड़ रहा है।
खुशनसीब मानते हैं मरीज अगर अल्ट्रासाउंड हो जाए
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कहने मात्र के लिए शुरू की गई अल्ट्रासाउंड की सुविधा जिन मरीजों को मिल जाती है वह अपने को खुशनसीब मानते हैं। जिस दिन अल्ट्रासाउंड होता है उस दिन 20- 22 मरीजों को इस सुविधा लाभ मिल जाता है। शेष दिनों में मरीज 700- 800 रुपए का भुगतान कर निजी नर्सिंग होम पर अल्ट्रा सोनोग्राफी कराने को मजबूर हो रहे हैं।
अस्पताल में दंत रोगियों को भी नहीं मिल रही नियमित सेवाएं
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दांत रोगियों के इलाज के लिए न केवल मशीन उपलब्ध है बल्कि डॉक्टर भी पदस्थ हैं इसे बाद भी मरीजों को नियमित रूप से इलाज की सुविधा नहीं मिल रही है। इसका कारण डॉक्टर का अनियमित रूप से आना जाना है। इस बजह से मरीजों को इलाज के लिए भिंड व ग्वालियर जाना पड़ रहा है। इस समस्या को लेकर स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को भी अवगत कराया गया है।
मरीज और परिजन बोले- नियमित मिलना चाहिए जांच की सुविधा
ग्राम करवास निवासी गायत्री देवी का कहना है कि उनकी पुत्रवधृ गर्भवती है। डॉक्टर ने चैकअप कर उसका अल्ट्रा साउंड कराने काे कहा। लेकिन स्वास्थ्य केंद्र में दिन भर इंतजार किया। डाॅक्टर नहीं आए तब निजी सेंटर पर अल्ट्रासाउंड कराना पड़ा। इसके एबज में गरीब होते हुए भी 800 रुपए का भुगतान करना पड़ा। इसी प्रकार वार्ड क्रमांक 10 निवासी मालतीदेवी ने बताया कि उन्हें लंबे समय से पेट दर्द की शिकायत होने से डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड कराने के लिए लिखा। लेकिन दोपहर तक डॉक्टर का इंतजार किया वह नहीं आए। जब पूछा गया तो बताया गया उनकी कोर्ट में पेशी है। तब निजी नर्सिंग होम में अल्ट्रासाउंड कराया।
समस्या से अधिकारियों को अवगत कराया
स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों को अल्ट्रा सोनोग्राफी की सुविधा प्रतिदिन मिले इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया है। उन्होंने आश्वासन भी दिया है कि जल्दी ही अल्ट्रा साउंड के लिए डॉक्टर की स्थाई व्यवस्था की जाएगी। दंत रोगियों को तो नियमित रूप से सेवाएं मिल रही हैं अगर कोई दिक्कत है तो उसे दूर कराया जाएगा।